प्रतीकात्मक चित्र |
जमशेदपुर | झारखण्ड
सरायकेला कोर्ट ने तबरेज अंसारी मोब लिंचिंग मामले में सभी दस दोषियों को आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत 10 साल कैद की सजा सुनाई है और भीड़ में की गयी इस हत्या की कड़ी निंदा भी की गयी। इस हत्याकांड में दोषी पाए गए
भीम सिंह मुंडा, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुनामो प्रधान, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेम चंद महाली, महेश महाली को कस्टडी में ले लिया गया है।
हालाँकि मीडिया रिपोर्ट्स और बचाव पक्ष के वकील एससी हाजरा के मुताबिक इस पूरे प्रकरण को गलत ढंग से कोर्ट के समक्ष पेश किया गया है। तबरेज अंसारी की हत्या मॉब लिंचिंग नहीं थी और इसे दुष्प्रचारित किया गया है। इस केस को गलत दिशा में ले जाने का प्रयास किया गया है। न्याय के लिए दोषी उच्च न्यायलय में जा सकते हैं।
बता दें की 18 जून 2019 को धातकीडीह में चोरी के संदेह में भीड़ ने तबरेज अंसारी बेरहमी से पिटा था। पिटाई के बाद लोगों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया था। मेडिकल जांच के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। हिरासत में उसकी तबियत बिगड़ गयी और 21 जून को उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान तबरेज दिनांक 22 जून 2019 को उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और इसके खिलाफ कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया। जिसमें मुख्य आरोपी पप्पु मंडल को छोड़ सभी 12 आरोपी अभी तक जमानत पर थे।