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झारखंड

ऑनलाइन उपस्थिति के अनुसार ही मिलेगा शिक्षकों को वेतन, बच्चों की भी ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य रूप से दर्ज कराने के दिए निर्देश

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जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने की आवासीय विद्यालयों की समीक्षा, बोले- सुविधाओं की उपलब्धता के साथ-साथ बच्चों को मिले गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, पाठ्येतर गतिविधियों के लिए भी करें प्रेरित

जमशेदपुर : समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में आहूत बैठक में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल द्वारा शिक्षा विभाग एवं कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों की समीक्षा की गई । उप विकास आयुक्त श्री अनिकेत सचान व अन्य संबंधित विभागीय पदाधिकारी बैठक में उपस्थित रहे । बैठक में सभी आवासीय विद्यालयों में बच्चों के नामांकन की स्थिति, शिक्षकों एवं बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति, मैट्रिक एवं इंटर प्री-बोर्ड में बच्चों का प्रदर्शन, मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय में इस वर्ष में नामांकन की अद्यतन स्थिति समेत मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता, आधारभूत संरचना निर्माण कार्यों की आवश्यकता की समीक्षा की गई।

समीक्षा के क्रम में पाया गया कि सभी आवासीय विद्यालयों के शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने में उदासीन रवैया अपना रहे हैं। जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त द्वारा सख्त निर्देश दिया गया कि उपस्थिति के अनुसार ही शिक्षकों को वेतन दें। वहीं, बच्चों की ऑनलाइन उपस्थिति रिपोर्ट भेजने में भी विद्यालय प्रबंधन रूचि नहीं दिखा रहे, सभी को सख्त निर्देश दिया गया कि बच्चों और शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थित अनिवार्य है, इसे गंभीरता से लेते हुए ऑनलाइन उपस्थिति रिपोर्ट जिला कार्यालय को जरूर प्रेषित करें। सभी आवासीय विद्यालयों में बच्चों का नियमित स्वास्थ्य जांच कराने का भी निर्देश दिया गया।

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आवासीय विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता समेत आधारभूत संरचना निर्माण की आवश्कता पर सभी ने अपने प्रस्ताव दिए। केजीबीवी जमशेदपुर में अतिरिक्त क्लासरूम निर्माण, केजीबीवी चाकुलिया में बाउंड्रीवॉल, केजीबीवी घाचशिला में हॉस्टल की क्षमता बढ़ाये जाने, केजीबीवी बहरागोड़ा में शौचालय व आवासन के लिए डोरमेट्री निर्माण, केजीबीवी गुड़ाबांदा में प्लेग्राउंड का लेवलिंग, बाउंड्री वॉल की ऊंचाई बढ़ाने, बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए केजीबीवी धालभूमगढ़ में भी बाउंड्रीवॉल की ऊंचाई बढ़ाने तथा आवासीय विद्यालयों में तड़ित चालक लगाने का आग्रह विद्यालय के प्रतिनिधियों ने किया। साथ ही सभी विद्यालयों में पेयजल उपलब्धता की भी समीक्षा की गई।

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि राज्य सरकार के दिशा-निर्देशानुसार स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने को लेकर जिला प्रशासन कटिबद्ध है। सुविधाओं के साथ-साथ बच्चों के पठन-पाठन एवं अन्य पाठ्येत्तर गतिविधियों में भी बच्चों की रूचि बढ़ायें। खेलकूद के लिए भी प्लेग्राउंड के साथ-साथ पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है, इनका उपयोग करें।

जिले के तीन मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय में बच्चों के नामांकन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि एक भी सीट रिक्त नहीं रहे इसे सुनिश्चित करें। राज्य सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें बच्चों को निजी विद्यालयों के तर्ज पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सीबीएसई बोर्ड के माध्यम से उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होने कहा कि बच्चों का नामांकन पारदर्शी तरीके से हो इसे भी सुनिश्चित करेंगे।

बैठक में जिला कल्याण पदाधिकारी श्री शंकराचार्य समद, जिला योजना पदाधिकारी श्री मृत्युंजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री मनोज कुमार, जिला शिक्षा अधीक्षक श्री आशीष पांडेय, आवासीय विद्यालयों के प्राचार्य, वार्डन व अन्य संबधित उपस्थित थे।

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