जमशेदपुर । झारखण्ड
नोट: भारत का संविधान अनुछेद 13 (3) (क) भारत का सविधान अनुछेद 244 (1) भारत शासन अधिनियम 1935 अनुसूचित क्षेत्र एवं अनुसूचित जनजातियाँ आदिवासी एबोरजीन इण्डीजिनियश के प्रशासन और उन्नति नियंत्रण कल्याण के तहत।
मड़की मुण्डा स्वशासन विधि व्यवस्था ने आज उपायुक्त महोदया को पत्र देकर परसुडीह को नगर निकाय बनाये जाने का विरोध किया।
संस्था के सदस्यों ने बताया कि विगत दिनों समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि जमशेदपुर के आस पास के ग्राम सभा (हातु दुनूब) ग्रामो को मिला कर नगर निकाय बनाने का भी तैयारी कर परसुडीह विकास समिति द्वारा इस सम्बन्ध में सरकार से पहल करते हुए नगर निकाय बनाने की माँग की गई है।
उपर्युक्त विषय पर निम्नलिखित बिन्दुओ के माध्यम से परम्पारिक मड़की मुण्डा स्वशासन विधि व्यवस्था धाड़ पीढ़ के द्वारा अवगत करते हुए तथ्यों को उचित कारवाई हेतु उपायुक्त महोदय के समक्ष प्रेषित किया गया। जिसमे निम्न बातें लिखी गई –
1) वर्तमान में परसुडीह थाना अन्तर्गत आने वाले राजस्व ग्राम (हातु दुनूब) करनडीह, किताडीह, हलुदबनी, सरजमदा, कालीमाटी, जसकनडीह बुलनगोड़ा, तुपूडांग, गदड़ा, सुसनीगडिया जिला पूर्वी सिंहभूम के अन्तर्गत अवस्थित है और पूर्वी सिंहभूम जिला को महामहिम राष्ट्रपति द्वारा दिनाँक 11/04/2007 को अनुसूचित जिला, भारत के संविधान का अनुच्छेद 244(1) के रूप में घोषित किया गया है।
2) संविधान के अनुछेद 244 में पाँचवी अनुसूची वाले क्षेत्र मे यह व्यवस्था है कि किसी भी कानून को क्षेत्र मे लागु करने से पूर्व राज्यपाल इसे आदिवासी सलाहकार परिषद को भेजकर अनुसूचित जनजातियों पर इसके प्रभाव का आंकलन करवायेंगे और तद्नुसार काननूनों मे फेर बदल कर उसे लागू किया जाएगा। परसुडीह के 09 मोजा मे ग्राम क्षेत्र मे नगरीय क्षेत्र में संक्रामण क्षेत्र के लिए नगर निगम (किसी भी नाम से ज्ञात हो) के सम्बन्ध मे Tribes Advisiory Council द्वारा अनुसूचित क्षेत्र एवं अनुसूचित जनजातिय के सामाजिक, आर्थिक राजनीतिक एवं सामाजिक दुष्प्रभाव का आंकलन सम्बन्धी कार्यवही, झारखण्ड सरकार द्वारा किये नहीं कारवाई गयी है। जबकि सच्चाई ये है कि परसुडीह थाना क्षेत्र मौजा मे शत प्रतिशत भूमि का राजस्व अभिलेख आदिवासियों के नाम पर दर्ज है तथा SAR कोर्ट के द्वारा इन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातिय भू धारको को / भूस्वामी का भू वापसी का आदेश माननीय उच्च न्यायलय द्वारा ज किया गया है। प्रस्तावित निगम मे वार्डो का गठन जिस आबादी को आधार मान कर परिसीमान किया जा रहा है यह छोटनागपुर Tenncy Act उल्लंघन कर आबादी बसी हुई है।
3) भारत का संविधान के अनुछेद 243 भाग मे प्रवाधान है की इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना (1) इस भाग की कोई बात – अनुछेद 244 के खंड 1 में निर्दिष्ट अनुसूचित क्षेत्रों और इसके खंड (2) मे निर्दिष्ट जनजातिय क्षेत्रों को लागू नहीं होगी। अर्थात नगर निकाय / नगर निगम का गठन अनुसूचित क्षेत्रों मे नहीं किया जा सकता है।
4) भारतीय संविधान के 74 वां संशोधन अधिनियम 1992 संसद द्वारा नगर पालिका का गठन एवं विस्तार को संवैधानिक दर्जा दिया गया परंतु अनुसूचित क्षेत्रों में इसका विस्तार एवं गठन हेतु अभी तक संसद द्वारा कोई भी अधिनियम / कानून नही बनाया गया है।
अतः महाशया से नम्र निवेदन है कि परसुडीह थाना क्षेत्र को नगर निकाय गठन करने के पूर्व इस पर विचार करने कि कृपा करे।