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Pahalgam Terror Attack: पहलगाम आतंकी हमले की जांच में बड़ा खुलासा- स्थानीय मददगारों की भूमिका उजागर, बांदीपोरा में हथियारों के साथ 4 गिरफ्तार

Pahalgam Terror Attack : सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूटा, सेना का सर्च ऑपरेशन तेज
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले की जांच में एक बड़ा खुलासा सामने आया है। जानकारी के मुताबिक इस हमले और हालिया आतंकी गतिविधियों में स्थानीय लोगों की संलिप्तता गहराई से जुड़ी हुई है। सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया है कि आतंकियों को हथियार, गोला-बारूद और ठिकाने मुहैया कराने में स्थानीय कश्मीरी मददगारों की भूमिका है।
इसी कड़ी में बांदीपोरा जिले के गरूर हाजिन इलाके से सुरक्षाबलों ने एक नाके के दौरान चार स्थानीय मददगारों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से एक चीनी पिस्टल, दो राउंड के साथ एक मैगजीन और दो हैंड ग्रेनेड बरामद किए गए हैं। यह गिरफ्तारी पहलगाम हमले के बाद जारी सघन तलाशी अभियान का हिस्सा है, जिसके तहत सुरक्षा बल कश्मीर के हर कोने में आतंक के नेटवर्क को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं।
यहाँ पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी खबर के कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं:
- स्थानीय मददगारों की भूमिका उजागर – जांच में सामने आया कि आतंकी हमले में स्थानीय लोगों की अहम भूमिका रही।
- बांदीपोरा से 4 संदिग्ध गिरफ्तार – गरूर हाजिन इलाके में सुरक्षाबलों ने चार स्थानीय मददगारों को हथियारों के साथ पकड़ा।
- बरामद हथियार – गिरफ्तार लोगों के पास से चीनी पिस्टल, दो राउंड के साथ मैगजीन और दो हैंड ग्रेनेड मिले।
- सोशल मीडिया पर गुस्सा – लोगों ने कश्मीरी समाज में छिपे आतंकी समर्थन पर सवाल उठाए, घर-घर तलाशी की मांग की।
- बांदीपोरा में एनकाउंटर जारी – इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ अभी भी चल रही है।
- सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती – अब आतंकियों के साथ-साथ उनके मददगारों को भी चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है।
- पहलगाम हमला देश की सुरक्षा पर सीधा हमला – 26 निर्दोषों की हत्या के बाद देश में आक्रोश, अमरनाथ यात्रा से पहले कड़ा सुरक्षा बंदोबस्त।
इस बीच, बांदीपोरा में आज फिर से आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ वाले इलाके को पूरी तरह से घेर लिया गया है और सेना का ऑपरेशन सतर्कता के साथ चल रहा है।
सोशल मीडिया पर भी इस हमले को लेकर जनता का आक्रोश साफ तौर पर देखा जा सकता है।
एक यूज़र ने पोस्ट में लिखा, “मैं शुरू से कह रहा था कि कश्मीरी लोगों में ही कुछ आतंकियों के मददगार हैं। 10 लाख की सेना लगा कर एक-एक घर की तलाशी ली जाए, बहुत कुछ सामने आएगा।”
यह बयान न केवल जनता की निराशा को दर्शाता है, बल्कि घाटी में आतंक के स्थानीय नेटवर्क पर गहरी चिंता भी प्रकट करता है।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में अब तक 26 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें अधिकांश हिंदू पर्यटक थे। हमले से पहले आतंकियों ने पहचान पत्र और धर्म पूछकर लोगों को निशाना बनाया, जिसने देशभर में आक्रोश की लहर फैला दी है।
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आतंक के खिलाफ अभियान अब सिर्फ आतंकियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उनके मददगारों को भी चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी। आने वाले दिनों में घाटी में और कड़े सुरक्षा कदम उठाए जाने की संभावना है, ताकि श्री अमरनाथ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों को सुरक्षित बनाया जा सके।