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धार्मिक

AI ने बनाई 21 वर्षीय भगवान श्रीराम की इमेज।

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THE NEWS FRAME

Technology : AI Technology इन दिनों खूब चर्चा में रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर इसके द्वारा बनाये गए गजब के भविष्य वाली तस्वीरें भी खूब वायरल हो रही है, तो इतिहास से जुड़ी घटनाओं का दृश्य भी AI ने बखूबी दर्शाया है।

आपको जानकर हैरानी होगी कि AI ने पौराणिक समय के महानायकों की छवि बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसी क्रम में AI ने भगवान श्री राम की युवावस्था वाली एक छवि बनाई है जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि इस तस्वीर में दिखाई देने वाला कोई साधारण व्यक्ति नहीं है बल्कि स्वयं भगवान श्री राम है। बता दें कि AI ने भगवान श्री राम की 21वर्ष की तस्वीर बनाई है। जब वो युवा थे। मतलब 21वीं उम्र में भगवान किस तरह दिखते थे। उसकी छवि बना डाली है। और बताया कि 21वीं वर्षगांठ पर ऐसे दिखते होंगे भगवान श्री राम।

इस तस्वीर को देखने के बाद आपको सचमुच अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं होता कि भगवान श्री राम इतने आकर्षक होंगें। रामायण  में वर्णित भगवान श्री राम की छवि AI ने इतनी आसानी से नहीं बनाई है। उसके लिए भी AI को बताना पड़ा की पौराणिक धर्म ग्रन्थों में वर्णित भगवान श्री राम का चित्रण कैसा था? जिसके आधार पर भगवान श्री राम की तस्वीर बनाने में AI कामयाब हो पाया।

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तुसलिदास ने भी ठीक ही लिखा है- “जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी।”

इन पंक्तियों में तुलसीदासजी कहते हैं कि जिसकी भावना और सोच जैसी रहेगी ईश्वर भी उसी रूप में उसे दिखेंगे। अर्थात भगवान की छवि मनुष्य के मन के अनुरूप बनती है। जो जिस भावना और मन की रचना से उन्हें देखता है ईश्वर उसी रूप में उसे नजर आते हैं।

आपको बता दें कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण और श्री तुलसीदास रचित रामचरित्र मानस सहित अन्य ग्रंथों में दिए गए भगवान श्री राम के स्वरुप का चित्रण जैसा किया गया है उसी के आधार पर AI ने भगवान श्री राम का वास्तविक रूप दुनिया के सामने बना कर पेश किया है।

आइए जानते हैं की धार्मिक ग्रंथों में भगवान श्रीराम के स्वरूप का चित्रण कैसे किया गया था?

महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित धार्मिक ग्रन्थ रामायण के आधार पर भगवान श्री राम के स्वरुप का वर्णन 

महर्षि वाल्मीकि धार्मिक ग्रन्थ रामायण के आधार पर भगवान श्री राम के स्वरुप का वर्णन करते हुए बताते हैं कि भगवान श्री राम का मुख चंद्रमा के समान चमकीला, सौम्य, कोमल और आकर्षक था। उनकी आंखे कमल के फूल की भांति सुंदर और बड़ी थी। उनकी नाक लंबी और सुडौल थी। वहीं उनके होठों का रंग उगते हुए सूर्य के रंग के समान लाल था। उनके दोनों होठ समान थे। कान बड़े थे और उनके दोनों कानों में कुंडल शोभित थे। उनके हाथ  लंबे थे जो घुटने तक आते थे। यही कारण है कि उन्हें आजानुभुज भी कहा जाता है। सामान्य शरीर, ना ही ज्यादा बड़ा और ना ही ज्यादा छोटा था। उनके केस भी बहुत घने, सुंदर और लंबे थे।

तुलसीदास रचित रामचरित्र मानस के आधार पर भगवान श्री राम के स्वरुप का चित्रण

तुसलिदास कृत रामचरित्र मानस में भगवान श्री राम का वर्णन करते हुए बताया गया है किउ के चेहरे पर तेज था और सूर्य की तरह आभा दमकती रहती थी। माथे पर तिलक शोभित था। उनके तन का रंग नीले जलपूर्ण बादल की तरह सुंदर और मेघ के समान प्रकाश लिए हुए है। उनकी आंखें खिले कमल की तरह थी। उनके मुख, हाथेली और पैरों का रंग भी लाल कमल के समान था। शरीर पर मनोहर आभूषण शोभायमान हैं।

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