काबुल : मंगलवार 17 अगस्त, 2021
इस वर्ष के आरम्भ में ही अफगानिस्तान की सरकार अपने नागरिकों की सलामती के लिए सत्ता बदलने की तैयारी में थी। इस खबर से अमेरिका के नए राष्ट्रपति जो बाइडन ने 14 अप्रैल 2021 को एक फैसला का ऐलान कर दिया था कि वे 1 मई से 11 सितंबर, 2021 के बीच अफगानिस्तान से सभी अमेरिकी सैनिकों को वापस बुला लेंगे। जिसके परिणाम स्वरूप आतंकवादियों का हौसला बढ़ गया। और भारतीय स्वतंत्रता दिवस के दिन अफगानिस्तान में आतंकी संगठन तालिबान का पूर्णरूप से कब्जा हो गया।
हालांकि कुछ खबरों के मुताबिक डोनाल्ड ट्रम्प और तालिबान के बीच एक गुप्त समझौता हुआ था जो क्या था अभी तक यह राज ही है। जिसके बाद से ही यह खबर गर्म होने लगी कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिक हटाई जाएगी। लगभग 20 वर्षों बाद अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्तान को छोड़ देने का निर्णय लिया।
बता दें कि आतंकी संगठन तालिबान ने रविवार को राजधानी काबुल में एंट्री की और उसी के साथ अफगानिस्तान के काबुल, कंधार, गजनी और सभी तमाम बड़े शहरों पर कब्जा कर लिया। मात्र 22 दिनों में ही तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया।
इस घटनाक्रम पर यह बात हैरान करने वाली है कि 20 वर्ष के लंबे समय के बाद और बेहतर अमेरिकी सेना के संरक्षण में तैयार किये गए 3 लाख अफगानी सैनिकों ने भी आतंकवादियों के आगे एक-एक कर हथियार डाल दिए।
अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी और मुल्ला अब्दुल गनी बरदार |
रविवार को ही अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और राष्ट्रपति भवन पर तालिबानियों ने कब्जा जमा लिया। अब अफगानिस्तान के नए राष्ट्रपति आतंकी कमांडर मुल्ला अब्दुल गनी बरादर बनेंगे।
ठीक इससे पहले अफगानी गृहमंत्री अब्दुल सत्तार का बयान आया था कि अफगानिस्तान में कत्ले आम को रोकने के लिए अफगानिस्तान की सत्ता आतंकी तालिबान को शांतिपूर्ण तरीके से सौंप दी जाएगी।जिसमें तालिबान ने अपने आतंकी लड़ाकों को संयम बरतने की सलाह दी।
आपको बता दें कि काबुल कब्जे से पहले तालिबान ने अफगानिस्तान के शहर जलालाबाद पर कब्जा किया था। यह शहर सड़क के रास्ते पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है। सबसे बड़ी बात यह कि तालिबान को किसी तरह का भी यहां आतंक नहीं करना पड़ा, जलालाबाद के गवर्नर ने बड़े आराम से सरेंडर कर दिया।
इस पूरे मिशन में अफगानी सैनिकों ने भी आतंकवादी संगठन तालिबान का पूरा समर्थन करते हुए उनके सामने एक एक कर सरेंडर करते गए।
अफगानिस्तान का अब राष्ट्रपति कौन होगा?
प्राप्त जानकारी के अनुसार अफगानिस्तान का राष्ट्रपति बनेगा तालिबानी आतंकी मुल्ला अब्दुल गनी बरदार। लेकिन ये मुल्ला अब्दुल गनी बरदार है कौन?
तो बता दें कि मुल्ला अब्दुल गनी बरदार तालिबान का उपसंस्थापक है। तालिबान का सबसे प्रमुख व्यक्ति। वहीं यह मौलवी हिबतुल्लाह अखुंदजादा का राजनीतिक सलाहकार भी है। मौलवी अखुंदजादा तालिबान का मुख्य न्यायाधीश है, जो इस्लामिक कानून शरीयत के अनुसार क्रूर फैसले सुनाने में माहिर है।