झारखंड
गिरिडीह में पत्रकार पर हमला, राष्ट्रीय पत्रकार मीडिया संगठन ने की कड़ी निंदा – पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग तेज

गिरिडीह/जमशेदपुर : गिरिडीह जिले में स्वतंत्र पत्रकार और नक्षत्र राष्ट्रीय समाचार के जिला ब्यूरो प्रमुख मनोज कुमार पिंटू पर हाल ही में हुए हमले को लेकर राष्ट्रीय पत्रकार मीडिया संगठन ने कड़े शब्दों में निंदा की है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल कुमार मौर्य ने इस हमले को लोकतंत्र पर सीधा हमला बताते हुए सरकार और प्रशासन से तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है।
क्या हुआ था घटना के दिन:
जानकारी के अनुसार, पत्रकार मनोज पिंटू पर एक अज्ञात व्यक्ति ने अचानक हमला कर दिया था, जिससे उन्हें माथे पर हल्की चोटें आईं। घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने हमलावर को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया, और अब आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
पीड़ित पत्रकार ने कहा कि हमलावर से उनका कोई व्यक्तिगत परिचय नहीं था और हमले की वजह अभी तक स्पष्ट नहीं है।
संगठन ने उठाई पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग:
घटना की निंदा करते हुए संगठन अध्यक्ष श्री मौर्य ने कहा,
“पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं, उन पर हो रहे हमले सच्चाई और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला है। सरकार को चाहिए कि ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई करे।”
उन्होंने मांग की कि देश में पत्रकार सुरक्षा कानून को जल्द से जल्द लागू किया जाए ताकि स्वतंत्र पत्रकार, खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों में काम कर रहे पत्रकार निर्भीक होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
स्वतंत्र पत्रकारों के लिए योजनाएं शुरू करने की मांग
संगठन ने यह भी कहा कि जिस तरह सरकारें माइयाँ सम्मान योजना, वृद्धा पेंशन, और बेरोजगारी भत्ता जैसी योजनाएं शुरू कर लोगों को सुविधाएं देती हैं, उसी तरह स्वतंत्र पत्रकारों के लिए भी योजनाएं लाई जाएं।
पत्रकार सम्मान योजना, स्वतन्त्र पत्रकारिता भत्ता जैसी योजनाएं शुरू कर ऐसे पत्रकारों को जीवन यापन में सहयोग दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकार अपने जीवन को जोखिम में डालकर समाज की सच्चाई सामने लाते हैं, ऐसे में उनका सामाजिक और आर्थिक संरक्षण बेहद जरूरी है।
मुख्य बिंदु:
- गिरिडीह में पत्रकार मनोज पिंटू पर हमला, आरोपी गिरफ्तार और जेल भेजा गया
- राष्ट्रीय पत्रकार मीडिया संगठन ने घटना की कड़ी निंदा की
- संगठन ने सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने और
स्वतंत्र पत्रकारों के लिए विशेष योजनाएं शुरू करने की मांग की - पत्रकार सम्मान योजना जैसे कार्यक्रमों को शुरू करने की अपील
यह घटना एक बार फिर से पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है। क्या अब सरकार स्वतंत्र पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी?
समय आ गया है कि पत्रकारिता को सिर्फ ‘कर्म’ नहीं, रक्षा और सम्मान भी मिले।