झारखंड
⚠️ एक्सपायरी चना दाल वितरित करने का आरोप, भाजपा नेता हेमंत केसरी ने उपायुक्त से की शिकायत

- PDS दुकानों में मिल रही एक्सपायरी दाल, कार्डधारियों के स्वास्थ्य पर खतरे की आशंका
📍 चाईबासा | ✍️ रिपोर्टर: जय कुमार
मुख्य बिंदु:
- भाजपा नेता हेमंत केसरी ने उपायुक्त को लिखा शिकायत पत्र
- PDS दुकानों में वितरित हो रही चना दाल की वैधता समाप्त होने का आरोप
- बैच नंबर CRG-11 की दाल, पैकिंग 27 अक्टूबर 2024 — अब हो चुकी है एक्सपायरी
- राशन उपभोक्ताओं के जीवन से खिलवाड़ का आरोप
- संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई और दाल जब्ती की मांग
📰 घटनाक्रम:
चाईबासा में भाजपा नेता हेमंत केसरी ने उपायुक्त को एक पत्र लिखकर गंभीर चिंता जाहिर की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार द्वारा PDS (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के तहत कार्डधारियों को वितरित की जा रही चना दाल की वैधता समाप्त हो चुकी है और यह जन स्वास्थ्य के साथ खुला खिलवाड़ है।
हेमंत केसरी ने पत्र में लिखा कि नेफेड (नेशनल एग्रीकल्चर कोआपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) द्वारा आपूर्ति की गई चना दाल के पैकेटों पर स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि “पैकिंग की तिथि से 5 महीने के भीतर उपयोग करना अनिवार्य है”। लेकिन जो दाल वर्तमान में दुकानों पर वितरित हो रही है, उसकी पैकिंग तिथि 27 अक्टूबर 2024 (बैच नं. CRG-11) है, जो अब 5 महीने की सीमा पार कर चुकी है।
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🗣️ भाजपा नेता का बयान:
“यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि लाखों कार्डधारियों के जीवन से खिलवाड़ है। हमने स्वयं देखा है कि एक्सपायरी दाल खुलेआम वितरित की जा रही है। यह चिंता का विषय है, इसलिए हमने उपायुक्त से कार्रवाई की मांग की है।”
— हेमंत केसरी, भाजपा नेता
⚠️ स्वास्थ्य सुरक्षा की अपील:
उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले झींकपानी क्षेत्र में भी एक्सपायरी चना दाल बांटे जाने की खबर अखबारों में आई थी, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। केसरी ने चना दाल के स्टॉक को जब्त करने और खाद्य आपूर्ति विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण:
यदि आरोप सही हैं, तो यह मामला केवल प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि जन स्वास्थ्य के साथ सीधा खिलवाड़ है। PDS जैसी महत्वपूर्ण योजना में इस तरह की लापरवाही से न केवल सरकारी योजनाओं पर जनता का विश्वास कम होता है, बल्कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम भी हो सकता है।
निष्कर्ष:
भाजपा नेता द्वारा उठाया गया यह मुद्दा जनहित से जुड़ा संवेदनशील मामला है। अब देखना यह होगा कि उपायुक्त और खाद्य आपूर्ति विभाग इस पर क्या कार्रवाई करते हैं, और क्या जनता को एक्सपायरी दाल से राहत दिलाई जा सकेगी या नहीं।