दोस्तों क्या हो अगर हमारे दिमाग को कम्प्यूटर में बदल दिया जाये या कुछ भी रटने या सीखने की जरुरत ही ना पड़े और दुनियां की सारी जानकारी एक पेन ड्राइव या मेमोरी चिप में डालकर हमारे शरीर में कहीं लगे ड्राइव रीडर से सारा ज्ञान मस्तिष्क में ट्रांसफर कर दिया जाए और एक ही मिनट में वह बन जाए जो बनना चाहते हैं, जैसे – डॉक्टर, इंजिनियर, पायलट, आर्टिस्ट या सबकुछ, सबके गुण हमारे में आ जाएँ।
मजा आ जायेगा ना।
तो इस मजे को लेने के लिए तैयार हो जाइये क्योंकि अब यह सब सच होने जा रहा हैं।
दुनियां के अरबपति एलन मस्क इस सपने को हकीकत में बदलने जा रहें है। आपको बता दें की एलन मस्क SpaceX कंपनी के मालिक हैं और स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट योजना पर काम कर रहें हैं। इनकी दूसरी कंपनी न्यूरालिंक (Neuralink) जो ह्यूमन कंप्यूटर इंटरफेस पर काम कर रही है। यह कंपनी नैनों चिप के द्वारा यह करिश्मा करने जा रही है। आपको बता दें की यह नैनों चिप शरीर के एक बाल की तुलना में 10 गुना छोटा है।
एलन मस्क एक महत्वकांक्षी व्यक्ति हैं और वे हर काम करना चाहते हैं जो की मनुष्य का एक सपना होता हैं।
इसी क्रम में वो अब एक ऐसे काम में जुट गए हैं, जिसके द्वारा किसी भी व्यक्ति के दिमाग को बड़ी आसानी से कंप्यूटर के माध्यम से पढ़ा जा सके, उसे काबू किया जा सके और अपने मुताबिक कमांड देकर कोई काम कराया जा सके। खासकर न्यूरालिंक शरीर के नर्वस सिस्टम (Nervous system) पर केंद्रित हो कर रिसर्च कर रही है। उनका यह प्रयोग विज्ञान और मेडिकल दो अलग – अलग कड़ीयों को जोड़ना हैं जिससे की शारीरिक अक्षमता या अपंग हो चुके लोगों को लाभ मिल सके।
न्यूरालिंक पिछले कई सालों से जानवरों पर न्यूरल इंटरफेस के प्रयोग में जुटी है। इससे सम्बंधित कई वीडियो जारी भी किये गए हैं। न्यूरालिंक ने 19 जानवरों के ऊपर यह प्रयोग किया है जिसमें से 87% ही सफलता मिली है। लेकिन अब उनकी महत्वकांक्षा इंसानों पर प्रयोग को लेकर हैं। न्यूरालिंक ह्यूमन कंप्यूटर इंटरफेस माइंड रीडिंग चिप पर काम करने जा रही है। यह अभी अपने आरंभिक चरण में है लेकिन इंसानी दिमाग को कृत्रिम तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
क्या यह प्रयोग मानव सभ्यता के लिए खतरा बन सकती है ?
जैसा की आप सभी जानते है किसी भी चीज का प्रयोग या उपयोग एक सीमा तक किया जाए तो कल्याण होता है और यही प्रयोग सीमा से बाहर चला जाए तो विनाश होता हैं। इस प्रोजेक्ट को लेकर ऐसे सवाल उठना स्वाभाविक ही है। यदि मनुष्यों पर यह प्रयोग सफल होता तो कंप्यूटर के जरिए कमांड देकर उनसे कोई भी काम कराया जा सकता है। अच्छे काम भी और बुरे काम भी। यदि इसका गलत प्रयोग हुआ तो यह मानव अस्तित्व के लिए खतरा भी बन सकता है। लेकिन इस प्रयोग के कई फायदे भी हो सकते हैं। कई बिमारियों से मुक्ति मिलने की संभावना बढ़ जायेगी। फ़िलहाल यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। हम इससे लाभ ले पाएंगे या इसका दुरूपयोग करेंगे।