झारखंड
Ex-servicemen furious over the insult of Colonel Sofia and Wing Commander Vyomika : 📰 कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका के अपमान पर भड़के पूर्व सैनिक, जमशेदपुर में कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क पर उतरे

- Ex-servicemen furious over the insult of Colonel Sofia and Wing Commander Vyomika
- पूर्व सैनिक परिषद का ऐलान – “सेना का अपमान सहन नहीं, सरकार पाकिस्तान और बयानवीरों पर ले सख्त कार्रवाई”
🛑 मुख्य बिंदु:
- अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने जताया कड़ा विरोध
- कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों पर जताई नाराज़गी
- ‘गटर की भाषा’ करार देते हुए सपा नेता रामगोपाल यादव पर निशाना
- जाति और धर्म पर की गई टिप्पणियों को बताया “सेना और राष्ट्र के खिलाफ”
- बीएनएस धारा 196(1B) के तहत कार्रवाई की मांग
- शहीद स्मारक से बजरंग चौक तक निकाला गया मार्च
📍 जमशेदपुर: कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इसी बीच, अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, जमशेदपुर ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के खिलाफ की गई विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर कड़ा विरोध जताया है।
संगठन ने रविवार को शहीद स्मारक से बजरंग चौक (गोलमुरी) तक एक शांतिपूर्ण मगर गरजदार मार्च निकाला और भारत सरकार से पाकिस्तान समेत उन नेताओं पर सख्त कार्रवाई की मांग की जो सेना और सैनिकों की गरिमा को आघात पहुंचा रहे हैं।
Ex-servicemen furious over the insult of Colonel Sofia and Wing Commander Vyomika, took to the streets in Jamshedpur demanding action
🔥 “गटर की भाषा और मानसिकता” – पूर्व सैनिकों का फूटा आक्रोश
परिषद के सदस्यों ने सपा नेता रामगोपाल यादव द्वारा की गई जातिगत टिप्पणी पर तीखा आक्रोश जताते हुए इसे “सेना का अपमान और राष्ट्रविरोधी मानसिकता” करार दिया।
उन्होंने कहा,
“कर्नल सोफिया को उनके मुस्लिम धर्म के आधार पर आतंकवादियों की बहन कह देना न केवल अपमानजनक है बल्कि इससे भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र और सेना के निस्वार्थ बलिदान की भावना को भी ठेस पहुंची है।”
Ex-servicemen furious over the insult of Colonel Sofia and Wing Commander Vyomika, took to the streets in Jamshedpur demanding action
👩✈️ कौन हैं कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका सिंह?
कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह देश की रक्षा में प्रमुख ऑपरेशन और रणनीतिक दायित्व निभा चुकी हैं। लेकिन हाल ही में इंटरनेट और मीडिया पर वायरल एक बयान में उन्हें धर्म और जाति के आधार पर निशाना बनाया गया।
रामगोपाल यादव ने व्योमिका सिंह के लिए कहा –
“वो ठाकुर नहीं, हरियाणा की जाटव चमार हैं। इसलिए उन्हें कुछ नहीं कहा गया।”
पूर्व सैनिकों ने इस बयान की कड़ी निंदा की और कहा कि –
“सेना में न जाति देखी जाती है, न धर्म – वहां सिर्फ वर्दी, वीरता और बलिदान होता है।”
⚖️ कानूनी दृष्टिकोण और न्यायपालिका की टिप्पणी
इस मुद्दे पर अदालत ने बीएनएस धारा 196 (1B) का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसी टिप्पणियां धार्मिक और जातीय समूहों के बीच शांति भंग करने की मंशा रखती हैं और यह कानूनन अपराध है।
न्यायपालिका ने यह भी कहा –
“जिस तरह से कर्नल कुरैशी को ‘आतंकवादी की बहन’ कहा गया, वह उनके मुस्लिम होने के कारण था। यह देश के सशस्त्र बलों और उनकी निस्वार्थ सेवा का अपमान है।”
✊ “देश के लिए लड़े, अब सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं” – पूर्व सैनिक
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने कहा कि
“हमने देश की सीमाओं पर लड़ाई लड़ी है। अब हमारे सैनिकों के सम्मान और गरिमा की रक्षा के लिए लड़ना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है।”
🔍 विश्लेषण: जब धर्म और जाति पर हो सैनिकों का अपमान
सेना एक ऐसा संस्थान है जो धर्म, जाति और क्षेत्रीयता से परे होता है। ऐसे में यदि किसी सैनिक को उसके धार्मिक या जातिगत पहचान के आधार पर अपमानित किया जाता है, तो यह न केवल व्यक्तिगत अपमान है, बल्कि राष्ट्र की सुरक्षा व्यवस्था और लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी हमला है।
📢 क्या चाहते हैं पूर्व सैनिक?
- बयान देने वाले नेताओं पर एफआईआर और गिरफ्तारी
- सरकार की ओर से आधिकारिक निंदा और सार्वजनिक माफी
- संसद में नीतिगत चर्चा
- सभी राजनीतिक दलों से अपील – सेना को राजनीति से दूर रखें