जमशेदपुर : जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह सिदगोड़ा परिसर में सफलता पूर्वक आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति, माननीय श्री संतोष कुमार गंगवार जी ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई।
इस अवसर पर 872 छात्राओं को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए डिग्रियां प्रदान की गई, जिनमें से 32 छात्राओं को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक नृत्य और एन एस एस के सदस्यों द्वारा स्वागत के साथ हुई। इसके बाद, राज्यपाल ने फूलो झानो महिला छात्रावास और दामोदर सीनेट हॉल का उद्घाटन किया।
महामहिम राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में छात्राओं को संबोधित करते हुए उनके संघर्ष, ज्ञान और जिम्मेदारी की सराहना की। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा न केवल व्यक्तिगत विकास के लिए, बल्कि समाज और राष्ट्र की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने नेल्सन मंडेला के प्रसिद्ध कथन “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है” को उद्धृत करते हुए छात्राओं से आग्रह किया कि वे चुनौतियों को अवसर मानकर आगे बढ़ें।
इस दौरान, विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो (डॉ.) अंजिला गुप्ता ने दीक्षांत समारोह का उद्घाटन करते हुए विश्वविद्यालय की सफलताओं का जिक्र किया और बताया कि वर्तमान में छात्राएं विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान दे रही हैं।
विशेष पुरस्कारों की बात करें, तो ओवरऑल बेस्ट ग्रेजुएट का पुरस्कार गणित विभाग की छात्रा मुस्कान महतो को दिया गया। इसी के साथ, अर्थशास्त्र में उत्कृष्टता के लिए डॉ. रेखा झा एक्सेलेंस अवार्ड शौमिनी दास को प्रदान किया गया, जिसमें उन्हें एक लाख की धनराशि और प्रमाण पत्र दिया गया।
इस समारोह में कुल 59 रैंक धारकों को भी सम्मानित किया गया, और कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. नूपुर अन्विता मिंज और अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष डॉ. मनीषा टाइटस ने किया।
समारोह के सफलतापूर्वक संपन्न होने में विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकगण, स्टाफ, गणमान्य अतिथि, मीडिया कर्मी, और प्रमुख संकायाध्यक्षों का योगदान सराहनीय रहा। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन परीक्षा नियंत्रक डॉ. रमा सुब्रमण्यन ने दिया।
जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय ने इस दीक्षांत समारोह के माध्यम से न केवल छात्राओं के शैक्षणिक उत्कृष्टता को मान्यता दी, बल्कि उन्हें भविष्य के लिए प्रेरित किया, जिससे वे राष्ट्र के विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकें।