वज्रासन |
वज्रासन के बारे में हम पहले ही बता चुके हैं और आप वज्रासन के बारे में यह भी जान चुके है कि यह एक ऐसा आसन है जिसे भोजन के तुरंत बाद किया जा सकता हैं।
लेकिन आज हम इस आसन के दूसरे प्रकार यानी वज्रासन-2 के बारे में जानेंगे।
सबसे पहले तो यह जाने की इस आसन को करते कैसे हैं। तो आपको बता दें कि इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर केवल पंजों के सहारे बैठ जाएं। स्थानीय भाषा मे इसे उकरु-मुकरु होकर बैठना भी कहते है। इसमें दोनों एड़ियों और पंजों को आपस में सटा कर बैठें। एड़ियों को ऊपर उठाएं। इन एड़ियों पर ही नितंबों को रखकर बैठे। दोनों हाथों को सीधा करते हुए दोनों घुटने पर रखें। घुटने भी आपस में सटे रहें।
लाभ – पुरुषों के लिए यह आसन अधिक लाभदायक माना जाता है। इसे सभी उम्र के लोग आसानी से कर सकते हैं। इस आसन से पुरुषत्व में बढ़ोत्तरी होती है और पूरे शरीर को मजबूती मिलती है। इस आसन से जांघ, घुटना व पंजे मजबूत बनते हैं। इस आसन से दांतों को भी मजबूती मिलती है। इसलिए इसे वज्रासन की श्रेणी में रखा गया है।
नोट- पुरुषों को इस मुद्रा में मूत्र त्याग करने से सेक्स संबंधित शिकायतें दूर होती है।
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