Jamshedpur : बृहस्पतिवार 04 अगस्त, 2022
Dr. Sahir Pall को पूर्वी सिंहभूम ज़िला का सिविल सर्जन बनाए जाने पर जमशेदपुर की मशहूर सामाजिक संस्था झारखंड ह्युमैनिटी फाउंडेशन ने Felicitation Ceremony का आयोजन किया। इस कार्यक्रम के स्वागत भाषण के दौरान संस्था के अध्यक्ष रियाज़ शरीफ ने तमाम मेहमानों का स्वागत करते हुए बुज़ुर्ग डॉक्टर आलम, आर्का जैन यूनिवर्सिटी के वीसी का तमाम ऑडियेंस से तार्रुफ कराया। इस अवसर पर रियाज़ शरीफ ने कहा कि डॉक्टर पाल की शख्सियत समाज के युवाओं के लिए एक इंस्पिरेशन हैं। उन्होंने कोविड के दौरान जमशेदपुर में डॉक्टर पाल के द्वारा की गई सेवाओं को याद दिलाते हुए कार्यक्रम में उनका स्वागत किया।
कार्यक्रम की नक़ाबत कर रहे प्रोफेसर यहया ने डॉक्टर पाल की अरंभिक शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि डॉक्टर पाल ने जमशेदपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज MGM मेडिकल कॉलेज से MBBS की डिग्री हासिल की।
इस दौरान कार्यक्रम में मौजूद VC प्रोफेसर रज़ी ने संस्था की ओर से डॉक्टर पाल को शॉल भेंट कर सम्मानित किया।कार्यक्रम में मौजूद वक्ता डॉक्टर ज़करिया ने कहा कि डॉक्टर पाल और मैंने अलीगढ़ विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल की। इस दौरान हमारे कई और मित्र जो जमशेदपुर से संबंधित थे, सभी ने अलीग के कार्यक्रम सरसैयद डे का आयोजन बखूबी किया। इस सफलता का श्रेय मुख्यतः डॉक्टर पाल को जाता है।
डॉक्टर ज़करिया ने कहा कि मैं डॉक्टर पाल के खिदमत करने के जज़्बे को सलाम करते हैं। जब अल्लाह किसी से खुश होता है तो उसको बुलंदी पर बैठाता है, इसकी मिसाल डॉक्टर पॉल हैं। मुझे उम्मीद है कि सिविल सर्जन बनना तो शुरुआत है, इनको बड़ी तरक्की करनी है और आला मुकाम हासिल करना है।
अगले वक्ता प्रोफेसर रज़ी ने कहा कि डॉक्टर हरदिल अज़ीज़ हैं, जो रात हो या फिन हर समय अपनी सेवा देने के लिए उपलब्ध होते हैं। डॉक्टर पाल ही नहीं उनके पिता भी हरदिप अज़ीज़ हैं। डॉक्टर रज़ी ने डॉक्टर पाल को झारखंड ह्युमैनिटी फाउंडेशन के द्वारा सम्मानित किए जाने वाले के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि डॉक्टर पाल को सम्मानित किया जाना मेरे लिए सम्मान की बात है।
जबकि कार्यक्रम में मौजूद डॉक्टर साहिर पाल के मेडिकल कॉलेज के दिनों के शिक्षक डॉक्टर आलम ने कहा कि डॉक्टर पाल के द्वारा उनके अबतक के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि ईश्वर डॉक्टर पाल को सेहत दें ताकि वह इसी प्रकार डॉक्टर होने का फर्ज़ अदा करते रहें। डॉक्टर पाल ने कहा कि अपने दोनो शिक्षक प्रोफेसर रज़ी व डॉक्टर आलम को सम्मानपूर्वक याद जरते हुए कहा कि मेरे शिक्षकों ने मेरे बारे में जो कहा वह मेरे किए गए कार्य से ज़्यादा है, मैंने तो अपना फर्ज़ आदा किया। ये सफलता मेरे पिता ने मुझे इंटिग्रिटी, कमिटमेंट व ईमानदारी का पाठ पढ़ाया. मैं उसी पाठ पर चल कर इस मुकाम तक पहुंचा। आज यदि वह हयात से होते तो उनको बहुत खुशी होती।
डॉक्टर पाल ने पोलियो मुहिम का हिस्सा बनने के अपने 14 वर्षों की सेवा का ज़िक्र करते हुए कहा कि मुझे फख़्र है कि मैंने अपने देश के लिए इंटरनेशनल लेवेल पर पोलियो मुहिम के लिए प्रतिनिधित्व किया। उस दौरान हमारी टेबल पर मौजूद तिरंगा हमें भारतीय होने का एहसास दिलाता तो वहीं ऊर्जान्वित भी करता था।
झारखंड ह्युमैनिटी फाउंडेशन का शुक्रिया अदा करते हुए डॉक्टर पाल ने सरकार द्वारा दी गई ज़िम्मेदारी को लेकर डॉक्टर पाल ने कगा कि मैं भविष्य में बेहतर तरीके से इस ज़िम्मेदारी जो निभाना चाहता हूं।