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अहमदाबाद विमान हादसे पर करुणामय मंडल की मार्मिक कविता – “जानी पहचानी थी सफर”, के माध्यम से संवेदना व्यक्त

जमशेदपुर | 13 जून 2025 : अहमदाबाद में हाल ही में हुए हृदय विदारक विमान हादसे ने पूरे देश को गमगीन कर दिया है। इस त्रासदी में कई परिवारों ने अपनों को खोया है। पूर्वी सिंहभूम जिला के पोटका प्रखंड से पूर्व जिला पार्षद करुणामय मंडल ने इस भीषण हादसे पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए एक भावुक कविता के माध्यम से अपनी भावनाएं साझा की हैं।
करुणामय मंडल ने कहा कि इस दुर्घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। वे मानते हैं कि यदि वे अपने शब्दों के माध्यम से इस दुःख को थोड़े-बहुत अंशों में अभिव्यक्त कर सके हैं, तो यह उनका सौभाग्य है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्वर से प्रार्थना की है कि दिवंगत आत्माओं को शांति मिले और जो सच्चाई है वह सामने आए।
कविता – “जानी पहचानी थी सफर”
जानी पहचानी थी सफर
कैसे अनजानी बन गई।
स्वस्थ्य सबल सपरिवार थे
कैसे कहानी बन गई।।
सच कहते हैं स्वर्ग की राह
आसमान से होती है।
स्वर्ग जाने वालों की सफर
दिव्य विमान से होती है।।
अहमदाबाद अब गवाह है
इस अद्भुत सफर की।
इस आसमान की राह से
उस स्वर्ग की डगर की।।
कितने परिवार बच्चे बुजुर्ग
कितने माता बहनें।
जो भी थे इस सफर में
सब ने खोई जानें।।
विदा ली थी घर से जब ये
हवा में थी अंतिम बातें।
ओझल भी ना हुई होगी
अंत की वो मुलाकातें।।
सुनी होगी घर वालों ने
शुनी हो गई सारी घरें।
विश्वास ना करने वाली
सुनी होगी वो सच खबरें।।
किसे पता है साजिश ये
भगवान या हैवानों की।
रहस्य जब ना हो उजागर
संदेह सदा अनजानों की।।
मनुष्यों के इस जीवन में
आती है कुछ मनहूंस पलें।
छीन लेती है सारी खुशियां
पल भर की वो पल कालें।।
हे जीवन के अंतिम यात्री
मिले सब को प्रभु चरण।
गर हुआ है साजिश शिकार
हो रहस्य का उद्भेदन।।
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🕊️ भावार्थ (कविता का सार)
यह कविता एक गहरी संवेदनशीलता के साथ उस विमान हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति श्रद्धांजलि है। कवि कहता है कि जो सफर अपनेपन से भरा था, वह एक रहस्यमयी और दुखद कहानी में बदल गया।
वह मानता है कि स्वर्ग की ओर अंतिम यात्रा इसी आकाशीय मार्ग से होती है, और अहमदाबाद इस दर्दनाक उड़ान का साक्षी बना।
कविता में उस पल की पीड़ा झलकती है जब लोग घर से हंसते हुए विदा लेते हैं, लेकिन कुछ ही देर में सब खत्म हो जाता है।
कवि ने उस अंतिम बातचीत, उस अंतिम क्षण और फिर घर में गूंजती उस दुखद खबर को बेहद मार्मिक ढंग से चित्रित किया है।
अंत में कवि ईश्वर से प्रार्थना करता है कि अगर यह हादसा किसी साजिश का नतीजा है, तो उसका पर्दाफाश अवश्य हो और मृतकों की आत्मा को शांति मिले।
✒️ कवि: करुणामय मंडल, पूर्व जिला पार्षद पोटका, पूर्वी सिंहभूम
मोबाइल: 9693623151
प्रस्तुति तिथि: 13 जून 2025, समय – अपराह्न 12:36 बजे
🙏 पूरा जिला इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा है।