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Terrorist attack : धार्मिक पहचान के आधार पर हमला — कश्मीर की फिजाओं में फिर दहशत, पहलगाम की बर्फ़ीली वादियों में खून की होली

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Terrorist attack in Jammu – Kashmir

जम्मू-कश्मीर / नई दिल्ली 

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🔥 आतंक के नाम पर धर्म आधारित निशाना — मानवता पर फिर हमला

कश्मीर की पहाड़ियों में पसरे सन्नाटे को उस समय चीखों ने तोड़ दिया, जब पहलगाम की बैसरन घाटी में सैलानियों पर धार्मिक पहचान के आधार पर हमला किया गया। चश्मदीदों और घायलों के बयान ने इस भयावहता की गवाही दी कि आतंकियों ने हिंदू नाम सुनते ही गोलियां बरसाईं।

हमले की ज़िम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा समर्थित आतंकवादी संगठन TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) ने ली है। यह वही संगठन है जिसने पहले भी गैर-कश्मीरियों को निशाना बनाया है।

💥 क्या हुआ था बैसरन में?

  • यह घटना बेताब घाटी से करीब 10 किमी दूर बैसरन में घटी, जहां पर्यटक घुड़सवारी कर रहे थे।
  • आतंकी पुलिस की वर्दी में आए।
  • उन्होंने पहले नाम पूछा, और हिंदू नाम सुनते ही फायरिंग शुरू कर दी।
  • इस हमले में अब तक 1 की मौत और 10 घायल होने की पुष्टि हुई है।

🛏 घायलों की सूची – पूरे देश से आए थे पर्यटक

नाम राज्य
विनो भट्ट गुजरात
माणिक पाटिल
रिनो पांडे
एस बालचंद्रू महाराष्ट्र
डॉ. परमेश्वर
अभिजावम राव कर्नाटक
संतरू तमिलनाडु
साहसी कुमारी उड़ीसा

👁️ चश्मदीदों की ज़ुबानी – “नाम पूछा, और गोली मार दी”

घायलों ने बताया कि वे आराम से मैगी खा रहे थे, तभी आतंकियों का एक समूह आया। उन्होंने “तुम्हारा नाम क्या है?” पूछते ही जैसे ही हिंदू नाम सुना, अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी।

“हमें लगा वो पुलिस वाले हैं… कुछ समझ पाते इससे पहले सबकुछ लहूलुहान हो चुका था।” – एक घायल पर्यटक

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🚨 सुरक्षा तंत्र पर सवाल

इस घटना ने फिर एक बार सवाल खड़ा कर दिया है कि:

  • क्या पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा रही?
  • पुलिस वर्दी में आए आतंकी कैसे खुलेआम टहल सकते हैं?
  • क्या कश्मीर में गैर-मुस्लिम पर्यटक अब असुरक्षित हैं?

घटना स्थल पर IG, DIG और सेना के आला अधिकारी मौजूद हैं। हेलीकॉप्टर से तलाशी अभियान जारी है।

🏛️ राजनीतिक और कूटनीतिक हलचल

यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर हैं।
  • अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत में मौजूद हैं।

गृहमंत्री अमित शाह ने तत्काल हाई-लेवल मीटिंग बुलाई है। केंद्रीय एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है।

⚖️ विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण – क्या यह “टारगेटेड किलिंग” है?

यह घटना केवल एक “आतंकी हमला” नहीं बल्कि सुनियोजित धर्म आधारित हिंसा की श्रेणी में आती है।

  • पहले नाम पूछना
  • फिर हिंदू पहचान पर फायरिंग
  • पुलिस की वर्दी का इस्तेमाल
  • पर्यटन क्षेत्र में हमला

यह सब दर्शाता है कि घटना पूर्वनियोजित, सांप्रदायिक और विभाजनकारी एजेंडे से प्रेरित थी।

राष्ट्र के लिए प्रश्न – क्या कश्मीर फिर संवेदनहीन बन रहा है?

  • क्या कश्मीर केवल एक ‘डेस्टिनेशन’ रह गया है?
  • क्या स्थानीय समाज में इन हमलों को लेकर कोई विरोध दिखता है?
  • क्या आतंकी अब पर्यटकों को धर्म के आधार पर चुनकर मार रहे हैं?

इन सवालों के जवाब ढूंढना केवल सरकार की नहीं, पूरे समाज की ज़िम्मेदारी बन चुकी है।

🔥 क्या अब ‘हिंदू’ नाम ही मौत की वजह बन गया है?

पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला, नाम पूछकर बरसाईं गईं गोलियां

📍 एक की मौत, कई घायल | पुलिस की वर्दी में थे आतंकी | TRF ने ली जिम्मेदारी

बैसरन घाटी की वादियों में गूंजीं गोलियां, पर्यटक बन गए निशाना

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की शांत वादियों में रविवार की दोपहर एक बार फिर आतंक की चीख गूंज उठी। पर्यटक अपनी छुट्टियां मना रहे थे, घुड़सवारी का आनंद ले रहे थे… लेकिन अचानक गोलियों की बौछार शुरू हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आतंकियों ने पहले नाम पूछा, और ‘हिंदू’ नाम सुनते ही अंधाधुंध फायरिंग कर दी।

हमला बैसरन घाटी में हुआ, जो पहलगाम की प्रसिद्ध बेताब घाटी से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है। इस हमले में अब तक एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 7 से ज्यादा लोग घायल हैं।

नाम पूछा… और फिर चलीं गोलियां

घटना के चश्मदीदों ने बताया कि पर्यटकों का एक समूह स्थानीय स्टॉल पर मैगी खा रहा था। तभी कुछ लोग पुलिस की वर्दी में वहां पहुंचे और नाम पूछने लगे। जैसे ही किसी ने “विनोद”, “माणिक”, “अभिजीत” जैसे नाम लिए — गोलियों की बारिश शुरू हो गई।

➡️ ऐसा पहली बार नहीं है जब धर्म के आधार पर आतंकी हमला हुआ हो, लेकिन इस बार सीधे पर्यटकों को निशाना बनाना इस कायरता की पराकाष्ठा है।

🔍 हमले की जिम्मेदारी TRF ने ली, सेना ने की घेरेबंदी

इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा समर्थित आतंकी संगठन The Resistance Front (TRF) ने ली है।
यह वही संगठन है, जिसने पिछले वर्षों में गैर-कश्मीरियों, प्रवासी मजदूरों और हिंदुओं को निशाना बनाया था।

👉 सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है।
👉 हेलीकॉप्टर से सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
👉 पहलगाम में पर्यटकों की आवाजाही पर अस्थायी रोक लगा दी गई है।

🗣️ “आतंकियों को छोड़ा नहीं जाएगा” — रविंद्र रैना

बीजेपी नेता रविंद्र रैना ने इस हमले को “कायराना और नापाक हरकत” बताया है।
उन्होंने कहा, “इन पाकिस्तानी आतंकवादियों ने निहत्थे और निर्दोष पर्यटकों पर हमला कर मानवता को शर्मसार किया है। सेना जल्द इनका सफाया करेगी।”

🔺 विशेष बिंदु:

  • 📌 हमलावर पुलिस की वर्दी में थे — इससे भ्रम की स्थिति बनी
  • 📌 पर्यटक निशाने पर — यह रणनीतिक बदलाव है
  • 📌 TRF की गतिविधियाँ फिर से तेज़ — लोकसभा चुनाव और वैश्विक दौरे की टाइमिंग
  • 📌 गृहमंत्री अमित शाह ने रक्षा सचिवों के साथ की आपात बैठक
  • 📌 इस घटना से पर्यटन पर असर और डर का माहौल

निष्कर्ष: कब तक हिंदू नाम पर खून बहेगा?

भारत सरकार से आज देश एक ही सवाल पूछ रहा है — क्या अब ‘हिंदू नाम’ रखना जान का खतरा बन गया है?
क्या अब कश्मीर सिर्फ ‘सेलेक्टिव टारगेटिंग’ का मंच बनकर रह जाएगा?
और सबसे जरूरी — कब तक हम सिर्फ निंदा करते रहेंगे और एक्शन को टालते रहेंगे?

👉 यह सिर्फ एक हमला नहीं — भारत के हर नागरिक की अस्मिता पर हमला है।
अब वक्त है आतंक के जवाब में निर्दयी नीति अपनाने का, ताकि कोई ‘विनो भट्ट’ अगली बार सिर्फ घुड़सवारी ही करे, आखिरी सफर नहीं।

हर आतंकी घटना के बाद निंदा होती है। लेकिन क्या इससे स्थिति बदल रही है?

“पहलगाम में खून बहा है – इंसानियत फिर शर्मसार हुई है। अब वक्त है कि हम केवल प्रतिक्रिया नहीं, ठोस रणनीति बनाएं।”

 

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