रजरप्पा | रामगढ
झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा है कि औद्योगिक विकास तो जरूरी है पर नदियों के प्रदूषण की कीमत पर नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि झारखंड में दामोदर सिर्फ नदी ही नहीं बल्कि लाइफलाइन है। इसे किसी भी कीमत पर प्रदूषित नहीं करना है। वह मां छिन्नमस्तिका मंदिर, रजरप्पा के प्रांगण में युगांतर भारती, नेचर फाउंडेशन और दामोदर बचाओ आंदोलन की तरफ से आयोजित दामोदर महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने गंगा आरती भी की। वाराणसी से आए पुजारियों ने दामोदर नद के किनारे गंगा आरती की।
राज्यपाल ने कहा कि बहुत पहले वह जर्मनी गए थे। वहां उन्होंने एक बोर्ड लगा देखा जिसमें लिखा था कि इस नदी का पानी प्रदूषण मुक्त है। आप इसे सीधे पी सकते हैं। मैं सोच रहा था कि ऐसा भारत में कब होगा?
राज्यपाल ने कहा कि कुछ साल पहले वह गुजरात गए थे। वहां उन्होंने साबरमती नदी का खस्ताहाल देखा। फिर कुछ वक्त के बाद उन्होंने साबरमती नदी को देखा तो वह साफ हो चुकी थी। ऐसे ही, वह दस साल पहले बनारस गए थे। गंगा जी तो गंदी, प्रदूषित थी ही, पूरा शहर भी गंदा था। अभी दस दिन पहले में बनारस से लौटा हूं। गंगा जी चमक उठी हैं और पूरा शहर साफ हो गया है। ये सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच और एक्शन से ही संभव हुआ।
राज्यपाल ने कहा कि मुझे ये देख कर अच्छा लगा कि नरेंद्र मोदी और सरयू राय जी की सोच एक जैसी ही है। दोनों मानते हैं कि नदियों को गंदा नहीं करना चाहिए। दामोदर नद के ९९ प्रतिशत औद्योगिक प्रदूषण से मुक्ति पर में सरयू राय जी को बधाई देता हूं।
इसके पूर्व दामोदर बचाओ आंदोलन के अध्यक्ष और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू रॉय ने कहा कि अगला साल उनकी संस्था देश भर के उन तमाम लोगों का धन्यवाद करेगी, आभार जताएगी, जिन्होंने प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से दामोदर आंदोलन में सहायता की।
राय ने कहा कि ये १९ साल बेहद संघर्ष के रहे पर ये खुशी की बात है कि दामोदर ९५ प्रतिशत साफ हो गया। बेरमो, फुसरो और धनबाद में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम चालू हो रहा है।
इस अवसर पर राज्यपाल, विधायक गण एवमं अन्य अतिथियों ने एक स्मारिका का भी विमोचन किया। स्वागत भाषण गोविंद मेवाड़ एव धन्यवाद ज्ञापन आशीष शीतल ने किया।