ब्रेकिंग : मंगलवार 09 अगस्त, 2022
नीतीश कुमार ने बिहार के सीएम पद से दे दिया इस्तीफा और लालू यादव की पार्टी राजद के साथ गठबंधन करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल फागू चौहान से मिलने पटना राजभवन पहुंचे। बता दें की मुख्यमंत्री नितीश कुमार आठ साल में दूसरी बार सहयोगी दल भाजपा से अलग हुए हैं।
नितीश कुमार का यह फैसला किन कारणों से लिया गया अभी विवादस्पद है। बता दें की राजद के नेतृत्व में महागठबंधन की एक बैठक हुई जिसमें वामपंथी और कांग्रेस के नेतागण भी शामिल हुए, जहां सभी विधायकों ने नितीश कुमार को समर्थन दिया। जानकारी के अनुसार सीएम ने अपने आधिकारिक आवास पर एक बैठक बुलाई थी। बैठक में उन्होंने पार्टी विधायकों और सांसदों से भाजपा की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाये हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाए की जद (यू) को कमजोर करने के लिए चिराग पासवान के विद्रोह को बढ़ावा दिया गया था वहीँ पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का नाम भी इसमें शामिल बताया। उनकी स्पष्ट सहमति के बिना ही आरसीपी सिंह को केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। नतीजतन, जब राज्यसभा सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल समाप्त हुआ, तो जद (यू) ने उन्हें एक सांसद के रूप में एक और कार्यकाल देने से इनकार कर दिया, इस प्रकार कैबिनेट मंत्री के रूप में भी उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। जिससे की आरसीपी सिंह के समर्थकों द्वारा जद (यू) में विभाजन की अफवाहें सामने आईं।
भाकपा (लिबरेशन) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने सोमवार को पीटीआई को बताया था कि जद (यू) और भाजपा के बीच विवाद की जड़ भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के हालिया बयान से उपजा है, जिन्होंने कहा था कि क्षेत्रीय दलों का “कोई भविष्य नहीं है”। इस बीच, भाजपा ने डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के आवास पर हंगामा किया, जहां पार्टी के सभी मंत्री के अलावा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद हैं।
भाजपा सूत्रों ने कहा कि वे तब तक इंतजार करेंगे जब तक नीतीश कुमार पहला कदम नहीं उठा लेते।
क्या होगा बिहार में सरकार बनाने का गणित ? आइये जानते हैं किसके पास है विधायकों की कितनी सीट –
बता दें की बिहार राज्य विधानसभा में 242 सीट है जिनमें बहुमत के लिए 121 विधायकों की आवश्यकता है, राजद के पास सबसे अधिक 79 विधायक हैं, उसके बाद भाजपा के पास 77 और जद (यू) के पास 44 विधायक हैं। वहीँ पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के चार विधायकों और एक निर्दलीय का भी समर्थन प्राप्त है।
कांग्रेस के पास 19 विधायक हैं जबकि सीपीआईएमएल (एल) के पास 12और सीपीआई और सीपीआई (एम) के दो-दो विधायक हैं। इसके अलावा एक विधायक असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम का है।
हालाँकि चर्चा यह भी है की जाति जनगणना, जनसंख्या नियंत्रण और ‘अग्निपथ’ रक्षा भर्ती योजना सहित कई मुद्दों पर भाजपा और जद (यू) के बीच असहमति के चलते संबंध काफी समय से खराब चल रहे थे।
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