झारखंड
🕯️ पहलगाम की घटना से फूटा आक्रोश: जमशेदपुर में पूर्व सैनिकों और नागरिकों ने उठाई सख़्त कार्रवाई की मांग

📍 जमशेदपुर, पूर्वी सिंहभूम:
💣 कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुई अमानवीय आतंकी घटना, जिसमें निर्दोष पर्यटकों को धर्म पूछकर निशाना बनाकर हत्या कर दी गई, ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस नृशंस कृत्य की जानकारी जैसे ही पूर्व सैनिक सेवा परिषद (पूर्वी सिंहभूम) के पदाधिकारियों और सदस्यों को सोशल मीडिया के माध्यम से मिली, पूरे संगठन में रोष और गहरी पीड़ा की लहर दौड़ गई।
⚔️ “अब आर-पार की लड़ाई ज़रूरी” — पूर्व सैनिकों की मुखर आवाज़
पूर्व सैनिकों और नागरिक समाज के सैकड़ों लोगों ने एकजुट होकर गोलमुरी वॉर मेमोरियल से आकाशदीप प्लाजा गोलचक्कर तक आक्रोश रैली निकाली। आतंकवाद के खिलाफ़ नारे, पुतला दहन और दो मिनट का मौन श्रद्धांजलि इस विरोध प्रदर्शन की मुख्य गतिविधियाँ रहीं।
मारे गए 28 निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वक्ताओं ने कहा:
“केवल 28 नागरिक नहीं मरे हैं, उनके साथ उनके पीछे छूटे सैकड़ों परिवारों की आत्माएं भी घुट-घुट कर मर चुकी हैं।”
इजरायली नीति अपनाने की मांग
कई पूर्व सैनिकों और नागरिकों ने स्पष्ट रूप से भारत सरकार से इजरायल मॉडल अपनाने की मांग की। उनका कहना था कि—
“जिस तरह इजरायल अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाता है, भारत को भी अब आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को जड़ से खत्म करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाने चाहिए।”
🕊️ श्रद्धांजलि और संकल्प
कार्यक्रम के दौरान मारे गए पर्यटकों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। साथ ही, देशभर में आतंक की छाया को समाप्त करने के लिए एकजुट होकर संघर्ष करने का संकल्प लिया गया।
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कार्यक्रम की अगुवाई और सहभागिता
इस पूरे विरोध कार्यक्रम का आयोजन कोशिश – एक मुस्कान लाने की संस्था के संस्थापक शिवशंकर सिंह के आह्वान पर हुआ। इसमें शामिल रहे:
🔹 राष्ट्र चेतन संस्था से — राजीव जी, सुभाष जी
🔹 प्रमुख भागीदार — सुशील कुमार सिंह, राजीव रंजन, दिनेश सिंह, हंसराज सिंह, महेश प्रसाद, कुमार रवि, उत्पल सिंह, रमाशंकर काम बाबू, अर्जित विश्वास, संजय पाठक, सत्येंद्र तिवारी, कन्हैया कुमार, कुंदन सिंह, अशोक कुमार श्रीवास्तव, रजत दे, सुरेंद्र प्रसाद मौर्य, संतोष कुमार सिंह, संतोष दीपक
इनके साथ सैकड़ों पूर्व सैनिक और जागरूक नागरिक इस आयोजन में शामिल हुए।
📌 विशेष बिंदु:
- 💣 आतंकियों के धर्म आधारित निशाने पर निर्दोष पर्यटक
- 🔥 जमशेदपुर में पुतला दहन और आक्रोश रैली
- 🧓 पूर्व सैनिकों का संयम टूटा — निर्णायक कार्रवाई की मांग
- 🛡️ इजरायल जैसी सुरक्षा नीति लागू करने का सुझाव
- 🕯️ मृतकों को मौन श्रद्धांजलि और नागरिक एकता का संकल्प
पहलगाम की घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आतंकवाद अब भी हमारे देश की एक बड़ी चुनौती है। जमशेदपुर के पूर्व सैनिकों और नागरिक समाज ने जो संदेश दिया है, वह सिर्फ एक विरोध नहीं, बल्कि राष्ट्र के लिए एक जागरण है।
अब समय आ गया है कि आतंक के खिलाफ केवल निंदा नहीं, निर्णायक और ठोस कार्रवाई की जाए।
“नरसंहार का उत्तर अब सहिष्णुता नहीं, सुरक्षा और संहार से ही दिया जाएगा।” 🇮🇳