दुमका | झारखण्ड
दुमका के कांग्रेस भवन में विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने प्रेसवार्ता किया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग करते हुए कहा कि नैतिकता के आधार पर वो मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफा लें और वहां राष्ट्रपति शासन लागू करें। मणिपुर हिंसा के दोषियों को सिर्फ दंडित करने की बात न करें, बल्कि नैतिकता के आधार पर मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का इस्तीफा लें और तत्काल वहां राष्ट्रपति शासन लागू करें।
साथ ही यह मांग करी की आदिवासी को पद देना भाजपा की तुष्टिकरण की नीति हैं। भाजपा पार्टी के द्वारा हाल के दिनों में जो आदिवासी समाज के लोगों को राष्ट्रपति या कुछ अन्य बड़े पद पर आसीन करना तुष्टिकरण की नीति है। केंद्र सरकार आदिवासी तुष्टिकरण की नीति अपना रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि 4 मई को यह हादसा हुआ लेकिन 2 महीने के बाद यह सोशल मीडिया के द्वारा प्रकाश में आया। इसे इतने दिनों तक छुपाया क्यों गया। इसके दोषियों को दंडित क्यों नहीं किया गया।
मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अलग – अलग देशों की यात्रा कर रहे हैं। मन की बात कार्यक्रम में भी वह मणिपुर का जिक्र नहीं कर रहे हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। मणिपुर की घटना के सामने तालिबानी शासन भी फेल। मणिपुर में ऐसी घटना घटी जिससे भारत ही नहीं पूरा विश्व शर्मसार हुआ है।
इस घटना ने तालिबानी शासन को भी फेल कर दिया है, इसमें डबल इंजन की सरकार फेल साबित हुई। इस पर कोई ठोस एक्शन लेने की जगह उसे डायवर्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। नेहा ने मीडिया की भूमिका पर भी उठाये सवाल कहा कि मणिपुर आदिवासियों के साथ बर्बरता पूर्ण व्यवहार हो रहा है पर इसमें मीडिया की भूमिका सही नहीं है। वो इन घटनाओं को प्रमुखता से सामने लाने की बजाय दूसरे घटनाओं में व्यस्त है। इस मौके पर काँग्रेस जिलाध्यक्ष महेश राम चंद्रबंसी, महिला अध्यक्षा छोबी बागची एवं अन्य काँग्रेस कार्यकता मौजूद रहे।