जमशेदपुर: झारखंड की पहली महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 साध्वी अमरजीत साखी ने आज दुमुहनी घाट में पावन स्नान किया और प्रयागराज के त्रिवेणी संगम से लाए गए पवित्र जल का भक्तों पर छिड़काव कर सनातन धर्म की जय-जयकार की। साध्वी अमरजीत साखी को वैष्णव किन्नर अखाड़े से पट्टाभिषेक कर महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान की गई है।
सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार का संकल्प
साध्वी अमरजीत साखी ने सनातन धर्म को आगे बढ़ाने और इसकी शिक्षा को व्यापक रूप से फैलाने के लिए जमशेदपुर में एक मठ स्थापित करने की घोषणा की। यह मठ सनातन धर्म, वेद, शास्त्र ज्ञान, और धार्मिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार का एक प्रमुख केंद्र होगा। इस पवित्र कार्य का शुभारंभ बसंत पंचमी के दिन माँ मातंगी की पूजा से किया जाएगा। साध्वी ने सनातन धर्म के सभी अनुयायियों से इस अभियान में सहयोग करने और धर्म के ध्वज को ऊँचा रखने के लिए एकजुट होने की अपील की।
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किन्नर अखाड़े से दो महंत बने
इस पावन अवसर पर, वैष्णव किन्नर अखाड़ा से दो महंतों की भी घोषणा की गई –
- महंत हिमांशी सखी
- महंत आनंदी सखी
ये दोनों झारखंड के किन्नर समुदाय से पहले महंत बने हैं, जो सनातन धर्म के प्रचार में अपनी भूमिका निभाएंगे।
भक्तों का उमड़ा जनसैलाब
आज के पावन स्नान एवं धार्मिक अनुष्ठान में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। घाट पर “हर-हर गंगे” के जयघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। इस अवसर पर बेबो किन्नर, करीना किन्नर और ह्यूमन राइट्स से उषा सिंह भी उपस्थित रहीं।
सनातन धर्म के उत्थान का आह्वान
साध्वी अमरजीत साखी ने कहा, “सनातन धर्म के उत्थान के लिए हमें एक साथ आना होगा। यह मठ आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रकाश स्तंभ बनेगा, जहाँ धर्म, संस्कृति और संस्कार की शिक्षा दी जाएगी। मैं सभी सनातन धर्मावलंबियों से आग्रह करती हूँ कि वे इस पवित्र कार्य में सहयोग करें और धर्म ध्वजा को ऊँचा उठाने में सहभागी बनें।”