क्राइम
🔥 “क्या हिंदू होना अब गुनाह है?” भारत सरकार से सीधा सवाल – मृत्युंजय कुमार

❗ “कब तक हिंदू नाम पर बहता रहेगा खून?”
💔 पहलगाम में आतंकी हमला: निर्दोष पर्यटकों को बनाया निशाना, सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
✍️ विशेष रिपोर्ट | समीक्षात्मक दृष्टिकोण
📍 स्थान: पहलगाम, जम्मू-कश्मीर
🗓️ तारीख: 22 अप्रैल 2025
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला से दुःखी जमशेदपुर निवासी सह समाजसेवी मृत्युंजय कुमार ने कड़े शब्दों में इसकी निंदा करते हुए भारत सरकार से सीधा सवाल पूछ बैठा है।
आखिर कबतक निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाया जायेगा? सवालों के घेरे में है काश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था।
कश्मीर की वादियों में एक बार फिर बारूद की गंध घुल गई है। हिंदू नाम सुनते ही चली गोलियां, और एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया — “कब तक हिंदू अपने ही देश में असुरक्षित रहेगा?”
पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले ने देश की अंतरात्मा को झकझोर दिया है। क्या अब पर्यटक भी धर्म के आधार पर जिंदा रहेंगे या मारे जाएंगे?
भारत सरकार, ये सवाल, जवाब मांगता है – मृत्युंजय कुमार।
घटना का विवरण देते हुए उन्होंने बताया टारगेट पर्यटक हिंदू थे
घटनास्थल: बैसरन घाटी, पहलगाम
समय: पर्यटक घुड़सवारी कर रहे थे, तभी आतंकी आए
स्थिति: 1 मौत, 5 से अधिक घायल, कुछ की हालत गंभीर
साजिश: पहले नाम पूछा, फिर हिंदू नाम सुनते ही फायरिंग
“ये हमला सिर्फ गोली नहीं थी, ये धर्म के खिलाफ छेड़ा गया युद्ध था।”
🔍 हमले की पुष्टि और सुरक्षा एजेंसियों की प्रतिक्रिया
- आतंकी संगठन TRF ने हमले की जिम्मेदारी ली
- हमलावर पुलिस की वर्दी में थे — पहचान मुश्किल
- सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को सील किया
- सर्च ऑपरेशन हेलीकॉप्टर से चल रहा है
- दूसरे पर्यटकों को पहलगाम जाने से रोका गया
🏥 घायलों की सूची — भारत के कोने-कोने से आए थे लोग
नाम | राज्य |
---|---|
विनो भट्ट | गुजरात |
माणिक पाटिल | – |
रिनो पांडे | – |
एस बालचंद्रू | महाराष्ट्र |
डॉ परमेश्वर | – |
अभिजवन राव | कर्नाटक |
संतरू | तमिलनाडु |
साहसी कुमारी | ओडिशा |
पृष्ठभूमि और संभावित कारण — क्यों बढ़े आतंकी हमले?
- हाल के महीनों में सुरक्षा बलों ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया
- इससे आतंकी बौखलाए हुए हैं
- बेवजह, निर्दोष लोगों को निशाना बना रहे हैं
- गर्मियों की छुट्टियों का समय, जब पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं — उन्हें डराने की कोशिश
❓ हमारे सवाल — क्या सरकार के पास जवाब है?
- क्या हिंदू नाम आज मौत की सजा है?
- क्या पर्यटन अब ‘धार्मिक पहचान’ के आधार पर सुरक्षित है या नहीं?
- पुलिस की वर्दी में आतंकी खुले घूमते हैं — खुफिया एजेंसियों की विफलता नहीं तो क्या?
- क्या सरकार केवल निंदा कर जनता को शांत कराना चाहती है?
📌 क्या खतरे में है कश्मीर का पर्यटन उद्योग?
- पहलगाम पर्यटकों की पहली पसंद है
- हर साल लाखों लोग यहां आते हैं
- इस घटना के बाद पर्यटन पर गहरा असर पड़ सकता है
- स्थानीय लोगों की आजीविका भी प्रभावित होगी
✊ अब और नहीं….
“हिंदू नाम केवल पहचान नहीं, अस्तित्व बन चुका है — और आज उस पर गोलियां चल रही हैं।”
भारत सरकार को अब केवल बयान नहीं, न्याय देना होगा।
आतंकियों के साथ-साथ उनके स्थानीय मददगारों पर भी सर्जिकल कार्रवाई ज़रूरी है।
वरना कल को केवल नाम पूछकर कोई स्कूल, कोई मंदिर, कोई ट्रेन भी नहीं बचेगी।