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प्रधानमंत्री ने दी चेतावनी। बांग्लादेश में हुए हिंदुओं की हत्या के दोषियों को मिलेगी सजा, कोई मायने नहीं रखता है कि दोषी किस मज़हब का है।

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बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना


बंगलादेश : शनिवार 16 अक्टूबर, 2021

बुधवार 13 अक्टूबर, 2021 को बंगलादेश के कोमिल्ला में हिंसा फिर ऐब बार भड़क गई और अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर जानलेवा हमले किये गए। मामला मुस्लिमों के पवित्र ग्रन्थ कुरान के अपमान का बतलाया जा रहा है जो सोशल मीडिया पर साझा किया गया था।

यह अफवाह भी खूब उड़ी की ननुआर दिघी में दुर्गा पूजा स्थल पर क़ुरान का अपमान कर सोशल मीडिया पर डाल दिया गया है। हालांकि अभी तक इस तरह का कोई पोस्ट सामने नहीं आया है और न ही पोस्ट शेयर करने वाले की कोई जानकारी ही मिली है।
खैर इसके बाद से ही बहुसंख्यक मुस्लिम वर्ग ने कई दुर्गा पूजा स्थलों पर हमला कर तोड़ फोड़ आरम्भ कर दिया था। वहीं इन हमलों से चांदपुर के चार लोगों की मौत हो गई है। इस घटना के बाद बंगलादेश की पुलिस ने देश के 22 ज़िलों में बॉर्डर सिक्योरिटी की तैनाती करते हुए, दुर्गा पूजा स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। 

बांग्लादेश के अंग्रेज़ी अख़बार ‘ढाका ट्रिब्यून’ में बताया गया है कि, इस घटना पर बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना ने कहा है कि ‘कोमिल्ला के मंदिर में तोड़फोड़ एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। कोमिल्ला में हुए हमले की जाँच होगी और किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। उन्हें सज़ा मिलेगी। कोई मायने नहीं रखता है कि दोषी किस मज़हब का है।’

इस सम्बंध में उन्होंने आगे यह भी कहा की ‘दोषियों को ऐसी सज़ा मिलेगी कि याद रहेगी और भविष्य में कोई भी दोबारा ऐसा करने की हिम्मत नहीं करेगा।’

शेख़ हसीना ने बंगलादेश के हिन्दुओं से ये भी कहा है कि ‘वे ख़ुद को अल्पसंख्यक ना समझें और दूसरे धर्म के लोगों की तरह अपने धार्मिक कर्मकांडो का आयोजन करते रहें।सभी धर्म के लोग इसी मिट्टी में जन्मे हैं और पले-बढ़े हैं।’

बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के ये बयान हर किसी को जानना चाहिए जो उन्होंने कहा है।

उन्होंने कहा कि ‘यहां आप चाहे किसी भी जाति, धर्म या पंथ के हों, त्योहार एक साथ मनेगा। धर्म व्यक्तिगत होता है, जबकि त्योहार सबके लिए होता है और हम सभी उत्सव साथ मिलकर मनाते हैं।’

‘कुछ लोग धर्मांध होते हैं और ऐसे लोग हमेशा सांप्रदायिक टकराव पैदा करते हैं। ऐसे लोग केवल मुस्लिम समुदाय में ही नहीं हैं बल्कि दूसरे धर्मों में भी हैं। अगर हम साथ मिलकर काम करेंगे तो ऐसे लोग सफल नहीं होंगे।’

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पाकिस्तान में श्री कटासराज महादेव का दर्शन कर लौटा जत्था

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श्री कटासराज महादेव का दर्शन कर पाकिस्तान से लौटा श्री शिव शक्ति परिवाऱ का जत्था 

JAMSHEDPUR : श्री शिव शक्ति परिवार के नेतृत्व में देश से कुल 73 शिव भक्तों का जत्था पाकिस्तान स्थित श्री कटासराज महादेव दर्शन कर आज जम्मूतवी एक्सप्रेस से टाटानगर लौट रहा है। इस जत्थे में झारखण्ड से 25, बिहार से 15 के अलावा अन्य 10 राज्यों से 33 यात्री शामिल हुए।जिनका वीसा विदेश मंत्रालय और पाकिस्तान दुतावास के सहमति पर 19 से 25 दिसम्बर के लिए प्रदान किये गए।

जत्थे ने अपनी यात्रा श्री राम मंदिर टेल्को के पुरोहित शशि मिश्र के वैदिक मन्त्रों व बाबा के पूजनों द्वारा प्रारम्भ की। तत्पश्चात जत्थे को अमृतसर में श्री दुर्गयाना मंदिर प्रबंधक कमिटी के प्रधान पूर्व प्रोफेसर व पूर्व मंत्री श्रीमति लक्ष्मीकांता चावला ने अंगवस्त्र व मोमेंटो देकर जोरदार स्वागत किया। इस जत्थे में चेन्नई के सबसे अधिक उम्र के 73 वर्षीय महिला यात्री वसंता बालसुब्रह्मणी शामिल हुई।

पाकिस्तान में जत्थे ने श्री कटासराज महादेव दर्शन, पूजन व श्रीरुद्राभिषेक, श्री गणेश मंदिर, श्री हनुमान मंदिर, अमृतकुण्ड स्नान, श्री राधे कृष्ण मंदिर, श्री वाल्मीकि मंदिर, श्री राम सुपुत्र महाराज लव का प्रयान स्थल पूजन, लाहौर शाही किला, मीनार-ए-पाकिस्तान एवं अन्य महाभारतकालीन मंदिर दर्शन किए।

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आखिरी दिन अनारकली मार्केट में यात्रियों ने खरीददारी की गई,चप्पे चप्पे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। किसी भी प्रकार की अनहोनी न हो इसलिए जत्थे को 24 घंटे ई. टी. पी. बी (E. T. P. B) के द्वारा 19-25 दिसंबर तक संरक्षण प्रदान की गई। यात्रियों को श्री कटासराज में 3 दिन और लाहौर स्थित डेरा साहेब गुरुद्वारा में 4 दिन रहने व खाने की व्यवस्था की गई थी। दोनों जगह मेडिकल सुविधा भी दी गई।

वापसी में पाकिस्तान सरकार के etpb के सैफ उल्लाह खोखर, उमर जावेद एवान,आशिफ़ चौधरी एवं नुमान द्वारा जत्थे के 55 पुरुष व 18 महिलाएं को प्रतीक चिन्ह,अंग वस्त्र,रेवरी मिठाई देकर सम्मानित की गई।

श्री शिव शक्ति परिवार के प्रधान कैलाशी विजय कु शर्मा एवं उनके सहयोगी दिल्ली के कैलाशी रणवीर मणि, मुजफ्फरपुर के कैलाशी राजेश औऱ राँची के कैलाशी अरविन्द सिंह के नेतृत्व में सफल यात्रा की पटकथा लिखी गई।

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प्रधानमंत्री ने रूस का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया, इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय नेता बने।

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प्रधानमंत्री ने रूस का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया, इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय नेता बने।

नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति महामहिम श्री व्लादिमीर पुतिन ने भारत-रूस संबंधों को बढ़ावा देने में प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के योगदान के लिए क्रेमलिन के सेंट एंड्रयू हॉल में आयोजित एक विशेष समारोह में, उन्हें रूस के सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार “द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल” से सम्मानित किया। इस पुरस्कार की घोषणा 2019 में की गई थी।

इस पुरस्कार को स्वीकार करते हुए, प्रधानमंत्री ने इसे भारत के लोगों और भारत व रूस के बीच मित्रता के पारंपरिक बंधन को समर्पित किया। उन्होंने आगे कहा कि यह सम्मान दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को प्रदर्शित करता है।

इस पुरस्कार की शुरुआत 300 साल पहले हुई थी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय नेता हैं।

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क्या है – “द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल” ?

“द ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल” रूस का सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार है, जिसे विशिष्ट योगदान और सेवाओं के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार की स्थापना रूस के सम्राट पीटर महान ने 1698 में की थी। यह पुरस्कार प्रमुख रूप से रूस और अन्य देशों के व्यक्तियों को उनके विशिष्ट कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है, जिसमें विज्ञान, कला, सैन्य सेवा, और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण योगदान शामिल हैं।

यह पुरस्कार एक बड़े क्रॉस और एक विशेष पदक के रूप में प्रदान किया जाता है, जिसे सेंट एंड्रयू के प्रतीक के साथ सजाया जाता है। यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्ति को रूस में विशेष सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।

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यौन हिंसा के बाद आतंकियों द्वारा मार दिया गया: रिपोर्ट

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इजरायल और हमास युद्ध का कब होगा अंत

हमास के आतंकियों ने हमलों के दौरान कई इस्राइली महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया

इस्राइल/हमास युद्ध: संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, सात अक्टूबर से इस्राइल और हमास के बीच युद्ध जारी है। इस दौरान, रिपोर्ट ने एक बड़ा खुलासा किया है, जिससे इस्राइली प्रधानमंत्री के दावों और आरोपों को पुष्टि मिली है।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हमास के आतंकियों ने हमलों के दौरान कई इस्राइली महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया है। उन्होंने शवों को भी नहीं बख्शा और बंधक बनाए गए लोगों के साथ भी दुष्कर्म किया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन आरोपों के लिए पर्याप्त और ठोस सबूत मौजूद हैं।

इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पहले भी आरोप लगाए थे कि हमास के लड़के इस्राइली महिलाओं और बच्चों के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं। अब संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट से उनके आरोपों को पुष्टि मिल गई है।

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संयुक्त राष्ट्र की विशेष प्रतिनिधि प्रमिला पैटन के अनुसार, कुछ बंधकों के साथ दुष्कर्म किया गया है और आशंका है कि क्या यह अभी भी जारी है। उन्होंने बताया कि वे विशेषज्ञों की टीम के साथ इस्राइल और वेस्ट बैंक का दौरा किया था और इस दौरान यौन हिंसा के सबूत मिले हैं। यह यौन हिंसा तीन जगहों पर हुई, जैसे कि नोवा संगीत समारोह स्थल, रोड 232, और किबुत्ज रीम।

रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि कई पीड़ितों को दुष्कर्म के बाद आतंकियों ने मार दिया और उनके लाशों के साथ भी दुष्कर्म किया। सबसे दुखद बात यह रही की यौन हिंसा के पीड़ितों को आगे आकर गवाही देने के लिए आह्वान किया गया लेकिन कोई भी आगे नहीं आया।

टीम के लोगों ने यात्रा के दौरान हिंसा पीड़ित लोगों और स्वास्थ्य अधिकारियों से बात भी की और पांच हजार तस्वीरें और 50 घंटे की सीसीटीवी फुटेज भी देखी। टीम ने रिहा हुए बंधकों से भी बात की है।

इस घटना के बारे में सार्वजनिक चर्चा और विश्व समुदाय की ध्यानाकर्षण के साथ-साथ, इस संघर्ष के समाधान के लिए सभी पक्षों को सावधान रहने की आवश्यकता है। इस घटना के परिणामस्वरूप होने वाले नुकसान और पीड़ितों की मदद और सहायता के लिए भी सभी उपयुक्त उपायों को अपनाया जाना चाहिए।

इस संघर्ष को शांति, सहयोग और विश्वसनीयता के माध्यम से समाप्त किया जा सकता है। विश्व समुदाय को इस प्रकार के घटनाओं के खिलाफ सख्त और समयबद्ध कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि संयुक्त रूप से युद्ध और हिंसा को रोका जा सके।

इस तरह के घटनाओं से हमें उचित सीख लेनी चाहिए और इस तरह के अत्याचार को रोकने के लिए हमें सामूहिक रूप से काम करना चाहिए। इस प्रकार की घटनाएं हमारे समाज के लिए अविश्वसनीय हैं और हमें सभी मिलकर इसे रोकने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

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विश्व में इस घटना की क्या प्रतिक्रिया है?

इस घटना के बारे में विश्व समुदाय में गहरा चिंतन है और लोगों की सार्वजनिक चर्चा इस पर तेजी से हो रही है। यह घटना न केवल इस्राइल और हमास के बीच के संघर्ष को दर्शाती है, बल्कि इसके परिणामस्वरूप होने वाले नुकसान और पीड़ितों की मदद और सहायता के लिए भी जागरूकता बढ़ा रही है।

इस संघर्ष को समाधान के लिए सभी पक्षों को सहयोग करने और संघर्ष को शांति, सहयोग और विश्वसनीयता के माध्यम से समाप्त करने की आवश्यकता है। विश्व समुदाय को इस प्रकार के घटनाओं के खिलाफ सक्रिय रूप से कदम उठाने की जरूरत है ताकि संयुक्त रूप से युद्ध और हिंसा को रोका जा सके।

इस घटना से हमें सीखना चाहिए कि हमें ऐसे अत्याचार को रोकने के लिए सामूहिक रूप से काम करना चाहिए और समाज में जागरूकता बढ़ानी चाहिए। यह घटना हमारे समाज के लिए अत्यंत निराशाजनक है और हमें समूह के साथ मिलकर इसे रोकने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

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