जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति में पूर्वी सिंहभूम जिले के ‘हो’ और ‘उरांव’ समुदाय को शामिल नहीं करने पर जताई आपत्ति, त्रुटि सुधार की मांग।
जमशेदपुर : राज्य सरकार की ओर से जनजातीय और क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में पूर्वी सिंहभूम जिले के लिए “हो” और “उरांव” समुदाय को शामिल नहीं किए जाने पर भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा जमशेदपुर महानगर ने कड़ी आपत्ति जताते हुए जिला उपायुक्त के माध्यम से झारखंड के महामहिम राज्यपाल के नाम एक मांग पत्र सौंपा।
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मंगलवार को अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष रमेश बास्के के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जिला उपायुक्त के माध्यम से महामहिम राज्यपाल को सौंपे गए ज्ञापन के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया में त्रुटि सुधार करने की मांग की है।
ज्ञापन में बताया गया कि पूर्वी सिंहभूम जिले में आदिवासी “हो” समुदाय और “उरांव” समुदाय के विद्यार्थियों की संख्या अधिक है। इन दोनों समुदाय को झारखंड सरकार के इस सृजन प्रक्रिया से बाहर रखा गया है, जो पूरी तरह से गलत और अनुचित है। ज्ञापन में कहा गया कि शिक्षकों के पद का सृजन जनजाति विद्यार्थी के अनुपात के आधार पर किया जाना चाहिए जिससे आदिवासी समाज में एकजुटता और एकरूपता बनी रहे।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने पूर्वी सिंहभूम जिले के लिए के संताली भाषी अभ्यर्थियों के लिए 11, मुंडारी के लिए 1 भूमिज के लिए 6, बांगला भाषा के लिए 81 और उड़िया भाषा के शिक्षकों के लिए 6 सीटों की बहाली निकाली है।
इस दौरान उपेंद्र नाथ सरदार, काजू शांडिल, मनोज सरदार, रमेश नाग, विजय सोय, दीपक सुंडी, गणेश मुंडा, प्रकाश सरदार समेत अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।