Jamshedpur : रविवार 20 मार्च, 2022
लगभग 10 बर्ष पूर्व एक्सीडेंट के बाद जोश और जल्दबाजी में न चाहते हुए भी लापरवाही से अस्पताल पहुंचाये जाने के कारण मुहम्मद जावेद रीढ़ की हड्डी के साथ- साथ अपने पैरों का कंट्रोल भी खो दिए। उनका कहना है कि आम जनता को सरकार एवं सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से प्राथमिक उपचार का सही तरीके की जानकारी दी जानी चाहिये। जिससे भविष्य में अगर कोई घटना घटे तो फर्स्ट एड देने वाले कि वजह से छोटी चोट बड़ी घटना का रूप न लें सके।
अक्सर ऐसा देखा गया है कि लोग प्रॉपर जानकारी के आभाव और जोश में मरीज को आनन – फ़ानन में अस्तपाल पहुंचाने की जल्दबाजी में जैसे – तैसे उठा लेते हैं और रोगी को सहायता पहुंचाने की जगह बड़ी परेशानी में डाल देते हैं, जो अनजाने में हुई भूल की वजह से मरीज जीवन भर के लिए अपने बहुमूल्य अंग खो देते हैं।
इसी तरह की घटना के शिकार मुहम्मद जावेद कर्नाटक के बंगलोर से चलते हुए तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओड़िसा के रास्ते कल शाम झारखण्ड के पूर्वी सिंहभूम जिला पहुँचे थे। उन्हें जमशेदपुर फौजी एण्ड फ्रेंड्स के सदस्य दिव्यांग सुशांत ने उनके ठहरने के लिए कई होटलों का सर्वे किया ताकि मुहम्मद जावेद व्हीलचेयर के साथ प्रवेश करें और रूम टॉयलेट आदि जाने में तकलीफ न महसूस करें। होटल साई रेजीडेंसी में रूम बुक करा कर उन्हें ठहराया गया।
आज जानकारी मिलने पर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद के प्रदेश महासचिव सुशील कुमार सिंह के नेतृत्व में जिला मंत्री दिनैश सिंह, सार्जेंट अशोक श्रीवास्तव, सूबेदार मेजर दीपक मलिक, वेटरन्स मनोज ठाकुर, हँसराज सिंह, विवेक कुमार सिंह, गणेश राव, जय हो टीम के महेश जोशी एवं सुशांत ने पुष्पगुच्छ, उपहार एवं अंगवस्त्र ओढ़ा कर सम्मानित किया।
यद्यपि मुहम्मद जावेद को हिंदी की जानकारी थी मगर वो तमिल और अंग्रेजी में ही अपनी बात रख पा रहे थे। भाषाई दिक्कतें होने के बावजूद सैनिक साथियों ने उनकी बात समझकर मीडिया को हिंदी में सारी जानकारी उपलब्ध कराई।
आज लगभग 12 बजे उन्हें उपायुक्त कार्यालय से आसनसोल के लिए रवाना किया गया। उनके कार को चलाने और नियंत्रण करने के लिए कार को मोडीफाई और विशेष डिवाइस के साथ बनाया गया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को याद दिलाने हेतु इस दिन से अपनी यात्रा की शुरुवात कर 28 राज्यों और केंद्र शाषित प्रदेशों का सफर करते लगभग 30 हजार किलोमीटर की दूरी तय करते हुए, 25 मई 2022 को चेन्नई पहुँचने का लक्ष्य है।
आज जमशेदपुर के दिव्यांगो का एक प्रतिनिधि मंडल ने भी उनसे मुलाकात कर उन्हें सम्मानित कर उनका हौशला बढ़ाया।
वीडियो में देखें किस प्रकार से जानकारी दे रहें हैं- मुहम्मद जावेद