चक्रासन |
यह आसन में शरीर की मुद्रा अर्धगोल या चक्र के समान हो जाती है इसलिए इसे चक्रासन का नाम दिया गया हैं।
इस आसन को दो प्रकार से किया जा सकता है- खड़े होकर अथवा लेट कर। दोनों विधियों को समझ लेने के उपरांत अपनी सहजता और शारीरिक क्षमता के अनुसार इसे किया जा सकता है। आरम्भ में खड़े होकर इस आसन को करना थोड़ा कठिन होता है। किन्तु सतत अभ्यास से इस आसन को खड़े होकर भी आसानी किया जा सकेगा। किन्तु जो योगासन सीख रहे है अथवा अभी आरम्भ करना चाहते है उन्हें यह आसन लेट कर ही करना चाहिए।
1. लेट कर किया जाने वाला चक्रासन – इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। पैरों को मोड़ते हुए एड़ियों को नितंबों के पास लेजाकर सटा ले और पंजा जमीन पर रखा हो। फिर दोनों हाथों को सिर की ओर ले जाकर कंधों के पास मोड़ते हुए जमीन पर दृढ़ता से रखें। पंजा और हथेलियों को जमीन पर मजबूती के साथ टिकाये हुए शरीर को ऊपर उठाए। सीना, पेट और कमर ऊपर की तरफ उठे हुए हो।
गर्दन व सिर को नीचे की ओर रखें। क्षमता के अनुसार इस स्थित में रहें। फिर पूर्वावस्था की तरह धीरे-धीरे ऊपर उठा हुआ शरीर जमीन पर टेका दें। हाथ और पैरों को सीधा करते कुछ समय लेटे रहें।
2. खड़े होकर किया जाने वाला चक्रासन – सीधा खड़े हो जाएं, पैरों के बीच में अपने कंधों की चौड़ाई जितना स्थान खोले। हाथों को सीधा ऊपर उठाये और पीछे की ओर संतुलन बनाते हुए तब झुकते रहें जब तक हथेली जमीन पर ना टिक जाये।
नोट – इन दोनों प्रकार में यह प्रयास करें की हाथों और पैरों के बीच जमीन पर कम दूरी हो, साथ ही इस आसान को करते समय अधिक सावधानी रखें।
यह आसन बच्चे और युवा तो आसानी से कर पाएंगे लेकिन बड़े उम्र के लोग थोड़े अभ्यास के बाद कर सकेंगे। ध्यान रहे सभी तरह के आसन अभ्यास के द्वारा ही सरलता से किये जा सकते हैं।
लाभ- इस आसन को करने से शरीर मजबूत और लचीला बनता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। छाती चौड़ी बनती है। हाथ और पैर की मांसपेशियों को दृढ़ता मिलती है। चेहरे की चमक बढ़ती है साथ ही यह पेट और कमर के आसपास की चर्बी को धीरे-धीरे खत्म करता है। सिर के समस्त भागों में सुचारू रूप से रक्त की आपूर्ति करता है। पेट संबंधित रोग एवं कब्ज दूर कर पाचन-तंत्र को मजबूती देता है।
यह आसन स्त्रियों के लिए भी काफी लाभदायक होता है। सबसे पहले तो उनकी कमर सुडौल और छरहरी बनती है। जिन स्त्रियों को मासिक धर्म में अधिक दर्द की शिकायत होती है तो उनकी यह समस्या भी दूर जाएगी।
यह आसन शरीर से आलस्य को दूर भगाता है। जिससे शरीर हल्का और फुर्तीला बन जाता है।
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