झारखंड
🚨 जमुआ रजिस्ट्री ऑफिस में हमला: पथराव कर सात दस्तावेज लूटे, महिला खरीदार घायल

📍 स्थान: जमुआ रजिस्ट्री कार्यालय, गिरिडीह
जमुआ रजिस्ट्री ऑफिस में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब 24 अप्रैल की देर शाम लगभग 10 से 15 की संख्या में महिला एवं पुरुषों ने कार्यालय में घुसकर हंगामा शुरू कर दिया।
जमुआ अवर निबंधक कार्यालय के लिपिक अर्जुन रविदास ने थाने में दिए आवेदन में बताया कि वह कार्यालय में सरकारी कार्य कर रहे थे, तभी अचानक कुछ लोग गाली-गलौज करते हुए अंदर घुस आए और ईंट-पत्थर चलाने लगे।
इसी बीच, रजिस्ट्री के बाद स्कैनिंग अपलोड के लिए टेबल पर रखे सात दस्तावेज हमलावरों द्वारा लूट लिए गए। पथराव के दौरान सायरा बानो (पति- गुलजार अंसारी) नामक खरीदार महिला के कंधे में गंभीर चोट आई।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अवर निबंधक दीपिका कुमारी ने त्वरित सूचना जमुआ थाना प्रभारी मणिकांत कुमार को दी। सूचना मिलते ही थाना प्रभारी मणिकांत कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और एक आरोपी इरशाद अंसारी को गिरफ्तार कर लिया।
✨ मुख्य बिंदु:
- रजिस्ट्री कार्यालय में 10–15 महिला-पुरुषों ने किया पथराव और हंगामा
- स्कैनिंग अपलोड के लिए रखे सात महत्वपूर्ण दस्तावेज छीने गए
- खरीदार महिला सायरा बानो को लगी गंभीर चोट
- पुलिस ने मौके से एक आरोपी को गिरफ्तार किया
- कानूनी कार्रवाई प्रारंभ, जांच जारी
👥 आरोपियों के नाम:
- मुबारक अंसारी
- आफताब अंसारी
- रूबी खातून
- अरमान अंसारी
- मकसूद अंसारी
- बेबी खातून
- साबिया खातून
- सरफराज अंसारी
इन सभी पर कार्यालय में उपद्रव फैलाने, सरकारी दस्तावेज लूटने और पथराव करने का आरोप है।
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🗣️ आरोपी का बयान:
गिरफ्तार आरोपी इरशाद अंसारी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि,
“हमारे परदादा के नाम से प्रतापपुर मौजा में जमीन थी। हमारा गोतिया (रिश्तेदार) हमारा हिस्सा जबरन बेच रहा था। इसी को रोकने के लिए हम लोग कार्यालय गए थे।”
📝 पुलिस का रुख:
जमुआ थाना प्रभारी मणिकांत कुमार ने बताया कि,
“जमुआ अवर निबंधक कार्यालय के लिपिक द्वारा दिए गए आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी भी शुरू कर दी गई है।”
📌 निष्कर्ष:
यह घटना सरकारी दफ्तरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। रजिस्ट्री जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के दौरान इस प्रकार का हमला न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है। प्रशासन से उम्मीद है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई कर भविष्य में ऐसी घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाई जाएगी।
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