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स्वस्थ शुरुआत की ओर टाटा मेन हॉस्पिटल का संदेश: मातृ और शिशु स्वास्थ्य पर ज़ोर

जमशेदपुर : विश्व स्वास्थ्य दिवस 2025 के अवसर पर टाटा मेन हॉस्पिटल ने मातृ और नवजात स्वास्थ्य को लेकर एक अहम संदेश दिया है। सीनियर कंसल्टेंट, मेडिकल इंडोर सर्विसेज, डॉ. प्रीति श्रीवास्तव ने “स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य” अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण लेख के माध्यम से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर प्रकाश डाला।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 3 लाख महिलाएं गर्भावस्था या प्रसव के दौरान जान गंवा देती हैं, वहीं 20 लाख से अधिक नवजात शिशु अपने पहले ही महीने में मृत्यु को प्राप्त कर लेते हैं। इसके अतिरिक्त, हर साल लगभग 20 लाख शिशु मृत अवस्था में जन्म लेते हैं। इन आंकड़ों को देखते हुए मातृत्व और नवजात देखभाल को प्राथमिकता देना अत्यंत आवश्यक हो गया है।
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डॉ. श्रीवास्तव के अनुसार, मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए समग्र स्वास्थ्य सेवाएं, बेहतर नीतियाँ, संसाधनों का सशक्त प्रयोग और सामाजिक सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “एक बच्चे की सेहत की शुरुआत मां के गर्भ में ही हो जाती है, और इस सफर में स्त्री रोग विशेषज्ञों व बाल रोग विशेषज्ञों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।”
उन्होंने यह भी बताया कि सही समय पर किया गया चिकित्सकीय हस्तक्षेप न केवल शिशु को बीमारियों से बचाता है, बल्कि उसके भविष्य को भी सुरक्षित करता है। समाज के विभिन्न स्तरों पर सहयोग और समन्वय से एक ऐसा स्वास्थ्य तंत्र विकसित किया जा सकता है जिसमें प्रत्येक गर्भवती महिला और नवजात शिशु को समुचित देखभाल मिल सके।
अभियान “स्वस्थ शुरुआत, आशाजनक भविष्य” का उद्देश्य सिर्फ जागरूकता फैलाना नहीं है, बल्कि यह एक सकारात्मक सामाजिक बदलाव की दिशा में उठाया गया कदम है, जो आने वाली पीढ़ी के लिए एक सशक्त, स्वस्थ और समृद्ध भविष्य की नींव रखता है।
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर टाटा मेन हॉस्पिटल ने इस संदेश के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि जीवन की शुरुआत में किया गया स्वास्थ्य निवेश ही संपूर्ण जीवन को दिशा देता है। अब समय है कि हम सभी मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाएं।