जमशेदपुर : 09.07.2024 को प्रभात खबर के जमशेदपुर संस्करण के पृष्ठ संख्या-05 में प्रकाशित समाचार जिसका शीर्षक “डीसी साहब, बच्चों के हाथ में लड्डू देने के बजाय फेंक कर न दें’ ‘दाखिला प्रक्रिया के सात माह बाद भी बीपीएल बच्चों की 113 सीटें खाली’ का जिला प्रशासन द्वारा खंडन किया जाता है।
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विदित हो कि झारखण्ड निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के प्रावधान् 11 (1) में स्पष्ट प्रवधान है कि “प्रवेश के लिए विस्तारित अवधि विद्यालय के शैक्षणिक वर्ष के प्रारंभ की तारीख से छह मास की होगी” अर्थात माह सितम्बर तक निजी विद्यालयों के प्रवेश कक्षा के 25 प्रतिशत आरक्षित सीट पर कमजोर वर्ग एवं अभिवंचित समूह के बच्चों का नामांकन किया जा सकता है।शैक्षणिक सत्र 2024-25 में आर०टी०ई० के तहत् निजी विद्यालयों में आरक्षित सीट पर प्रथम बार नामांकन हेतु ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से आवेदन प्राप्त किये गये।उपायुक्त, महोदय के निदेश के आलोक में सभी नगर निकाय, अंचल कार्यालय एवं अस्पताल के स्तर से त्वरित गति से संलग्न अभिलेखों का ऑनलाईन सत्यापन सभी विभागों द्वारा 10 दिनों के अंदर पूर्ण कर लिया गया।
ज्ञात हो कि पूर्व में ऑफलाईन सत्यापन में महीनों लगते थे। प्राप्त आवेदनों के स्क्रूटनी के उपरांत दिनांक 27.04.2024 को प्रथम चरण के चयन प्रक्रिया उपायुक्त महोदय के देख-रेख में सम्पंन की गई। दूसरे चरण के चयन की प्रक्रिया हेतु प्रथम चरण में चयनीय बच्चों के नामांकन के पश्चात् विद्यालयों से प्राप्त खाली सीट का प्रतिवेदन के अधार पर दिनांक 03.07.2024 को चयन की प्रक्रिया पूर्ण की गई। जिसमें 143 बच्चों का चयन किया गया ।जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में ही दो चरणों में कुल 1391 सीटों के लिए लॉटरी के माध्यम से चयन प्रकिया सम्पंन हो चुकी है जबकि पूर्व में इससे अधिक समय लंगता था ।
उपायुक्त महोदय के मार्गदर्शन में कम समय में ही पूर्व के शैक्षिणक सत्रों से अधिक नामांकन पूर्ण हो चुका है। जहाँ तक कि दूसरे चरण के चयन प्रकिया के पश्चात् खाली सीट अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय एवं वैसे विद्यालय है जहाँ आवेदन नहीं प्राप्त हुआ है। ऐसी स्थिति में उक्त विद्यालयों में बच्चों का चयन किया जाना सम्भव नहीं है।आपके समाचार पत्र में दिनांक 09.07.2024 को प्रकाशित समाचार आधारहीन एवं तथ्यों से परे है। ऐसी खबरों से प्रशासन की छवि धूमिल होती है एवं अभिभावकों में भी असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही है। प्रकाशित समाचार का खंडन कर वस्तुस्थिति से पाठकों को अवगत कराया जा सकता है।