भारतीय जनतंत्र मोर्चा के जमशेदपुर ज़िलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव का प्रेस वक्तव्य।
जमशेदपुर, 1 सितंबर 2024: कॉंग्रेस नेता डॉ० अजय कुमार झूठ और गलथेथरई के चलता फिरता पुलिंदा हैं. हिटलर के प्रचार मंत्री गोयेबल्स के उत्तराधिकारी हैं जो कहते थे कि एक झूठ को सौ बार दुहराओ तो लोग उसे सच मानने लगते हैं.
1. इन्द्रा नगर- कल्याण नगर के घरों के टूटने का मामला
एनजीटी ने जमशेदपुर के किसी घर को तोड़ने का कोई आदेश नहीं दिया है. एनजीटी को लिखे पत्र में श्री अर्जुन मुंडा ने स्वर्णरेखा किनारे बहुमंज़िला इमारतों के खड़ा होने पर तथा दलमा इको-सेंसिटिव ज़ोन में अवैध गतिविधियाँ चलने पर चिंता व्यक्त की है. इसपर एनजीटी ने दिनांक 30 जनवरी 2024 के आदेश के बिन्दु-9 पर निर्देश दिया है कि नियमों का उलंघन करने वालों को भी इस मुक़दमा में पक्षकार बनाया जाए ताकि उनकी बात भी सुनी जाए. परंतु डॉ॰ अजय कुमार की सरकार ने बहुमंज़िला इमारतों को तो क्लीन चिट दे दिया परंतु इन्द्रा नगर- कल्याण नगर के 150 घरों को नोटिस पर नोटिस भेज दिया.
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2. भाजपा-आरएसएस मानसिकता वाले अधिकारी
डॉ॰ अजय कुमार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर अधकचरी जानकारी दी है और उन्हें गुमराह किया है कि बस्तियों के घरों को तोड़ने की नोटिस देने वाले उनकी सरकार के अफ़सर भाजपा-आरएसएस मानसिकता वाले हैं. अधकचरी जानकारी रखने वाले डा॰ अजय कुमार को पता होना चाहिए कि उनकी पार्टी वाली झारखंड सरकार ने एनजीटी के 20 सितंबर 2023 के आदेशानुसार एक संयुक्त जाँच समिति बनाया है जिसमें जल संसाधन विभाग के सचिव, पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त, वन विभाग के सीसीएफ, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय पदाधिकारी, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव.
भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं. पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त के निर्देश पर अंचल अधिकारी जमशेदपुर ने इन्द्राननगर- कल्याण नगर के घरों को तोड़ने की नोटिस दिया है. झारखंड सरकार के मुख्य सचिव के भी शपथ पत्र देना है. हिम्मत है तो डा॰ अजय कुमार बताएँ कि इनमें से कौन अधिकारी भाजपा-आरएसएस मानसिकता वाले हैं.
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3. स्वर्णरेखा महोत्सव एवं हरमू का प्रदूषण
डा॰ अजय कुमार ने अपने बयान में श्री सरयू राय द्वारा आयोजित स्वर्णरेखा महोत्सव का उपहास किया है. उन्हें पता होना चाहिए कि स्वर्णरेखा प्रदूषण मुक्ति अभियान के कारण ही टाटा स्टील और जेएनएसी नदी में गिरने वाले नालों पर सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बना रहे हैं. राज्य से बाहर रहने के कारण अजय कुमार को नहीं पता है कि हरमू के हालात के बारे में विधानसभा के भीतर और बाहर श्री सरयू राय ने कितनी बार सवाल उठाया है. वे दामोदर की चर्चा करना भूल जाते हैं.
4. एनजीटी का आदेश
एनजीटी ने कभी भी बस्तियों को तोड़ने का आदेश नहीं दिया है. बस्तियों के घरों को तोड़ने की नोटिस जिला प्रशासन ने दिया है. डा॰ अजय इस बारे में अपनी सरकार के संबंधित अधिकारियों को दोषी नहीं ठहरा रहे हैं. एनजीटी ने 30.1.2024 के अपने आदेश में प्रभावितों को मुक़दमा में पक्षकार बनाने का आदेश दिया है. डा॰ अजय ने दावा किया था कि नोटिस पाने वाले बस्तीवासियों की ओर से वे एनजीटी जाएँगे. यदि उनमें हिम्मत है तो वे वकील की मार्फ़त एनजीटी जाएँ और जो बातें वे प्रेस कांफ्रेंस में कह रहे हैं उन बातों को शपथ पत्र पर एनजीटी के सामने दुहराएँ. क्या वे मेरी यह चुनौती स्वीकार करेंगे ? जो प्रेस कांफ्रेंस में कह रहे हैं वह एनजीटी में कहेंगे ?
5. जनसेवा की राजनीति का सच
डा॰ अजय नोएडा के फार्म हाउस से जमशेदपुर की राजनीति करते हैं. चुनाव सामने है तो जमशेदपुर में अवतरित हो गए है. चुनाव खतम होते ही फिर से नोएडा चले जाएँगे और किसी पूँजीपति घराने में फिर सेवा का अवसर तलाशेंगे. वैसे भी वे इन्द्रा नगर- कल्याण नगर के बस्तीवासियो के कंधा पर बंदूक़ रखकर दलमा इकोसेंसिटिव जोन में चल रही उन बड़े उद्योगों के पूँजीपति मालिकों के हितों की रक्षा कर रहे हैं जिन्होंने बिना स्थापना और बिना संचालन की अनुमति लिए उद्योग चला रहे हैं और दलमा की पारिस्थितिकी पर प्रतिकुल प्रहार कर रहे है. डा॰ अजय वस्तुतः इन पूँजीपतियों के एजेंट का काम कर रहे हैं.
डा॰ अजय अपनी छिछोरी हरकत से बाज आएँ और झूठ परोसकर जनता को गुमराह नहीं करें. हिम्मत है तो जो बातें प्रेस कांफ्रेंस में कह रहे हैं उन्हें शपथ पत्र पर एनजीटी में कहें और अपनी झारखंड सरकार के खिलाफ बिना किसी आदेश के घरों को तोड़ने की नोटिस देने के लिए अभियान चलाएँ.