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झारखंड

सिदगोडा सूर्य मंदिर की आड़ में धंधेबाजी

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 जमशेदपुर  |  झारखण्ड 

सिदगोडा सूर्य मंदिर की आड़ में धंधेबाजी करने वाला एक समूह, जिसमें से कुछ लोग भाजपा से भी जुड़े है, विगत तीन दिनों से मीडिया में मेरे विरूद्ध आपत्तिजनक भाषा में ग़लतबयानी कर रहे हैं. इस बारे में मैं बताना चाहता हूँ कि

1. सूर्य मंदिर परिसर के शंख मैदान में मेरी विधायक निधि से वही कार्य हो रहे हैं जिस तरह के कार्य 2005 से 2019 के बीच तत्कालीन विधायक विधायक द्वारा विधायक निधि से हुए हैं. बल्कि पुरानी गलतियों को सुधारा जा रहा है. वहाँ बहुत दिनों से शंख की आकृति जमीन पर रखी हुई है. भ्रमण के दौरान शंख पर जूता, चप्पल पहने हुए बच्चे, बुजुर्ग महिला एवं पुरूष खड़ा होते हैं, खाते-पीते हैं, चहलक़दमी करते हैं, शंख पर चढ़कर फ़ोटो खींचते हैं. ऐसी गतिविधियों से शंख का अपमान होता है. आश्चर्य है कि सूर्य मंदिर समिति के धंधेबाज़ों की धार्मिक आस्था को इससे चोट नहीं लगती. मेरी विधायक निधि से शंख मैदान का सौंदर्यीकरण होना है जिसमें शंख को ऊंचा चबूतरा बनाकर उपर रखना है. साथ ही श्रीमद्भागवत गीता में वर्णित भगवान कृष्ण एवं पांडवों के शंखों की प्रतिकृतियाँ उकेरनी हैं. शंख को सम्मान देने का क्रियान्वयन होना है. इसमें ऐसा क्या है जो विरोध लायक़ है. इसके अलावा सुगंधित पुष्पों के पौधे चारों ओर लगने हैं. अंतर इतना ही है कि पहले शंख मैदान उद्यान तक पहुँचने के लिए लोगों को प्रति व्यक्ति 5 रूपये का टिकट कटाना पड़ता था और अब यहाँ पर प्रवेश निःशुल्क रहेगा. इसके अलावा पहले इसपर सूर्य मंदिर की आड़ में धंधेबाज़ों का क़ब्ज़ा था जो हर व्यक्ति से 5 रू वसूलते थे, अब इसकी मालिक जनता रहेगी, जेएनएसी इसका संचालन और देखरेख करेगा,  धंधेबाज़ों को दूर रखा जाएगा.

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2. शंख मैदान के सामने एक सड़कनुमा रास्ता है, पाम ट्री की फेंसिंग है और थोड़ी दूर पर सोन मंडप की दीवार है. दीवार और फेंसिंग के बीच के लंबे मैदान में पूर्ववर्ती विधायक की निधि से घड़ियाल एवं अन्य वन्यजीवों की आकृतियाँ बनी हैं, झूलानुमा लोहे के पोल हैं. जो जर्जर हो गये हैं. मेरी विधायक निधि से यहाँ बॉलीबाल और कबड्डी के कोर्ट बन रहे हैं तो क्या ऐसा अपराध हो गया कि धंधेबाज़ इसे धर्म विरोधी बताने लगे हैं.

3. इस परिसर में दो तालाब बने हैं. दोनों सरकारी पैसे से बने हैं. दोनों की भी मरम्मत, आधुनिकीकरण विधायक निधि, पर्यटन विभाग की निधि से होती आ रही है. तालाबों में शुरू से छठ होता है. दोनों तालाबों में सैर के लिए 2011-12 में विधायक निधि से दो बड़े पैडल बोट 1,85,000/- के व्यय पर ख़रीदे गए. चलते रहे. इनका कबाड़ हो चुका ढाँचा बग़ल में आज भी फेंका हुआ है. अब मैं अपने विधायक निधि से इनमें चलने वाली बच्चों की छोटी पैडल बोट ख़रीद रहा हूँ तो इसका ये विरोध कर रहे हैं . इन्हें छठ पर्व की आस्था और पवित्रता पर चोट लगता दिख रही है. अंतर क्या हुआ? पहले ये धंधेबाज़ यहां के मालिक बने बैठे थे. अब तालाब का मालिक जनता बन रही है, इसपर जेएनएसी का नियंत्रण हो रहा है, तो इनके पेट में दर्द हो रहा है.

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4. ये लोग कल 2 सितंबर को मेरे विधानसभा क्षेत्र के मंडलों में मशाल जुलूस निकाल रहे हैं. 4 सितंबर को उपायुक्त के सामने प्रदर्शन करने वाले हैं. मैं आज शाम 5.30 बजे उपायुक्त से मिल रहा हूँ. उन्हें बताउँगा कि मैं पूरे जमशेदपुर में इनका कारनामा घर घर पहुँचाऊँगा. 4 सितंबर को प्रदर्शन के समय उपायुक्त इनकी संख्या ड्रोन कैमरा से पता कर लें. मैं उससे दो गुना से अधिक संख्या लेकर उनके पास जाऊँगा. इतना ही नहीं पूरे झारखंड में, सभी ज़िला मुख्यालयों पर जाकर इनके कारनामों की पोल खोलूँगा. भाजपा के जमशेदपुर, कोल्हान, झारखंड के  कार्यकर्ताओं, नेताओं को बताउँगा कि जमशेदपुर में इनकी पार्टी के धंधेबाज़ धर्म और मंदिर की आड़ में क्या गुल खिला रहे हैं.

5. धंधेबाज़ों को पहले की तरह यहाँ की सरकारी ज़मीन और सरकारी खर्च पर बनी संरचनाओं पर क़ब्ज़ा चाहिए. यहाँ से धंधा करने का मौक़ा चाहिए. 2019 में जमशेदपुर की जनता ने विधायक पद छीन लिया और इस सम्पत्ति के हाथ से निकलने का भय सताने लगा तो क़ब्ज़े को संस्थात्मक आड़ देने के लिए इन्होंने 2021 में सूर्य मंदिर समिति का रजिस्ट्रेशन कराया. (रजिस्ट्रेशन नं॰ 224, वर्ष 2020-21). इनकी अवैध गतिविधियों को देखते हुए उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम ने 3022 में पत्रांक-2162, दिनांक 29.12.2022 द्वारा निबंधन महानिरीक्षक, राँची को पत्र लिखा कि इस संस्था का निबंधन रद्द करें. इसके बाद पत्रांक -13/वि॰ विविध संस्था- 01/2023, दिनांक 24.1.2023 को सूर्य मंदिर समिति से स्पष्टीकरण  पूछा कि क्यों नहीं आपका निबंधन रद्द कर दिया जाय.

6. दिसंबर 2021 में धंधेबाज़ों ने चिल्ड्रन पार्क को तोड़कर कहीं ले जाने ले जाने की प्रक्रिया शुरू की तो लोगों ने रोका. पर्यटन विभाग के लिखने पर सिदगोडा थाना में एफआईआर संख्या-15/22, दिनांक 19.1.2022 दर्ज हुआ.

7. इस बारे में मैं सोमवार को सचिवालय खुलने के बाद निबंधक महानिरीक्षक से पूंछूंगा कि निबंधन रद्द करने के बारे में क्या प्रगति हुई है?

मैं कल संवाददाताओं को आमंत्रित कर विस्तार से बताऊँगा कि विगत वर्षों में सूर्य मंदिर परिसर निर्माण और सौंदर्यीकरण में क्या क्या हुआ है और जो हुआ है, वह धरातल पर कहाँ है?

-सरयू राय

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