My Pen : मंगलवार 11 जनवरी, 2022
दुनियाँ में बढ़ती बीमारियां और रूप बदलकर आते वायरस मानव जीवन के लिए एक चुनौती बन गए हैं। उनसे बचकर जीवनयापन करना शायद ही आसान है। हमें हर जरूरत के लिए घर से बाहर निकलना ही पड़ेगा, इसलिए हमें उनसे लड़ना ही होगा। और उनसे लड़ने के लिए हमारे पास शारीरिक शक्ति होनी आवश्यक है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण हमारा इम्यून सिस्टम है। हमारी इम्युनिटी शक्ति ही हमें अंदरूनी और बाहरी रोगों से बचाती है।
कुदरत ने हमें बाहरी वायरस और रोगों से लड़ने के लिए बहुत कुछ दिया है। जिनका उल्लेख हमें आयुर्वेद में मिलता है। आयुर्वेद बताता है कि समस्त रोगों के नाश के लिए हमारा वातावरण, दैनिक कार्यकलाप और भोजन नियमानुसार होने चाहिए। लेकिन क्या आज के समय में यह सम्भव है? भागदौड़ भरी इस छोटी सी चुनौती भरी जिंदगी में शायद ही यह सम्भव है। लेकिन हम स्वस्थ रहने के लिए अपनी जीवनशैली में आयुर्वेद को अपनाकर कुछ हद तक बड़े रोगों से अपने आपको और अपने परिवार को बचा सकते हैं।
बहुत से लोगों के मन में प्रायः यह सवाल रहता है कि आयुर्वेद है क्या? या फिर आयुर्वेद भी एक चिकित्सा पद्धति ही है?
हम साधारण शब्दों में बताते हैं कि आयुर्वेद है क्या?
प्राकृतिक जीवन से प्राप्त पेड़-पौधे, जिनमें प्रतिदिन प्रयोग में आनेवाले हमारे भोज्य पदार्थ भी शामिल हैं। जैसे – सभी तरह के मसाले, हल्दी, अदरक, लहसुन आदि। वहीं वनस्पति या औषधीय गुणों से भरपूर फल-फूल, बीज, पत्ती, जड़, छाल, टहनी आदि भी आयुर्वेद का हिस्सा हैं।
इन्हीं सबमें एक पौधा है तुलसी का, जिसे स्वर्ग का वृक्ष भी माना जाता है। यह पूज्यनीय भी है और इसका आयुर्वेद में भी प्रमुख स्थान है।
तुलसी के बारे में ग्रंथ कहते हैं –
महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
तुलसी महाप्रसाद है जिसका आशीर्वाद प्राप्त करने से मनुष्य की समृद्धि 1000 गुना बढ़ जाती है। और रोग, शोक, बीमारी-व्याधि आदि से छुटकारा मिलता है।तुलसी का धर्मिक महत्व भी सबसे अधिक है। लगभग हर घर में तुलसी का पौधा देखने को मिलता है। तुलसी की प्रतिदिन पूजा करने से घर में धन-संपदा, वैभव, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।
वर्तमान समय में भी तुलसी का प्रभाव कम नहीं हुआ है। लोगों को स्वस्थ रखने के लिए अब दवा बनाने वाली कई कम्पनियों ने तुलसी के उत्पाद निकाले हैं। जिनके सेवन मात्र से ही कई बीमारियां दूर हो जाती हैं।
इसी क्रम में आज हम बात करेंगे दुनियाँ की सबसे अच्छी तुलसी या यूं कहें की दुनियाँ की सबसे बेस्ट तुलसी (World’s best Tulsi) के बारे में जिसे इंटरनेशनल मार्केटिंग कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (IMC) कंपनी बनाती है और उस उत्पाद का नाम है – श्री तुलसी।
आइये जानते हैं इंटरनेशनल मार्केटिंग कारपोरेशन प्राइवेट लिमिटेड (IMC) कम्पनी श्री तुलसी के बारे में क्या कहती है?
श्री तुलसी संसार की एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है। यह पांच प्रकार की तुलसियों से मिलकर बना है।
1. श्याम तुलसी
2. राम तुलसी
3. वन तुलसी
4. नींबू तुलसी एवं
5. विष्णु तुलसी
विशेष विधि द्वारा अर्क निकालकर श्री तुलसी का निर्माण किया जाता है। इसे ग्रहण करने से 200 से अधिक रोगों में लाभ मिलते हैं।
आइये इससे होने वाले कुछ विशेष लाभों के बारे में जानते हैं-
1. इसके उपयोग से अनेक प्रकार के रोगों में लाभ प्राप्त होता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है।
2. शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकाल कर शरीर को स्वस्थ रखती हैं।
3. प्रत्येक भोजन के बाद एक बूंद श्री तुलसी सेवन करने से पेट संबंधित बीमारियां बहुत कम लगती हैं।
4. स्मरण शक्ति को तेज करती हैं।
5. महिलाओं को गर्भावस्था में बार-बार होने वाली उल्टी की शिकायत ठीक हो जाती है।
6. आग से जलने, कटने, छिलने पर इसे लगाने से विशेष राहत मिलती हैं।
7. सिर दर्द, बाल झड़ना, बाल सफेद आदि में राहत मिलता है।
8. कान व नाक के रोग होने पर इसे हल्का सा गर्म करके एक-एक बूंद कान अथवा नाक में टपकाने से लाभ मिलता है।
9. दांत का दर्द, दांत में कीड़ा लगना, मसूड़ों से खून आना- इसकी चार से पांच बूंदे पानी में डालकर कुल्ला करना चाहिए। यदि मुंह में किसी प्रकार की दुर्गंध आती हो तो एक बार मुंह में डालने से दुर्गंध तुरंत दूर हो जाता है।
10. गले में दर्द, गले और मुंह में छाले, आवाज बैठ जाने पर- चार से पांच बून्द गर्म पानी में डालकर गरारे करें। तुरंत आराम मिलेगा।
11. खांसी होने पर इसकी दो बूंदे थोड़े अदरक के रस तथा मधु के साथ मिलाकर सुबह, दोपहर, शाम सेवन करने से खांसी में बहुत आराम मिलता है।
12. उसकी 8-10 बूंद बॉडी ऑयल में मिलाकर शरीर पर मलकर सोने से रात्रि में मच्छर नहीं काटेंगे।
13. कूलर के पानी में इसकी 10 से 15 बूंदें डालने से सारा घर विषाणु और रोगाणु मुक्त हो जाता है। साथ ही मक्खी- मच्छर भी घर से भाग जाते हैं।
14. जुएं और लीखें – श्री तुलसी और नींबू का रस समान मात्रा में मिलाकर सिर के बालों में अच्छी तरह से लगायें। 3-4 घंटे लगा रहने दें और फिर सिर धोए अथवा रात्रि को लगाकर सुबह सिर धोएं। जुएं और लीखें समाप्त हो जाएंगे।
15. श्री तुलसी की 8 से 10 बूंदें एक बाल्टी पानी में डालकर उस पानी से स्नान करने से त्वचा संबंधित रोग नहीं होते, जिन्हें त्वचा रोग है उनका रोग नष्ट हो जाता हैं।
16. सुबह व रात को सोते समय चेहरे पर लगाने से त्वचा सुंदर व कांतिमय हो जाता है तथा चेहरे से प्रत्येक प्रकार के काले, भूरे धब्बे, झाइयां, कील-मुंहासे व झुर्रियां नष्ट हो जाती है।
17. इसकी चार-पांच बूंदे स्किन केयर जेल में मिलाकर लगाने से प्रसव के बाद पेट पर बनने वाली स्ट्रेच मार्क्स कम हो जाती है।
18. श्री तुलसी की एक बूंद एक गिलास पानी में अथवा चार बून्द एक लीटर पानी में डालकर पानी पीना चाहिए। इससे पेय पदार्थ विषाणु रोगाणुओं से मुक्त होकर स्वास्थ्यवर्धक हो जाता है।
19. दाद, खाज खुजली में लगाने से वे जल्द ठीक हो जाते हैं।
20. नियमित इस्तेमाल से माइग्रेन, कोलेस्ट्रॉल, मलेरिया, बुखार, चिकनगुनिया, त्वचा रोग, सर्दी, खांसी आदि बीमारियां दूर हो जाती हैं।
स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन श्री तुलसी का चार-पांच बूंद अवश्य सेवन करना चाहिए। इतना गुणकारी होने के कारण ही IMC के तुलसी को दुनियाँ का सबसे बेस्ट तुसली कहते हैं। स्वस्थ रहने के लिए तुलसी जरूर अपनाएं।