जमशेदपुर : दिल्ली के शुभम नारायण ने टाटा स्टील पीजीटीआई क्वालिफाइंग स्कूल 2025 के फाइनल क्वालिफाइंग स्टेज में पंचकुला के एमेच्योर अनंत सिंह अहलावत को तीसरे प्लेऑफ होल में हराकर खिताबी जीत दर्ज की। जमशेदपुर के गोलमुरी गोल्फ कोर्स में खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में शुभम ने पिछले कुछ सीज़नों की निराशाओं को पीछे छोड़ते हुए अपने कौशल और धैर्य का शानदार प्रदर्शन किया।
27 वर्षीय शुभम नारायण ने शनिवार सुबह 13वें होल (तीसरे प्लेऑफ होल) पर शानदार पार स्कोर कर क्यू स्कूल चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। उनके प्रतिद्वंद्वी अनंत तीसरे अतिरिक्त होल पर पार स्कोर करने से चूक गए, जिससे शुभम ने निर्णायक बढ़त हासिल की।
सेना अधिकारियों के बेटे शुभम नारायण (71-64-67-66) और अनंत सिंह अहलावत (67-64-67-70) ने टाटा स्टील पीजीटीआई क्वालिफाइंग स्कूल 2025 के फाइनल में रोमांचक टक्कर दी। दोनों खिलाड़ी शुक्रवार को 16-अंडर 268 के कुल स्कोर के साथ संयुक्त बढ़त पर रहे, जिससे मुकाबला प्लेऑफ तक पहुंचा। पहले दो प्लेऑफ होल में दोनों ने पार स्कोर किया, लेकिन रोशनी कम होने के कारण शुक्रवार शाम खेल रोकना पड़ा। निर्णायक प्लेऑफ के लिए मुकाबले को शनिवार सुबह 7 बजे के लिए पुनर्निर्धारित किया गया।
2017 में किशोरावस्था में ही प्रोफेशनल बने शुभम नारायण ने शनिवार को जबरदस्त आत्मविश्वास और धैर्य का प्रदर्शन किया। तीसरे प्लेऑफ होल के रूप में इस्तेमाल किए गए पार-4 13वें होल पर उन्होंने दो ऑन और दो पुट के जरिए बेहतरीन पार स्कोर किया। मात्र डेढ़ फुट से अपना विनिंग पार पुट आसानी से होल करने के साथ ही उन्होंने खिताबी जीत पक्की कर ली। दूसरी ओर, 28 वर्षीय अनंत सिंह अहलावत, जो पूर्व ऑल इंडिया एमेच्योर चैंपियन रह चुके हैं, आठ फुट से अपना पार पुट चूक गए, जिससे उनकी चुनौती समाप्त हो गई।
शुभम नारायण, जिन्होंने विजेता के तौर पर ₹75,000 की पुरस्कार राशि हासिल की, ने अपनी जीत पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, “पहले अपना फुल कार्ड पक्का करना और अब आठ साल बाद कोई टूर्नामेंट जीतना, वह भी अपने प्रोफेशनल करियर की पहली खिताबी जीत, मेरे लिए बेहद खास है। इसके साथ ही, मैंने किसी टूर्नामेंट में अब तक का अपना सबसे कम चार दिवसीय स्कोर भी दर्ज किया। भले ही यह सिर्फ क्यू स्कूल है, लेकिन जीत तो जीत होती है, और यह मेरे आत्मविश्वास को और मजबूत करता है।”
“पूरे हफ्ते मेरे पुटिंग ने मेरी लय बनाए रखी। अतिरिक्त दिन खेलने के दबाव के बावजूद मैं अपने खेल और सोच को नियंत्रित रख सका, यह मेरे लिए बेहद खास रहा। ऐसी स्थिति में आमतौर पर यह अंदाजा नहीं रहता कि क्या होने वाला है। यह काफी अनोखा अनुभव था, क्योंकि जब मैं सुबह कोर्स पर पहुंचा, तो वहां लगभग कोई नहीं था। ड्राइविंग रेंज पूरी तरह खाली थी। ऐसा लगा जैसे मैं सिर्फ प्रैक्टिस के लिए आया हूं, और इसी एहसास ने मुझे सहज रहने और खेल में ढलने में मदद की।”
“पिछले कुछ सीज़नों से मिली सीख ने मेरे खेल के प्रति नजरिए को बदलने में काफी मदद की है। पहले मैं खुद पर जरूरत से ज्यादा दबाव डालता था, लेकिन अब मैं ज्यादा धैर्यवान हूं। अपनी अपेक्षाओं को बहुत ऊंचा नहीं रखता और खुद को गलतियों की गुंजाइश देता हूं। उम्मीद है कि मैं इस फॉर्म को पूरे सीज़न में बरकरार रख सकूंगा।”
फाइनल राउंड में कट तीन-अंडर 281 पर सेट हुआ, जिसके साथ शीर्ष 33 खिलाड़ियों ने 2025 टाटा स्टील पीजीटीआई सीज़न के लिए अपना फुल कार्ड सुरक्षित कर लिया।