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झारखंड

🛡️ एमएस आईटीआई में Civil Defense प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न: छात्रों को सिखाई गई आपदा प्रबंधन की बारीकियां

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Civil Defense training camp concluded at MS ITI: Students were taught the nuances of disaster management.

  • सीपीआर, फर्स्ट एड, फायर सेफ्टी और मॉक ड्रिल के माध्यम से 50 से अधिक लोगों को किया गया प्रशिक्षित

📍 JAMSHEDPUR : 🧯 सिविल डिफेंस बना जीवन रक्षक

आज के समय में जब प्राकृतिक आपदाएं, दुर्घटनाएं और अन्य संकट आम होते जा रहे हैं, ऐसे में सिविल डिफेंस आम नागरिकों के लिए एक सुरक्षा कवच बन चुका है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए आज एमएस आईटीआई परिसर में सिविल डिफेंस का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया।

🩺 फर्स्ट एड, CPR और मॉक ड्रिल से जागरूकता

शिविर के दौरान प्रतिभागियों को एक्सीडेंट के बाद राहत प्रदान करने, बेहोश व्यक्ति को ऊपरी मंजिल से सुरक्षित नीचे लाने, घर या फैक्ट्री में आग लगने की स्थिति में सुरक्षा उपाय, तथा सीपीआर (हृदय गति रुकने पर प्राथमिक उपचार) जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रशिक्षित किया गया।

🧠 प्रशिक्षण में शामिल रहे ये प्रमुख चेहरे

इस मौके पर सिविल डिफेंस के चीफ वार्डन अरुण कुमार, डिप्टी वार्डन डीके मिश्रा, बड़ा बाबू सुरेश प्रसाद समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
एमएस आईटीआई के डायरेक्टर खालिद इकबाल, काशिफ रजा खान, सैयद तारिक आलम, इरफान अहमद, इश्तियाक, अहमद साबिर हुसैन, फैयाज अहमद जैसे कई शिक्षकों और विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण को और भी प्रभावशाली बनाया।

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👨‍🏫 छात्र-छात्राओं का जोश और सहभागिता

संस्थान की प्रिंसिपल मेहरुन निसा रूमी, बुशरा इब्राहिम खान, सबाना, सभा परवीन, मंतशा आलिया, अलीशा, नूरजहां, मुर्शीद, मोहम्मद दिलशाद, फिरदौस, महमूद जैसे तमाम शिक्षकों एवं छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
50 से अधिक प्रतिभागियों को इस प्रशिक्षण से वास्तविक जीवन के लिए नई समझ और आत्मविश्वास मिला।

🙏 कार्यक्रम की सफलता और समापन

जमी उस्मानी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। वहीं, तारीख आलम और इरफान साहब ने मरीज को स्ट्रेचर से उतारने की मॉक एक्टिविटी कर दिखाई। काशिफ रजा खान ने चीफ वार्डन को गुलदस्ता और माला भेंट कर सम्मानित किया।

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🔎 विशेष बिंदु:

  • मॉक ड्रिल के दौरान सीधे दूसरे माले से बेहोश व्यक्ति को सुरक्षित उतारने की कार्यशाला
  • सीपीआर और प्राथमिक उपचार की लाइव डेमो
  • आग बुझाने के उपकरणों का व्यावहारिक उपयोग
  • आपदा में पहली प्रतिक्रिया का सही तरीका

📝 विश्लेषणात्मक निष्कर्ष:

यह कार्यक्रम न केवल छात्रों को सुरक्षा और जागरूकता का प्रशिक्षण देने में सफल रहा, बल्कि इससे समाज में “पहले सहायता, फिर समाधान” की सोच को भी बल मिला।
सिविल डिफेंस अब केवल एक संस्था नहीं, बल्कि आम नागरिक की आत्मरक्षा का महत्वपूर्ण साधन बन चुकी है।

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