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झारखंड

सिदगोड़ा स्थित बिरसा मुंडा टाउन हॉल में प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन, जमशेदपुर (पासवा) द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह को मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने संबोधित किया।

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जमशेदपुर | झारखण्ड 

झारखंड के वित्त, योजना एवं विकास, वाणिज्य कर, खाद्य सार्वजनिक वितरण तथा उपभोक्ता मामले के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि शिक्षक जीवन के निर्माता होते हैं। हमारे गुरु श्रवण कुमार सिंह ने हमें अर्थशास्त्र पढ़ायें हैं और मुझे उसी का ज्ञान है। जिसके कारण हम बहुत कुछ समझ पाते हैं। भगवान के बाद माता- पिता और गुरु होते हैं, इसलिए उनका हमेशा सम्मान करना चाहिए। बच्चों पर अपनी इच्छा जबरदस्ती ना थोपे। बच्चे कि जिस विषय में रुचि हो, उसे उसी क्षेत्र में आगे बढ़ाएं।

उन्होंने बाद में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 2000 से पहले जो भी आए हैं, सब का खतियान है। 1932 खतियान लेकर किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने बताया कि जब झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना लगभग 1970 के आसपास हुई थी, तभी से यह नारा था 32 का खतियान हमारी पहचान है। उन्होंने 9 अगस्त को सभी पार्टियों से आदिवासी दिवस मनाने का आग्रह किया।

डॉ रामेश्वर उरांव ने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि इरफान अंसारी जी को आदिवासी जाति बोलकर नहीं कुछ बोलना चाहिए। वह अपने बड़बोलेपन के कारण हमेशा परेशान रहते हैं।

बाद में मीडिया से बात करते हुए पासवा के अध्यक्ष आलोक कुमार दुबे ने कहा कि प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन, जमशेदपुर (पासवा) द्वारा 3000 से अधिक मेधावी छात्र- छात्राओं के बीच पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।

उन्होंने कहा कि 10वीं और 12वीं परीक्षा के टॉपर्स को, चाहे वह किसी भी स्कूल के हो और किसी भी बोर्ड से उत्तीर्ण किए हो, सभी टॉपर्स को सम्मान दिया गया है। इसके लिए बच्चे नवी कक्षा से ही तैयारी शुरू कर देते हैं। बच्चों में काफी उत्साह देखा गया।

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