Jamshedpur : बृहस्पतिवार 26 जनवरी, 2023
दोस्तों, स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस में झंडा फहराने में तीन मुख्य अंतर है, जिसे जानना हर भारतीय को जरूरी है।
जिस प्रकार गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस दो अलग – अलग राष्ट्रीय त्यौहार है, इनका महत्व भी अलग है, उसी प्रकार इन दोनों राष्ट्रीय त्यौहारों में झंडा फहराने की प्रक्रिया में भी अंतर है। आपको बता दें की 26 जनवरी जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है। इस दिन भारत देश गणतंत्र या प्रजातंत्र के रूप में संवैधानिक अधिकार मिला। आपको यह भी जानना चाहिए की संविधान सभा ने भारत के संविधान को 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में पूरा किया था, जिसे 26 नवम्बर 1949 को पूरा कर राष्ट्र को समर्पित किया। और प्रजातंत्र (गणतंत्र) भारत में इसे 26 जनवरी 1950 से अमल में लाया गया। वहीँ 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक घटना को सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री जी द्वारा ध्वजारोहण कर देश के सभी शहीदों, नागरिकों को सम्मानित किया जाता है।
आइये जानते हैं पहला अंतर क्या है –
आपको बता दें की 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के अवसर पर झंडा ऊपर ही बंधा रहता है, जिसे रस्सी द्वारा खोल कर फहराया जाता है, संविधान में इसे झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहा जाता है। वहीँ 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रस्सी से बंधे झंडे को नीचे से रस्सी द्वारा खींच कर ऊपर ले जाया जाता है, उसके उपरांत रस्सी खोल कर झंडे को फहराया जाता है, इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहा जाता है।
आइये अब दूसरा अंतर जानते हैं –
26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन जो कि इस दिन देश में संविधान लागू हुआ था के उपलक्ष में मनाया जाता है, इस दिन संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। जबकि 15 अगस्त के दिन भारत देश के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। और राष्ट्र के संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति इस दिन शाम में अपना सन्देश राष्ट्र के नाम देते हैं।
और तीसरा सबसे प्रमुख अंतर है –
गणतंत्र दिवस के दिन राजपथ पर झंडा फहराया जाता है। जबकि स्वतंत्रता दिवस के दिन लाल किले से ध्वजारोहण किया जाता है।
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