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झारखंड

देरी या लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी – SDO शताब्दी मजूमदार

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Delay or negligence will not be tolerated at any level – SDO Shatabdi Majumdar

📜 धालभूम अनुमंडल में नीलाम पत्र वादों के निष्पादन को लेकर हुई समीक्षात्मक बैठक

अनुमंडल पदाधिकारी शताब्दी मजूमदार ने दिए सख्त दिशा-निर्देश, थाना प्रभारियों को कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश

🔎 मुख्य बिंदु:

  • नीलाम पत्र वादों के निष्पादन पर अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) ने की समीक्षा
  • D/W (डिटेंशन वारंट) और B/W (बॉन्ड वारंट) पर समयबद्ध कार्रवाई के निर्देश
  • सभी थाना प्रभारियों से अनुपालन प्रतिवेदन त्वरित जमा करने का निर्देश
  • बैठक में नीलाम पत्र पदाधिकारी, कार्यपालक दंडाधिकारी, डीएसपी व थाना प्रभारी रहे उपस्थित

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📰 जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूम अनुमंडल में सोमवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता अनुमंडल पदाधिकारी (SDO) श्रीमती शताब्दी मजूमदार ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य था – नीलाम पत्र वादों (Execution of Warrant Cases) की प्रगति की समीक्षा करना और उसमें तेजी लाना।

इस दौरान अनुमंडल पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि न्यायालयों द्वारा निर्गत D/W (डिटेंशन वारंट) एवं B/W (बॉन्ड वारंट) पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि न्यायिक प्रक्रिया की साख और समयबद्धता बनी रह सके।

👮 थाना प्रभारियों को विशेष निर्देश

बैठक में क्षेत्र के सभी थाना प्रभारियों की उपस्थिति में, श्रीमती मजूमदार ने कहा:

“सभी थाना प्रभारी यह सुनिश्चित करें कि नीलाम पत्रों पर कार्रवाई के बाद अनुपालन प्रतिवेदन संबंधित न्यायालयों में समय पर और विधिसम्मत रूप से प्रस्तुत हो।”

उन्होंने यह भी कहा कि देरी या लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और प्रशासन इसकी सघन मॉनिटरिंग करेगा।

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🧾 प्रमुख अधिकारी रहे उपस्थित

बैठक में निम्न अधिकारीगण उपस्थित थे:

  • जिला नीलाम पत्र पदाधिकारी मोजाहिद अंसारी
  • कार्यपालक दंडाधिकारी श्री चन्द्रजीत सिंह
  • पुलिस उपाधीक्षकगण (डीएसपी)
  • क्षेत्र के सभी थाना प्रभारी

बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने नीलाम पत्र वादों की अद्यतन स्थिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की और आगे की रणनीति पर चर्चा की।

🗂️ प्रशासनिक दृष्टिकोण से क्यों है यह महत्वपूर्ण?

नीलाम पत्र वादों का निष्पादन न्यायिक प्रक्रिया की प्रभावशीलता और विश्वसनीयता को दर्शाता है। समय पर कार्रवाई न केवल आपराधिक मामलों में न्याय सुनिश्चित करती है, बल्कि इससे नागरिकों का प्रशासन और न्याय व्यवस्था पर विश्वास भी मजबूत होता है।

📌 निष्कर्ष:

धालभूम अनुमंडल प्रशासन द्वारा उठाया गया यह कदम प्रभावी प्रशासनिक व्यवस्था और विधिक पारदर्शिता की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। अब देखना यह होगा कि निर्देशों के अनुपालन में कितनी तत्परता दिखाई जाती है।

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