जमशेदपुर: झारखंड राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने साकची शीतला मंदिर के प्रबंधन के लिए एक नई कमेटी की गठन की है। इस कमेटी में जिला प्रशासन, धार्मिक पत्रकारिता, कॉर्पोरेट, पुलिस विभाग, अधिवक्ता, समाजसेवी, और राजनीतिक प्रमुख शामिल हैं।
झारखंड राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष ने जमशेदपुर साकची स्थित शीतला मंदिर में गंभीर कुप्रबंधन को संज्ञान में लेते हुए, न्यास के सदस्य श्री जम्मी भास्कर को मंदिर के विवाद की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने की जिम्मेदारी सौंपी थी। जम्मी भास्कर ने मंदिर जाकर सभी पक्षों से बात करने के बाद मंदिर हित में एक रिपोर्ट अध्यक्ष श्री जयशंकर पाठक जी को सौंपी थी।
श्री श्री शीतला माता मंदिर न्यास के सुचारू प्रबंधन हेतु उक्त अधिनियम की धारा 29 के अधीन उक्त समिति को अवक्रमित किया गया है, और धारा 29, धारा 32 सहित अन्य धाराओं के अधीन एक नई न्याय समिति की गई है, जो अगले 5 वर्षों के लिए स्थापित की गई है। इस समिति के सदस्यों में श्री रविंद्र कुमार झा अध्यक्ष, श्री मंगल कालिंदी विधायक उपाध्यक्ष, श्री संजय मिश्रा उपाध्यक्ष, श्री बी डी गोपाल कृष्णा सचिव, श्री विश्वनाथ राय कोषाध्यक्ष, श्री अनिल तिवारी अधिवक्ता सदस्य, श्री परविंदर सिंह सदस्य, श्री प्रकाश झा अधिवक्ता सदस्य, श्री आशुतोष सिंह सदस्य, श्री समांतो कुमार, श्री विजेंद्र पांडे, श्री पवन तिवारी बनाए गए हैं। धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी, जुस्को महाप्रबंधक और साकची थाना प्रभारी के रूप में सदस्य बनाया गया है, को भी समिति में आमंत्रित किया गया है। इस अधिसूचना के माध्यम से सूचित किया जाता है कि सभी अधिसूचित सदस्यों को यह जिम्मेदारी निभाने के लिए आग्रह किया जाता है, ताकि वे श्री श्री शीतला माता मंदिर साकची जमशेदपुर के प्रबंधन और समृद्धि के लिए अपना सहयोग प्रदान कर सकें।
नया प्रबंधन समिति को विभिन्न कार्यों के लिए जिम्मेदार बनाया गया है, जिसमें न्यास और उससे संबद्ध सभी चल अचल संपत्तियों की सुरक्षा संरक्षण, न्यास के आय व्यय का समुचित लेखा संधारण, मंदिर में राग भोग पूजा आदि की समुचित व्यवस्था, और न्यास द्वारा देय पर्षद शुल्क का समय पर भुगतान बोर्ड को करना शामिल है। न्यास समिति न्यास के आय में वृद्धि के लिए प्रस्ताव लागू कर पर्षद की अनुमति से समय समय पर करेगी। इसके साथ ही, न्यास से संबद्ध रीति रिवाज और न्यास के उद्देश्य की पूर्ति करने में भी न्यास समिति का योगदान होगा। धार्मिक उत्सवों त्योहारों में जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास भी समिति की जिम्मेदारी होगी।