क्राइम
💔 जमशेदपुर में स्वास्थ्य पदाधिकारी ज्योति कुमारी की निर्मम हत्या: लिव-इन पार्टनर डॉक्टर विजय मोहन गिरफ्तार, हत्या की बात कबूली

🔴 शक, योजना और छल का खौफनाक अंजाम
🔴 कुदाल से वार कर की गयी थी हत्या, डॉक्टर ने पुलिस के सामने किया खुलासा
🔴 पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर संदेह, अंतिम संस्कार अब भी लंबित
📝 विशेष रिपोर्ट | क्राइम जमशेदपुर
एमजीएम थाना क्षेत्र के रुहीडीह स्थित आरोग्यम आयुष्मान मंदिर स्वास्थ्य केंद्र की कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) ज्योति कुमारी की 23 अप्रैल को इलाज के दौरान रांची के मेडिका अस्पताल में मौत हो गई। यह मौत कोई सामान्य नहीं थी — इसकी तह में जब पुलिस गई, तो सामने आई साज़िश, शक और विश्वासघात की दिल दहला देने वाली कहानी।
हत्या के आरोप में लिव-इन पार्टनर गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में ज्योति के कथित पति और लिव-इन पार्टनर डॉ. विजय मोहन सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। शुरुआत में उसने हत्या से इनकार किया, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की, तो उसने ज्योति की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली।
🔍 हत्या का कारण: प्रेम-संबंध को लेकर शक
पूछताछ में विजय मोहन ने बताया कि उसे संदेह था कि ज्योति का किसी अन्य पुरुष से प्रेम संबंध है। इसी शक के चलते उसने हत्या की सुनियोजित साजिश रची। उसने पहले ज्योति के भाई प्रेम प्रकाश महतो को बच्चों के साथ बाल कटवाने भेज दिया, ताकि कोई गवाह न रहे। फिर उसने घर में घुसकर कुदाल जैसे औजार से ज्योति के सिर पर तीन बार वार किया।
मेडिकल रिपोर्ट में उलझाव: गोली या कुदाल?
मेडिकल बोर्ड द्वारा किए गए पोस्टमार्टम में यह आशंका जताई गई कि ज्योति की मौत गोलियों के कारण हुई हो सकती है, हालांकि सिर में गोली के निशान नहीं मिले।
इससे परिवार वालों को शक हुआ कि डॉ. विजय मोहन कहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छेड़छाड़ न कर दे, इसलिए उन्होंने दोबारा पोस्टमार्टम की मांग की और शव को कांके के शीतगृह में रखवा दिया।
फिलहाल शव का अंतिम संस्कार नहीं हुआ है, और मामला अभी जांच के दायरे में है।
🏠 जमीन, संपत्ति और संबंधों का जटिल ताना-बाना
- ज्योति के पिता आर्मी में कार्यरत थे और उन्होंने दो शादियां की थीं।
- दूसरी पत्नी से जन्मी ज्योति को उन्होंने अपनी 65 डिसमिल जमीन में से 30 डिसमिल जमीन दी थी।
- ज्योति के पहले पति भी आर्मी में थे, लेकिन उनका निधन हो चुका था।
- बाद में स्वास्थ्य विभाग में कार्य के दौरान डॉ. विजय मोहन से मुलाकात हुई और दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे।
सोशल मीडिया पर छाई त्रासदी
ज्योति कुमारी की निर्मम हत्या ने जमशेदपुर सहित पूरे क्षेत्र को हिला दिया है। घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई है, जहां लोग महिलाओं की सुरक्षा, लिव-इन संबंधों की कानूनी जटिलता और पुलिस जांच की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं।
🚨 अब आगे क्या?
- पुलिस ने घटना स्थल से कुदाल बरामद की है, जो मुख्य सबूत बन सकता है।
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अंतिम निष्कर्ष आने के बाद हत्या की धारा और सजा तय होगी।
- परिजनों की मांग पर मामला और गहराई से जांचा जा रहा है।
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अब खबर विस्तार से पढ़ें :
एमजीएम थाना क्षेत्र के रुहीडीह स्थित आरोग्यम आयुष्मान मंदिर स्वास्थ्य केंद्र की स्वास्थ्य पदाधिकारी (सीएचओ) ज्योति कुमारी का बुधवार को रांची के मेडिका अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। इस मामले में पुलिस ने उनके कथित पति और लिव-इन पार्टनर डॉ. विजय मोहन सिंह को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद पुलिस उन्हें एमजीएम थाना लेकर पहुंची, जहां उनसे पूछताछ जारी है। इस हत्या मामले में ज्योति के भाई प्रेम प्रकाश महतो के बयान पर अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
ज्ञात हो कि 18 अप्रैल को ज्योति कुमारी के सिर पर कुदाल से हमला किया गया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। वारदात के बाद से ही डॉ. विजय मोहन सिंह पुलिस के संदेह के घेरे में थे। घटनास्थल से पुलिस ने एक कुदाल भी बरामद की है।
पुलिस द्वारा की गई कड़ाई से पूछताछ में डॉ. विजय मोहन सिंह ने आखिरकार हत्या की बात स्वीकार कर ली। उसने बताया कि उसे संदेह था कि ज्योति का किसी अन्य व्यक्ति से प्रेम संबंध था, इसी शक के चलते उसने हत्या की योजना बनाई। उसने छोटे गैंता से ज्योति के सिर पर तीन बार वार किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हुईं और बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
आरोपी ने यह भी स्वीकार किया कि वह घटना को पूरी तरह सुनियोजित तरीके से अंजाम देना चाहता था। इसके लिए उसने ज्योति के भाई प्रेम प्रकाश महतो को बच्चों के साथ बाल कटवाने भेज दिया, ताकि घर में कोई गवाह न हो। वारदात के बाद उसने झूठा बयान दिया कि तीन-चार अज्ञात लोग घर में घुसे और ज्योति पर हमला कर भाग निकले।
ज्योति कुमारी की मृत्यु के बाद उनके शव का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों ने संदेह जताया कि उनकी मौत गोली लगने से हो सकती है, हालांकि सिर में गोली के कोई निशान नहीं पाए गए। इससे परिवार वालों को शंका हुई कि कहीं डॉ. विजय मोहन सिंह पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेरफेर न करवा दें। इसी कारण परिजनों ने दोबारा पोस्टमार्टम की मांग की और शव को कांके के शीतगृह में रखवा दिया। फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार है और शव का अंतिम संस्कार अभी तक नहीं किया गया है।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है और सोशल मीडिया पर भी यह मामला लगातार चर्चा में है। ज्योति कुमारी के पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो उनके पिता सेना में कार्यरत थे और उन्होंने दो विवाह किए थे। पहली पत्नी से एक बेटा था, जबकि दूसरी पत्नी से ज्योति और प्रेम प्रकाश महतो का जन्म हुआ। पिता ने अपनी 65 डिसमिल जमीन में से 30 डिसमिल जमीन ज्योति के नाम की थी। ज्योति के पहले पति भी आर्मी में थे, लेकिन उनका निधन हो चुका था। बाद में उनकी मुलाकात डॉ. विजय मोहन से हुई और दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे।
यह मामला न सिर्फ एक हत्या की कहानी है, बल्कि उसमें छुपे रिश्तों की पेचीदगियों, शक, संपत्ति और विश्वासघात की परतें भी उजागर करता है।
निष्कर्ष:
ज्योति कुमारी की यह दुखद कहानी शक, अधिकार और अविश्वास की उस कड़वी हकीकत को उजागर करती है जो कई बार रिश्तों के भीतर पलती है।
यह घटना हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि आधुनिक रिश्तों की परिभाषा के साथ-साथ हमें कानूनी सुरक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संवाद की जरूरत को भी गंभीरता से लेना होगा।