जमशेदपुर | झारखंड
आज दिनांक: 13/8/2023 विश्व अंगदान दिवस है, पहला अंगदान 1954 में किया गया था, क्योंकि अंग खोने से हर साल काफी लोगों की मृत्यु हो जाती है। अंगदान से किसी व्यक्ति का जीवन सुधर सकता है। एक व्यक्ति अपने शरीर के 8 अंगदान करके 10 लोगों को जीवन दान दे सकता है। विश्व अंगदान दिवस के उपलक्ष में भारतीय मानवधिकार एसोसिएशन पूर्वी सिंहभूम के लिए जिला अध्यक्ष एस एन पाल ने जनता मे जागरूकता लाने के लिए अपनी पत्नी संग अंगदान करने की इच्छा जताई पर इसे नहीं कर पाए।
श्री एस एन पाल ने विगत वर्ष में माननीय स्वास्थ्य मंत्री जी को इस विषय पर ध्यान केंद्रित करने के लिए आवेदन दिए थे, जिसे फलस्वरूप स्वीकृति नहीं मिल पाई। क्योंकि पूरे झारखंड राज्य में कहीं भी दान किए हुए ऑर्गन को रखने की व्यवस्था नहीं है। यह झारखंड वासियों के लिए दुर्भाग्य है।
इस पर दुःख जताते हुए श्री एस एन पाल ने कहा की झारखंड का स्वास्थ्य विभाग सही होता तो शायद लोग चिकित्सा कराने के लिए दूसरे राज्य में नहीं जाते। कोई व्यक्ति स्वेच्छा से अंगदान करना चाहता है उसके लिए कानूनी प्रक्रिया अड़चन बनकर सामने आने लगा है। क्योंकि उनके परिवारों के सभी सदस्यों से व्यक्तिगत तौर पर शपथ पत्र जमा करने के लिए कहा जाता है। अगर कोई व्यक्ति का बेटा/ बेटी बाहर रहता है जिसका हस्ताक्षर होना उस शपथ पत्र में अनिवार्य है, उसके लिए दुविधा का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने राज्य सरकार से विनती कर इस प्रक्रिया को सुचारु किये जाने को लेकर मांग की है ताकि लोगों को अंगदान करने में किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े। आज झारखंड के लोग अंगदान करने के इच्छुक है किंतु उसका सही तरीके से समाधान नहीं हो पाता है। सरकार इस दिशा में सही पहल करे और इसे सुविधा जनक बनाये ताकि लोग अंगदान के प्रति जागरूक हों और इसकी आवश्यकता को समझ सके।