Jamshedpur : बृहस्पतिवार 05 मई, 2022
स्वच्छ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाती शहर की गंदगी आपको चहुंओर देखने को मिल जाएगी। लेकिन शहरवासियों के लिए यह अब आम बात हो चुकी है। नाक सिकोड़े और बुदबुदाते लोग बस यही कहते नजर आ जाएंगे – सिर्फ टैक्स लेना जानती है सरकार, सफाई के नाम पर बेवकूफ बनाते हैं।
इनके लिए यह बिल्कुल उपयुक्त लाइन है-
‘स्वच्छ्ता और स्वच्छ भारत’ की नौटंकी करते नगर निगम।
खैर, आज हम बात कर रहें हैं जमशेदपुर शहर के प्रसिद्ध स्थल साकची स्थित आमबगान में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाई गई पेशाब घर की। जहां बेतहाशागंदगी का अंबार न केवल बाहर है बल्कि अंदर भी है। आपको यह भी बता दें कि आमबगान का यह क्षेत्र जमशेदपुर अक्षेस के अंतर्गत आता है। आप इस तस्वीर में साफ देख सकते हैं। इनकी सफाई के नाम पर लाखों रुपयों की कमाई करने वाले ठीकेदार और अधिकारी भी यहां पेशाब करने से कतराते हैं।
यहां आप साफ देख सकते हैं कि पेशाबघर के आसपास के अलावा महिलाओं के लिए बनाए कक्ष में शौच साफ देख सकते हैं। यह खुले में शौच से मुक्ति (ODF) की धज्जियां उड़ा रहा है। जो कि जमशेदपुर अक्षेस के लिए कोई नई बात नहीं है। अब ऐसे में सवाल उठता है कि सबसे मुख्य स्थल का यह हाल है तो शहर के अन्य की स्थिति क्या होगी? वहीं ODF का सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले अधिकारी की अन्तरात्मा कैसे और किस कदर मुस्कुरा लेती हैं यह आश्चर्य है।
सवाल यह उठता है कि जो स्वयं गंदगी पसंद नहीं करता वह दूसरों को गंदगी का उपहार क्यों दे रहा है।
इस विषय पर वहां उपस्थित लोगों से जब बातचीत की गई तो उनका कहना था कि वे जुस्को से इसकी साफ सफाई को लेकर बात किये थे लेकिन जुस्को के अधिकारी ने यह क्षेत्र जमशेदपुर अक्षेस का बताया। और कहा कि आमबगान सहित इसकी सफाई की जिम्मेदारी जमशेदपुर अक्षेस की है। वहां उपस्थित एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि जेएनएसी इसकी अनदेखा कर रही है। यहां कई दिनों से सफाई नहीं हुई है। कम्प्लेन करने के बावजूद यहां काम नहीं हो रहा है।
आपको यह भी जानना चाहिए कि यही स्थिती मानगो और जुगसलाई नगर निगम क्षेत्र की है। सफाई के नाम पर सरकार सहित लोगों को नगर निगम के अधिकारी ठग रहे हैं। काम कम और खर्च अधिक दिखाया जाता है। वैसे भी सफाई का ठिका अब विधायक और मंत्रियों के लोगों को दिया गया है। इससे आप बिलकुल अंदाजा लगा सकते हैं कि सफाई का स्तर क्या होगा?
आपको यह भी जानना चाहिए कि कॉमर्शियल क्षेत्र में झाड़ू एक दिन में दो बार और रेसिडेंशियल एरिया में एक बार किया जाना अनिवार्य है लेकिन इस नियम को बायपास कर महीना में लाखों के बिल यूं ही पास कर दिए जाते हैं। वहीं 50 मजदूर की जगह 15 मजदूर लगाकर ही रुपयों की अवैध वसूली की जा रही है। बदलाव का इंतजार करते लोग जब स्वयं ठीकेदार या मंत्री बन जाते हैं तो वे भी सरकारी धन और संपत्ति को लूटने का अवसर नहीं छोड़ते। वैसे आम लोग आज भी बेहतर सुविधा का इंतजार बेसब्री से कर रहे हैं।