झारखंड
IPTA की 360वीं बैठक : 📢 पटना चलो अभियान को लेकर बोकारो में जुटे सैकड़ों निजी शिक्षक

IPTA की 360वीं बैठक में हुआ रणनीति पर मंथन, 26 मई को पटना में होगा भव्य आयोजन
बोकारो, 4 मई 2025 (रविवार): भारतीय गैर सरकारी शिक्षक संघ और समाजसेवी संस्था IPTA के संयुक्त तत्वावधान में आज बोकारो के रेडिएंट पब्लिक स्कूल, सेक्टर-9 में 360वीं राज्य स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में झारखंड और बिहार से आए सैकड़ों निजी शिक्षक शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता झारखंड प्रदेश अध्यक्ष वकील कुमार और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश ने की।
🎯 ‘पटना चलो अभियान’ पर चर्चा
बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी 26 मई 2025 को पटना में होने वाले “एकता संदेश” कार्यक्रम की तैयारी था। यह आयोजन बिहार स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में किया जा रहा है, जिसमें शिक्षकों की एकजुटता और अधिकारों की आवाज बुलंद की जाएगी।
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📘 पुस्तक विमोचन और फिल्म प्रदर्शनी का ऐलान
पटना कार्यक्रम के दौरान “एकता संदेश” नामक पुस्तक का विमोचन और निजी शिक्षकों की समस्याओं पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म का प्रदर्शन भी प्रस्तावित है। इसको लेकर बैठक में विस्तृत योजना बनाई गई।
तीन प्रमुख मांगें रखीं गईं
बैठक में राज्य और केंद्र सरकार से तीन अहम मांगों को लेकर प्रस्ताव पारित किया गया:
- शिक्षक सम्मान योजना को जल्द लागू किया जाए।
- निजी शिक्षकों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की जाए।
- संविधान में निजी शिक्षकों के लिए विशेष अधिनियम (Act) बनाया जाए।
👥 प्रमुख पदाधिकारियों की उपस्थिति
इस बैठक में कई गणमान्य पदाधिकारी मौजूद रहे, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:
- डॉ. परमानंद मोदी (राष्ट्रीय अध्यक्ष सह संस्थापक)
- ओम प्रकाश (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष)
- वकील कुमार (झारखंड प्रदेश अध्यक्ष)
- अखिलेश कुमार (बिहार एवं झारखंड कार्यकारी अध्यक्ष)
- जयकुमार (बोकारो जिला अध्यक्ष)
- पंकज कुमार गुप्ता (सरायकेला जिला अध्यक्ष)
- आनंद गौर (प्रदेश महासचिव)
साथ ही डॉ. राजेश कुमार, विवेक चंद्र, दयानंद प्रसाद, एस.डी. मिश्रा, सूर्य देव सिंह, धर्मेंद्र कुमार, सौरभ कुमार, शैलेश कुमार, अतुल कुमार, नकुल सर आदि की सक्रिय उपस्थिति रही।
बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि आगामी पटना आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए झारखंड-बिहार के शिक्षक एकजुट हैं। “पटना चलो अभियान” के तहत बड़े स्तर पर भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है ताकि निजी शिक्षकों की दशा और दिशा बदलने के लिए सरकार तक मजबूत संदेश पहुंचाया जा सके।