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झारखंड

🌍 विश्व अस्थमा दिवस 2025: “सभी के लिए अस्थमा देखभाल” का संदेश लेकर डॉ. रूद्र प्रसाद सामंत की चेतावनी – अस्थमा को हल्के में न लें!

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📌 सेहत : हर साल मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस  (World Asthma Day) मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1998 में हुई थी और इसे Global Initiative for Asthma (GINA) नामक संगठन द्वारा आयोजित किया जाता है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से संबद्ध है। इस वर्ष यह दिवस 6 मई को मनाया जा रहा है, जिसकी थीम है “सभी के लिए अस्थमा देखभाल” (Asthma Care for All)

🩺 क्या बोले डॉ. रूद्र प्रसाद सामंत?
डॉ. रूद्र प्रसाद सामंत, सीनियर कंसल्टेंट और एचओडी, पल्मोनोलॉजी विभाग, टाटा मेन हॉस्पिटल, जमशेदपुर ने इस अवसर पर लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि —

“अस्थमा केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि जागरूकता की कमी से बढ़ती हुई जानलेवा स्थिति बन सकती है। इसे समय रहते पहचानकर उचित उपचार और सतत् नियंत्रण से रोका जा सकता है।”

🧠 क्या है अस्थमा?

ब्रोंकिअल अस्थमा फेफड़ों की एक पुरानी सूजनजन्य बीमारी है, जिसमें श्वास नलिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इसके कारण खांसी, घरघराहट, सीने में जकड़न और सांस फूलने की समस्या होती है। यदि समय पर इलाज न हो तो यह जानलेवा हो सकती है।

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📊 गंभीर आंकड़े जो चिंता बढ़ाते हैं

  • 🌐 दुनियाभर में 2021 में अस्थमा से 261 मिलियन लोग प्रभावित हुए और 4.36 लाख मौतें हुईं।
  • 🇮🇳 भारत में लगभग 3% आबादी यानी 30 मिलियन लोग अस्थमा से पीड़ित हैं।
    2022 में 57,000 मौतें अस्थमा से जुड़ी रहीं।
  • 🏥 टाटा मेन हॉस्पिटल, जमशेदपुर में फेफड़ों के रोगों से संबंधित ओपीडी में 10–15% मरीज ब्रोंकिअल अस्थमा से ग्रसित होते हैं।

🔍 कैसे पहचानें अस्थमा के लक्षण?

  • लंबे समय तक खांसी (बलगम के साथ या बिना)
  • सांस लेने में घरघराहट (wheezing)
  • सीने में जकड़न
  • थकान या शारीरिक गतिविधियों के बाद सांस फूलना
  • लक्षण अक्सर सुबह या रात में अधिक होते हैं

इन लक्षणों की अनदेखी न करें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और Spirometry जांच कराएं।

💉 अस्थमा का इलाज और देखभाल

  • अस्थमा का प्रमुख इलाज है इनहेलर्स – जो फेफड़ों पर सीधा असर डालते हैं और जल्दी राहत देते हैं।
  • ब्रोंकोडाइलेटर और एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाएं सूजन कम करती हैं और नलिकाएं खोलती हैं।
  • केवल लक्षणों से राहत देने वाली दवा (जैसे सैल्बुटामोल) का अधिक प्रयोग और नियंत्रक दवा (स्टेरॉइड वाले इनहेलर) की अनदेखी खतरनाक हो सकती है।

🛡️ अस्थमा से बचाव के उपाय

  1. धूल, धुआं, प्रदूषण, ठंडी हवा और तेज़ गंध से बचें
  2. संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाएं
  3. हाथों की सफाई और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें
  4. आसपास के वातावरण को धूल और धुएं से मुक्त रखें
  5. समय पर टीकाकरण करवाएं
  6. डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न रोकें

अस्थमा से जुड़े आम मिथक और सच्चाई

मिथक सच्चाई
अस्थमा संक्रामक है ❌ नहीं, यह एक गैर-संक्रामक रोग है
बचपन में अस्थमा अपने आप ठीक हो जाता है ❌ कुछ मामलों में यह जिंदगी भर बना रहता है
सिर्फ भारी स्टेरॉइड से ही अस्थमा कंट्रोल होता है इनहेलर प्राथमिक इलाज हैं, स्टेरॉइड केवल गंभीर मामलों में
अस्थमा मरीजों को व्यायाम नहीं करना चाहिए ❌ वे सब कुछ कर सकते हैं – अमिताभ बच्चन, डेविड बेकहम इसका उदाहरण हैं

📣 इस साल की थीम का सार — “सभी के लिए अस्थमा देखभाल”

इस थीम का उद्देश्य है कि –

  • इलाज हर वर्ग के लिए सुलभ हो
  • दूरदराज के इलाकों तक दवा और जानकारी पहुँचे
  • गरीब वर्ग को किफायती इलाज उपलब्ध हो
  • शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जागरूकता फैले

🔚 निष्कर्ष
अस्थमा एक पुरानी बीमारी जरूर है, लेकिन सही जानकारी, सही समय पर पहचान और नियमित इलाज से इसे पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सकता है। इस विश्व अस्थमा दिवस पर आइए यह संकल्प लें कि “अस्थमा को समझें, उसके डर को हटाएं और सभी तक इलाज पहुँचाएं।”

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