स्वास्तिकासन |
दोस्तों आज हम स्वास्तिकासन के बारे में बात करेंगे, साथ ही इससे होने वाले शारीरिक लाभों के बारे में भी जानेंगे।
सबसे पहले जानेंगे स्वास्तिकासन कैसे करें ?
सबसे पहले जमीन पर आराम से बैठ जाएं। फिर दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए बाएं पैर के जंघा के ऊपर रखे। इसी प्रकार बाएं पैर को मोड़कर दाएं पैर के जंघा पर रखें। अब दोनों हाथों को सीधा करते हुए, हथेलियों को घुटनों पर रखें। हथेलियों की तर्जनी अंगुली और अंगूठे को एक दूसरे से सटा कर शून्य बनाये और अन्य अंगलियों को सीधी रखें। पीठ (रीढ़ की हड्डी) व गर्दन को बिलकुल सीधी रखते हुए आँख बंद कर ध्यान को एकाग्रता में लगाएं। इस मुद्रा में शरीर आरामावस्था में ही रहे।
किसी भी योगासन को करने के लिए शरीर के साथ जोर न करें आराम से और धीरे मुद्रा में ले आएं। आरम्भ में थोड़ी दिक्कत आ सकती है किंतु अभ्यास के बाद यह सरल हो जाएगा।
इस आसन में रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने के लिए दीवार का सहारा ले सकते हैं। इस आसन में मूल बंध (गुदा एवं मलद्वार को भीतर की ओर सिकोड़ना) भी किया जा सकता है।
स्वास्तिकासन से लाभ- इस आसन को करने से मन की एकाग्रता बढ़ती है। विद्यार्थियों के लिए यह आसन बहुत ही उपयुक्त है।
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