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राँची विश्वविद्यालय उर्दू विभाग की पूर्व अध्यक्षा एवं प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ कहकशाँ परवीन के देहांत पर आयोजित हुई शोक सभा।

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जमशेदपुर : 20 जून 2024उर्दू भवन जमशेदपुर, शायकीने शेर-व-अदब जमशेदपुर तथा अदब इस्लामी जमशेदपुर तीनों साहित्यिक संस्थाओं ने सामूहिक रूप से डॉ कहकशाँ परवीन के देहांत पर शोक सभा आयोजित की। यह सभा प्रसिद्ध कथाकार डॉ अख्तर आजाद के आवास पर विगत संध्या आयोजित हुई जिसकी अध्यक्षता उर्दू भवन जमशेदपुर के अध्यक्ष डॉ हसन इमाम मालिक ने की। इस सभा में प्रो अहमद बद्र, डॉ अफसर काजमी, तनवीर अख्तर रूमानी, प्रो गौहर अजीज, डॉ अख्तर आजाद, रिजवान औरंगाबादी तथा सैयद साजिद परवेज के अलावा शहर के कई साहित्य प्रेमी शामिल हुए।

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सभा को संबोधित करते हुए तनवीर अख्तर रूमानी ने बताया कि डॉ कहकशाँ परवीन उर्दू की जानी-मानी अदीबा तथा रांची विश्वविद्यालय उर्दू विभाग की भूतपूर्व अध्यक्ष थीं। वे विगत कुछ दिनों से काफी बीमार थीं। उनका इलाज मेदांता हॉस्पिटल दिल्ली में हो रहा था और वही 17 जून को उनका देहांत हुआ। मृत्यु के समय उनकी आयु 67 साल थी। वे रांची विश्वविद्यालय से 31 जनवरी 2023 को सेवानिवृत हुई।

प्रो अहमद बद्र तथा डॉ अख्तर आजाद ने डॉक्टर साहिबा की साहित्यिक सेवाओं तथा उनके द्वारा लिखित पुस्तकों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
डा अफसर काजमी ने बताया कि डॉक्टर साहिबा एक कामयाब प्राध्यापक और दयावान व्यक्तित्व की मालकिन थीं। उन्होंने डॉ वहाब अशरफी के बाद सबसे ज्यादा पीएचडी करने वाली प्रोफेसर हैं।

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डा हसन इमाम मालिक ने अपने अध्यक्षीय भाषण में उर्दू जगत की तरफ से गहरा सदमा व्यक्त करते हुए कहा कि आज डॉक्टर कहकशाँ परवीन के देहांत से उर्दू दुनिया को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचा है। अंत में डॉ साहिबा की आत्मा की शांति के लिए सामूहिक रूप से दुआ की गई।

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