झारखंड
अयोध्या हिल पर 25 फरवरी को होगा आदिवासी विभूतियों का जमावाड़ा, पद्मश्री गुलाबो सपेरा करेंगी विश्वविख्यात कालबेलिया नृत्य।

जमशेदपुर । कुशल एजुकेशनल फाउंडेशन पुरुलिया द्वारा आगामी 25 फरवरी को अयोध्या हिल पर मैराथन फॉर ट्राइबल्स का आयोजन किया जा रहा है. मैराथन के लिए लगभग एक हजार धावकों ने पंजीकरण करवा लिया है. पंजीकरण शुल्क चार सौ निन्यानबे रुपये है, जबकि आदिवासियों के लिए यह पंजीकरण निःशुल्क है. पंजीकरण करवाने वाले धावकों को एक किट प्रदान की जायेगी. जिसमें टी शर्ट के साथ अन्य कई सामग्रियां होंगी. सभी धावकों के लिए सुबह के नाश्ते की व्यवस्था भी की गई है. मैराथन तीन श्रेणीयों में संपन्न होगी. पांच किलोमीटर, दस किलोमीटर एवं इक्कीस किलोमीटर की इस मैराथन में प्रथम पुरस्कार इंक्यावन हजार, इक्कीस हजार एवं पांच हजार होगा. सभी धावकों को पूर्णता मैडल एवं ऑनलाइन प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा. मैराथन पौराणिक अजोध्या हिल पहाड़ पर संपन्न होगी. जिसमें प्रत्येक किलोमीटर पर जुम्बा, ढ़ोल, नगाड़ा, पंजाबी नृत्य, छऊ नृत्य, संताल नृत्य, लाइव पेंटिंग इत्यादि मनोरंजक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
अयोध्या पहाड़ आदिवासी उन्नयन संघ के सहयोग से आयोजित इस मैराथन के रास्ते में विभिन्न स्थानों पर पानी, ग्लूकोज, फर्स्ट एड, एम्बुलेंस, फल इत्यादि के स्टॉल लगाए जा रहे हैं. कुशल एजुकेशनल फाउंडेशन के चेयरमैन नरेश अग्रवाल के मार्गदर्शन में आयोजित पुरुलिया मैराथन की शुरुआत प्रातः सात बजे होगी. जिसे त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और मुंबई के विख्यात टीवी कलाकार रणविजय सांगा झंडा दिखाकर रवाना करेंगे. मैराथन फॉर ट्राइबल्स को पुरुलिया की विभिन्न संस्थाओं एवं स्थानीय क्लबों का भरपूर सहयोग एवं समर्थन प्राप्त हो रहा है. क्योंकि कुशलपल्ली अयोध्या हिल के लगभग दो सौ परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान कर रहा है. कुशलपल्ली में आगंतुक अतिथियों का स्वागत आदिवासी महिलाओं द्वारा निर्मित पत्तों की माला से किया जाता है वहीं प्रतिदिन छऊ नृत्य का आयोजन होता है. देश के पर्यटन मानचित्र पर अजोध्याहिल अपनी विशिष्ट पहचान कायम कर चुका है और इसका श्रेय कहीं ना कहीं कुशलपल्ली को जाता है, जिसके संस्थापक नरेश अग्रवाल ने सर्वप्रथम उस पहाड़ पर पर्यटन की परिकल्पना की.
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आयोजन समिति के अशोक चौधरी ने प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि 25 फरवरी को संध्या 5 बजे से कुशलपल्ली रिसोर्ट में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. जिसमें विश्वविख्यात नृत्यांगना पद्मश्री गुलाबो सपेरा कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति देंगी. वे अपने समूह के पंद्रह कलाकारों के साथ राजस्थान से आ रही हैं. जंगल महल क्षेत्र में पहली बार ऐसा भव्य आयोजन हो रहा है. विश्व फलक पर कालबेलिया नृत्य की पहचान स्थापित करने वाली आदिवासी नृत्यांगना गुलाबो सपेरा 165 देशों में कार्यक्रम कर चुकी हैं. साथ ही पुरुलिया छऊ नृत्य एवं मुंडारी व संताली नृत्य भी प्रदर्शित किये जाएंगे. एक नेत्रहीन आदिवासी व्यक्ति का मनमोहक बांसुरी वादन होगा. इसी सांस्कृतिक संध्या बेला में मैराथन के विजताओं के मध्य पुरुस्कार वितरण किया जाएगा.
कई मंत्री व दिग्गज होंगे विशिष्ट अतिथि के रुप में शामिल
कुशल एजुकेशनल फाउंडेशन के ट्रस्टी कुशल अग्रवाल ने बताया कि पश्चिम अफ्रीका के देश टोगो गणराज्य के दूतावास के कार्यवाहक उच्चायुक्त यावो एडेम अकपेमाडो का आगमन विशिष्ट अतिथि के रुप में हो रहा है. पश्चिम बंगाल सरकार में स्वयं सहायता समूह एवं स्व-रोजगार के लिए कैबिनेट मंत्री बिरबाहा हांसदा और खाद्य एवं आपूर्ति राज्य मंत्री ज्योत्सना मंडी विशिष्ट अतिथि के रुप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाएंगी. पश्चिम बंगाल सरकार में पश्चिमांचल उन्नयन मामलों की राज्य मंत्री संध्या रानी टुडू एवं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य महाप्रबंधक प्रेम अनूप सिन्हा भी बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहेंगे. साथ ही स्थानीय विधायक सुशांत महतो, शांति राम महतो, जिला पुरुलिया के उपायुक्त रजत नंदा एवं आरक्षी अधीक्षक अभिजीत बनर्जी सम्मानित अतिथि के रुप में आयोजन में शरीक होंगे. अंतरराष्ट्रीय एथलीट पिंकी प्रमाणिक एवं ब्राजीलीयन फुटबॉल खिलाड़ी जोस मार्सियो रामिरेज़ बैरेटो सहित कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी इस कार्यक्रम में धावकों की हौसला अफजाई करने अयोध्या हिल आ रहे हैं.
कई जनजातीय विभूतियां होंगी शामिल एवं सम्मानित
जनजातीय मुद्दों के पर लिखने वाले कलमकार सह आयोजन समिति के सदस्य संदीप मुरारका ने बतलाया कि 25 फरवरी की शाम को अयोध्या हिल के कुशलपल्ली रिसोर्ट में जनजातीय इतिहास में एक स्वर्णिम पन्ना जुड़ जाएगा. उस दिन देश की कई जानी मानी आदिवासी विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा. जिनमें पुरुलिया के छऊ नर्तक पद्मश्री स्व. गंभीर सिंह मुडा एवं छऊ मुखौटा निर्माता पद्मश्री स्व. नेपाल सूत्रधार के परिवार के सदस्यों को सम्मानित किया जाएगा. सम्मान समारोह में पश्चिम बंगाल की पद्मश्री गुरु माँ कमली सोरेन, पद्मश्री कालीपदा सरेन, पद्मश्री धनीराम टोटो, पद्मश्री दुखु माझी, त्रिपुरा के पद्मश्री बिक्रम बहादुर जमाटिया, राजस्थान की पद्मश्री गुलाबो सपेरा, ओडिशा की विख्यात संताल लेखिका डॉ. दमयंती बेसरा, झारखंड की लेडी टार्जन पद्मश्री जमुना टुडू, हो भाषा के लेखक पद्मश्री जानुम सिंह सोय, पर्यावरणविद पद्मश्री चामी मुर्मू, नई दिल्ली की विख्यात बाइकर गर्ल कंचन उगूरसैंडी को सम्मानित किया जाएगा. सभी सम्मानित अतिथियों को विश्व विख्यात पुरुलिया छऊ नृत्य के प्रतिपादक गंभीर सिंह मुडा की आकृति भेंट की जाएगी, ताकि पुरुलिया छऊ को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाले आदिवासी पुरखा को दुनिया याद रखे.
कार्यक्रम को सफल बनाने में अयोध्या पहाड़ आदिवासी उन्नयन संघ के सचिव रामशंकर सिंह सरदार, कुशल एजुकेशनल ट्रस्ट के ट्रस्टी राहुल अग्रवाल, सौरभ गुटगुटिया, परिमल जालान, प्रशांत साह इत्यादि कार्यकर्त्ता जुटे हुए हैं. प्रेस कांफ्रेस में नरेश अग्रवाल, उद्यमी अशोक चौधरी, समाजसेवी कमल किशोर अग्रवाल, अशोक गोयल, अशोक भालोटिया, निर्मल काबरा, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, लेखक संदीप मुरारका, चैंबर के उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, निर्मल मित्तल, अग्रवाल युवा मंच के अध्यक्ष रोहित अग्रवाल, अंशुल रिंगसिया उपस्थित थे.
25 फरवरी को अयोध्या हिल पर आदिवासी संस्कृति और कला का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा. कुशल एजुकेशनल फाउंडेशन पुरुलिया द्वारा आयोजित “मैराथन फॉर ट्राइबल्स” और “सांस्कृतिक संध्या” में देशभर के आदिवासी कलाकार और गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे.
मैराथन फॉर ट्राइबल्स:
5 किलोमीटर, 10 किलोमीटर और 21 किलोमीटर की तीन श्रेणियों में आयोजित
प्रथम पुरस्कार: ₹51,000, ₹21,000 और ₹5,000
सभी धावकों को पूर्णता मैडल और ऑनलाइन प्रमाण पत्र
मनोरंजन के लिए जुम्बा, ढोल, नगाड़ा, पंजाबी नृत्य, छऊ नृत्य, संताल नृत्य, लाइव पेंटिंग
पंजीकरण शुल्क: ₹499 (आदिवासियों के लिए निःशुल्क)
सांस्कृतिक संध्या:
विश्वविख्यात नृत्यांगना पद्मश्री गुलाबो सपेरा का कालबेलिया नृत्य
पुरुलिया छऊ नृत्य, मुंडारी और संताली नृत्य
नेत्रहीन आदिवासी कलाकार द्वारा बांसुरी वादन
मैराथन विजेताओं को पुरस्कार वितरण
विशिष्ट अतिथि:
टोगो गणराज्य के दूतावास के कार्यवाहक उच्चायुक्त यावो एडेम अकपेमाडो
पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री बिरबाहा हांसदा, ज्योत्सना मंडी, संध्या रानी टुडू
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य महाप्रबंधक प्रेम अनूप सिन्हा
स्थानीय विधायक सुशांत महतो, शांति राम महतो
जिला उपायुक्त रजत नंदा, आरक्षी अधीक्षक अभिजीत बनर्जी
अंतरराष्ट्रीय एथलीट पिंकी प्रमाणिक, ब्राजीलीयन फुटबॉल खिलाड़ी जोस मार्सियो रामिरेज़ बैरेटो
सम्मानित होने वाले आदिवासी विभूतियाँ:
पद्मश्री गुरु माँ कमली सोरेन, पद्मश्री कालीपदा सरेन, पद्मश्री धनीराम टोटो, पद्मश्री दुखु माझी
पद्मश्री बिक्रम बहादुर जमाटिया, पद्मश्री गुलाबो सपेरा, डॉ. दमयंती बेसरा
पद्मश्री जमुना टुडू, पद्मश्री जानुम सिंह सोय, पद्मश्री चामी मुर्मू, कंचन उगूरसैंडी
पद्मश्री स्व. गंभीर सिंह मुडा और पद्मश्री स्व. नेपाल सूत्रधार के परिवार
आयोजन में सहयोग:
अयोध्या पहाड़ आदिवासी उन्नयन संघ
कुशल एजुकेशनल ट्रस्ट
अनेक समाजसेवी और कार्यकर्ता
यह आयोजन आदिवासी संस्कृति और कला को प्रोत्साहित करने के साथ ही आदिवासी समुदाय के विकास और सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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वक्फ संशोधन बिल पास होने के बाद कथित सेक्युलर चेहरों से उतर गया नकाब : सुधीर कुमार पप्पू

जमशेदपुर। मोदी सरकार ने वक्फ संशोधन बिल को संसद के दोनों सदनों से पारित करवा लिया है, जिसके बाद देश की राजनीति में एक नई बहस छिड़ गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तथाकथित सेक्युलर चेहरों की असलियत अब जनता के सामने आ चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुस्लिम समाज को धोखा देने वाले नेताओं को अब आगामी चुनावों में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी में असंतोष बढ़ा है और मुस्लिम नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को भी इसका नुकसान होगा। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा भाजपा को समर्थन देना भी उनके लिए महंगा साबित हो सकता है, क्योंकि मुस्लिम समुदाय अब उन्हें समर्थन नहीं देगा।
पप्पू ने आरोप लगाया कि यह विधेयक एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा है जिसके जरिए मोदी सरकार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जा करना चाहती है ताकि उन्हें पूंजीपतियों को सौंपा जा सके। उन्होंने कहा कि यह विधेयक गैर संवैधानिक है और इसकी वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। पूरे देश में इसके खिलाफ आंदोलन का माहौल बनता जा रहा है जो आने वाले समय में मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
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कानूनी दृष्टिकोण से वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 के पक्ष और विपक्ष में तर्क:
इस विधेयक को लेकर सरकार का तर्क है कि यह वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का माध्यम है। विवादित संपत्तियों के निर्धारण, वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली में सुधार और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए इसमें कई प्रावधान जोड़े गए हैं। साथ ही, गैर-मुस्लिम सदस्यों को बोर्ड में शामिल करने से समुदायों के बीच समरसता को बढ़ावा मिलेगा।
वहीं दूसरी ओर, इसके विरोध में यह कहा जा रहा है कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 25, 26, 14, 15 और 300A का उल्लंघन करता है। विशेष रूप से धारा 3E (Section 3E) को लेकर गंभीर आपत्ति जताई गई है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि यह प्रावधान अनुसूचित जनजातियों के उन सदस्यों को वक्फ के रूप में संपत्ति समर्पित करने के अधिकार से वंचित करता है जो इस्लाम धर्म अपना चुके हैं। अनुसूचित जातियों के विपरीत, अनुसूचित जनजातियों के सदस्य धर्म परिवर्तन के बाद भी अपनी जनजातीय पहचान नहीं खोते। ऐसे में इस्लाम अपनाने वाले जनजातीय व्यक्ति मुसलमान भी माने जाते हैं, परन्तु इस संशोधन द्वारा उन्हें अपने धर्म के एक आवश्यक अंग का पालन करने से रोका जा रहा है, जो कि अनुच्छेद 25 और 26 के तहत उनके धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।
यह प्रावधान अनुच्छेद 14 और 15 का भी उल्लंघन करता है क्योंकि यह धर्म के आधार पर अनुसूचित जनजातियों के बीच और जनजातीय मुसलमानों के बीच भेदभाव करता है। इसके अतिरिक्त यह अनुच्छेद 300A के तहत संपत्ति के अधिकार को भी अप्रभावी बनाता है। इस प्रकार, यह संशोधन मनमाना, भेदभावपूर्ण और असंवैधानिक है तथा इसे रद्द किया जाना चाहिए।
निष्कर्षतः, वक्फ संशोधन विधेयक एक संवेदनशील और बहुआयामी विषय है जो धार्मिक अधिकार, अल्पसंख्यक संरक्षण और प्रशासनिक सुधार – तीनों के बीच संतुलन की मांग करता है। इसे केवल राजनीतिक चश्मे से नहीं बल्कि संविधान और न्यायिक समीक्षा की कसौटी पर परखा जाना चाहिए।
झारखंड
रोटरी क्लब वेस्ट ने आयोजित किया प्रेरणादायक पर्यावरण जागरूकता सत्र, डॉ. विक्रांत तिवारी ने साझा किए अनुभव

जमशेदपुर : रोटरी क्लब वेस्ट जमशेदपुर द्वारा मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल के प्रेक्षागृह में एक प्रेरणादायक पर्यावरण जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे प्रख्यात पर्यावरणविद् और सामाजिक उद्यमी डॉ. विक्रांत तिवारी, जिन्होंने अपने दो दशक से अधिक के कार्य अनुभव के आधार पर युवाओं और शिक्षकों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित किया।
डॉ. तिवारी का प्रेरणास्पद संदेश
आईआईएम कलकत्ता और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र डॉ. तिवारी ने बताया कि उन्होंने अब तक 17 मिलियन से अधिक पेड़ों का रोपण करवाया है और कई एनजीओ को संसाधन जुटाने में सहायता प्रदान की है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी टीम न केवल हरित भारत की कल्पना को साकार कर रही है, बल्कि आदिवासी कला और संस्कृति को बढ़ावा देकर सतत विकास की दिशा में भी कार्य कर रही है।
डॉ. तिवारी ने छात्रों को बताया कि “पर्यावरण संरक्षण कोई विकल्प नहीं, बल्कि यह अब हमारी अनिवार्य जिम्मेदारी बन चुकी है। जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए हमें व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर छोटे लेकिन असरदार कदम उठाने होंगे।”
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विद्यालय प्रबंधन की सक्रिय भागीदारी
इस कार्यक्रम की सफलता में स्कूल प्रबंधन समिति, विशेष रूप से प्राचार्या श्रीमती संगीता सिंह, उप प्राचार्या और समन्वयक शिक्षकों की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही। उन्होंने छात्रों को न केवल आयोजन से जोड़ा, बल्कि पर्यावरणीय चेतना को व्यवहार में उतारने का संदेश भी दिया।
रोटरी क्लब की प्रतिबद्धता
रोटरी क्लब वेस्ट की यह पहल संगठन की स्थिरता, हरित भविष्य और सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को दर्शाती है। क्लब ने इस सत्र के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि वे न केवल समाज सेवा में, बल्कि पर्यावरण संरक्षण जैसे संवेदनशील विषयों पर भी जागरूकता बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
छात्रों में दिखा उत्साह
सत्र के दौरान छात्रों ने पर्यावरण से जुड़ी जिज्ञासाओं को खुलकर साझा किया और डॉ. तिवारी से मार्गदर्शन प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में “प्रकृति से संवाद” विषय पर एक लघु प्रस्तुति ने सभी को भावुक और जागरूक कर दिया।
यह आयोजन न केवल एक जागरूकता अभियान था, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत भी बना, जो भावी पीढ़ी को हरित और टिकाऊ भारत के निर्माण की दिशा में सोचने और कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
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