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झारखंड

हाईकोर्ट के आदेश के बाद जमशेदपुर में 27 अल्ट्रासाउंड सेंटर बंद होने के कारण मरीजों के बीच हाहाकार। आईएमए के सचिव डॉक्टर सौरभ चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डीसी मैम से अनुरोध कर वैकल्पिक व्यवस्था से अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित करने का अनुरोध किया।

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जमशेदपुर | झारखण्ड 

हाईकोर्ट के आदेश के बाद जमशेदपुर में 27 अल्ट्रासाउंड सेंटर बंद होने के कारण मरीजों के बीच हाहाकार। आईएमए के सचिव डॉक्टर सौरभ चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डीसी मैम से अनुरोध कर वैकल्पिक व्यवस्था से अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित करने का अनुरोध किया। बता दें की याचिकाकर्ता कुमार मनीष ने जिले के पूर्व सिविल सर्जन डॉक्टर महेश्वर प्रसाद पर यह आरोप लगाते हुए, झारखंड उच्च न्यायालय में पीआईएल दाखिल कर बताया की पूर्व सिविल सर्जन ने 27 अल्ट्रासाउंड सेंटरों का नवीनीकरण अवैध तरीकों से कर दिया था, जो पूरी तरह से अवैध है।  इसकी इसकी सुनवाई उच्च न्यायालय में माननीय उच्च न्यायाधीश पंकज मिश्रा के कोर्ट में चल रही है। माननीय उच्च न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए पिछले महीने 23 मार्च को 27 अल्ट्रासाउंड सेंटरों के संचालन पर रोक लगा दिया था। एक बार फिर से 24 अप्रैल सोमवार को उच्च न्यायाधीश के कोर्ट में सुनवाई हुई जिसमें उच्च न्यायाधीश ने फिर से एक बार 27 अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालन पर रोक बरकरार रखा।

सुनवाई के दौरान कोर्ट को सरकार की ओर से जानकारी दी गई की इस मामले की जांच एसीबी कर रही है। सोमवार के दिन अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालकों ने कोर्ट से रोक हटाने का आग्रह किया था लेकिन कोर्ट में एक भी दलील नहीं सुनी।

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इस क्रम में आज इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉक्टर सौरभ चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी प्रतिक्रियाएं और जानकारी दिया। उन्होंने बताया की यह मामला 2020 का है, जिसमें 27 अल्ट्रासाउंड सेंटरों के संचालक ने नियमानुसार अपना रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नवीनीकरण के लिए दिया था, जो कि हाई कोर्ट के आदेश अनुसार यह रजिस्ट्रेशन अवैध माना गया है।  इस कारण जमशेदपुर शहर में लगभग 27 अल्ट्रासाउंड सेंटरों को संचालन करने से मना कर दिया गया है।  जिसके कारण पूरे जमशेदपुर में मरीजों के बीच असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है, ना तो सिविल सर्जन की तरफ से या जिला प्रशासन की तरफ से बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए हुए, इन सभी 27 अल्ट्रासाउंड सेंटरों को बंद कराया गया है। उन्होंने जमशेदपुर उपायुक्त महोदय से अनुरोध किया है कि इस मामले को संज्ञान में लेते हुए कोई बीच का रास्ता निकाले, जिसमे सभी अल्ट्रासाउंड सेंटरों के संचालकों  को फिर से एक बार नवीनीकरण या न्यू रजिस्ट्रेशन करने का आदेश दे ताकि  सभी संचालक अपना क्लीनिक सुचारू रूप से संचालित कर सके और मरीजों की सेवा एक बार फिर से पुनः बहाल हो सके।

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