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झारखंड

सरिया बना अनाज की कालाबाजारी का अड्डा, PDS डीलरों और व्यापारियों की मिलीभगत उजागर

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THE NEWS FRAME
  • Sariya became a hub of black marketing of grains, collusion of PDS dealers and traders exposed
  • कालाबाजारी का हब बनता सरिया
  • राशन डीलर,और छूटकर विक्रेताओं की बल्ले बल्ले

मुख्य बिंदु

🔹 गरीबों के लिए आया राशन, बिहार में हो रहा ऊँचे दामों पर सप्लाई
🔹 प्रति यूनिट दो किलो राशन काट कर बाजार में किया जा रहा है ब्लैक
🔹 बिहार से आई गाड़ियों में अनाज लोड कर खुलेआम भेजा जा रहा है कोडरमा होते हुए बिहार
🔹 रेलवे फाटक पर रुकी गाड़ी से हुआ बड़ा खुलासा
🔹 शनिवार-रविवार को होता है सबसे अधिक कालाबाजारी का खेल

📍सरिया/गिरीडीह : गिरीडीह जिले के सरिया अनुमंडल के अंतर्गत आने वाले बड़की सरिया नगर पंचायत का मुख्य बाजार इन दिनों एक बड़ी चर्चा का केंद्र बन गया है। कारण है — सरकारी राशन की बेहिसाब कालाबाजारी।

भारत सरकार द्वारा गरीबों के लिए भेजे गए मुफ्त अनाज का बड़ा हिस्सा उन तक पहुँचने के बजाय, जन वितरण प्रणाली (PDS) के डीलरों और बाजार के छूटकर विक्रेताओं की जेब में जा रहा है।

💬 क्या हो रहा है सरिया में?

स्थानीय लोगों और बाजार के जानकारों के अनुसार:

👉 PDS संचालक प्रति यूनिट दो किलो तक कम राशन देते हैं।
👉 बचा हुआ अनाज चोकर के बोरियों में भरकर ऊँचे दामों पर डीलरों को बेचा जाता है।
👉 जब डीलरों के पास सैकड़ों क्विंटल अनाज जमा हो जाता है, तब उसे बड़ी गाड़ियों में लोड कर कोडरमा होते हुए बिहार भेज दिया जाता है।
👉 यह सारा काम सुबह 4 से 6 बजे के बीच, सप्ताहांत यानी शनिवार और रविवार को होता है, जब अधिकारी छुट्टी पर रहते हैं।

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📸 पत्रकारों ने पकड़ी गाड़ी, खुला भंडाफोड़

हाल ही में जब पत्रकारों को सरिया बाजार में राशन लोड हो रही एक गाड़ी पर शक हुआ, तो वे मौके पर पहुँचे। गाड़ी को जल्दी-जल्दी भगाने की कोशिश की गई, लेकिन रेलवे फाटक बंद होने के कारण वह फँस गई।

📌 मौके पर पूछताछ में चालक ने सारे खुलासे कर दिए — कैसे राशन डीलर, व्यापारी और ट्रांसपोर्टर मिलकर यह सारा नेटवर्क चला रहे हैं।

📣 प्रशासन के नाक के नीचे चल रहा है खेल

यह पूरा घटनाक्रम सरिया अनुमंडल के अधिकारियों की नाक के नीचे हो रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन PDS गोदामों और व्यापारियों की दुकानों पर छापेमारी करे, तो बड़ी मात्रा में अवैध राशन का स्टॉक मिल सकता है।

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खबर विस्तार से,

झारखंड के सरिया अनुमंडल के बड़की सरिया नगर पंचायत का मुख्य बाजार इन दिनों राशन कालाबाजारी का अड्डा बनता जा रहा है। भारत सरकार की खाद्य आपूर्ति योजना के तहत गरीबों को मुफ्त अनाज वितरण का लाभ कम गरीबों को मिल रहा है, जबकि जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के संचालक और फुटपाथ विक्रेता इसका जमकर दुरुपयोग कर रहे हैं।

स्थानीय सूत्रों और बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, सरिया के मुख्य बाजार में पीडीएस संचालक और उनके सहयोगी खुलेआम राशन की कालाबाजारी कर रहे हैं। आरोप है कि ये संचालक लाभार्थियों को प्रति यूनिट दो किलो कम अनाज देते हैं। बचा हुआ अनाज चोकर की बोरियों में भरकर बड़े डीलरों को ऊंचे दामों पर बेचा जाता है। यह अनाज बाद में बिहार से आने वाले बड़े वाहनों में सुबह 4 से 6 बजे के बीच लोड किया जाता है। ये वाहन सरिया से बागोदर होते हुए कोडरमा पहुंचते हैं, जहां से अनाज बिहार के बाजारों में ऊंचे दामों पर बेचा जाता है।

हाल ही में, पत्रकारों ने एक ऐसे वाहन को राशन लोड करते हुए रंगे हाथों पकड़ा। वाहन को बाजार से निकालने की जल्दबाजी में चालक असफल रहा, क्योंकि रेलवे फाटक बंद होने के कारण वाहन रुक गया। चालक से पूछताछ में इस पूरे खेल का खुलासा हुआ। सूत्रों का कहना है कि यदि सरिया के वरीय पदाधिकारी पीडीएस संचालकों और स्थानीय व्यापारियों के गोदामों की गहन जांच करें, तो कालाबाजारी का और बड़ा स्टॉक सामने आ सकता है।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस कालाबाजारी पर रोक नहीं लगाई गई, तो गरीबों के लिए शुरू की गई खाद्य आपूर्ति योजना का उद्देश्य पूरी तरह विफल हो जाएगा।

वीडियो देखें :

🧾 निष्कर्ष

सरिया में जो हो रहा है, वह केवल एक आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि गरीबों के हक पर सीधा डाका है। सरकार द्वारा भेजा गया मुफ्त राशन अगर भ्रष्ट नेटवर्क के जरिए दूसरे राज्य में बेचा जाए, तो यह जनकल्याण प्रणाली पर गहरी चोट है।

अब समय आ गया है कि प्रशासन और खाद्य आपूर्ति विभाग सक्रिय होकर इस पूरे रैकेट की जांच और कार्रवाई करे, ताकि दोषियों को सजा मिले और गरीबों को उनका हक मिल सके।

🖊 रिपोर्ट: सरिया, गिरीडीह (झारखंड) से जिला संवाददाता

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