जमशेदपुर | झारखण्ड
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर पोखारी स्थित नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के नर्सिंग विभाग में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दूसरे दिन बुधवार को एक सेमिनार का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि सह वक्ता के रूप में सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ दीपक गिरि उपस्थित थे. साईं बाबा एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर के समक्ष दीप प्रज्जवलित व पुष्प अर्पित कर उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत की. सेमिनार मानसिक स्वास्थ्य पर आधारित था.
इसमें मुख्य अतिथि सह वक्ता डॉ दीपक गिरि ने बताया कि योग मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है. उन्होंने मुख्य रूप से इस वर्ष की थीम पर ध्यान शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं छात्र-छात्राओं का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य सार्वभौमिक मानव अधिकार है. यदि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से बीमार है, तो उसके अधिकारों का उल्लंघन होने की संभावना अधिक है. यदि किसी के अधिकारों का उल्लंघन होता है, तो उसके मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से प्रभावित होने का जोखिम अधिक होता है. शुरुआत में मानसिक स्वास्थ्य सभी प्रकार के स्वास्थ्य से पीछे था, लेकिन कोविड के बाद लोग इसके बारे में और अधिक जानने लगे हैं. शुरुआत में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बहुत कम लोग जानते थे, लेकिन अब यह सामने आ गया है.
डॉ गिरि ने बताया कि आंकड़े बताते हैं कि तनाव, अवसाद और आत्महत्या की प्रवृत्ति प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हैं. उन्होंने विशेषकर छात्र-छात्राओं को तनाव, उसके कारण और प्रबंधन के बारे में बताया. इससे पूर्व मंगलवार को एक सत्र का आयोजित किया गया. साथ ही छात्र-छात्राओं के लिए पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. वहीं एक प्रेजेंटेशन दिया गया और जीएनएम प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने माइम प्रदर्शन समेत प्रतियोगिताओं में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया. इस अवसर पर विभागाध्यक्ष चंदा चक्रबर्ती, सुनैना, पिकोला, अंकिता, स्मिता, ऋतु, सुधांशु, शीतल, ऐमन, मेघा, फातिमा समेत छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.