इजरायल के अपने नियम कानून बड़े कठिन होते हैं। इसका सीधा उदाहरण हमें देखने को मिलता है। जब इजरायल की एक अभिनेत्री को गाजी पट्टी मे हुए अटैक का विरोध करने पर इजरायली सेना की गोली का शिकार होना पड़ा। यह घटना सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल होता जा रहा है।
बता दें कि इजरायल की अभिनेत्री मैसा अब्द इलाहदी फिलिस्तीनी देश के समर्थन में तथा गाजी पट्टी मे हुए अटैक का विरोध जोर-जोर से नारों के साथ कर रही थी।
इजरायल की पुलिस के सामने ऐसा करना अभिनेत्री को महंगा पड़ा। यदि देख अभिनेत्री मैसा अब्द इलाहदी को इजरायल की पुलिस ने गोली मार दी। इजराइल के अनुसार देश से बढ़कर कोई नहीं, न कोई नेता, न कोई अभिनेता। यही है इजरायल का राष्ट्रवाद।
बात सही या गलत की नहीं है बात मात्र देश प्रेम की है। देश का नेता गलत हो सकता है लेकिन जब बात अपने देश की होती है तो देश से बढ़कर कोई नहीं। और यही काम इसरायल ने किया है।
अब अगर यही घटना हमारे देश की होती तो आधे इधर और आधे उधर बंट जाते। कुछ तो धर्म देखकर फैसला लेते है। कुछ देश देखकर। गरमागरम राजनीति महीनों चलती। और कोई इस घटना को राष्ट्रवाद कहता तो कुछ मीडिया विधवा विलाप आरम्भ कर देती। कुछ सुधर कर राष्ट्रभक्त बन जाते और भारत माता की जय के नारे भी लगाने लगते। लेकिन दुर्भाग्य है हमारे देश का यहां दोगला सेक्युलरिजम राष्ट्रवाद से बहुत ऊपर है।
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Ha aisa desh bhakt kehte he prem nhi