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झारखंड

सिंहभूम चैम्बर (Singhbhum Chamber) ने चाकुलिया क्षेत्र में जंगली हाथियों के उत्पात से औद्योगिक विकास में हो रही बाधाओं एवं मजदूरों के जानमाल की सुरक्षा को लेकर पत्र के माध्यम से उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम का कराया ध्यानाकृष्ट।

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जमशेदपुर | झारखण्ड 

सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने पिछले एक-दो वर्षों से घाटशिला अनुमंडल के चाकुलिया प्रखंड क्षेत्र में घुसकर जंगली हाथियों द्वारा उत्पात/उपद्रव मचाने से वहां अवस्थित औद्योगिक ईकाइयों को हो रही परेशानी और मजदूरों, सुरक्षा गार्डों के जानमाल की सुरक्षा को लेकर उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम मंजूनाथ भजंत्री, भा.प्र.से. को पत्र लिखकर उनका ध्यानाकृष्ट कराया गया है तथा इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, मुख्य सचिव एल. खियांग्ते, भा.प्र.से. एवं उद्योग सचिव जितेन्द्र सिंह, भा.प्र.से. को भी प्रेषित की गई है।  यह जानकारी अध्यक्ष विजय आनंद मूनका एवं मानद महासचिव मानव केडिया ने संयुक्त रूप से दी।    

अध्यक्ष ने कहा कि चाकुलिया में पिछले कई वर्षों से काफी संख्या में उद्योग एवं कल-कारखाने अवस्थित हैं।  हाथी भोजन-पानी की तलाश में भटककर इन औद्योगिक प्रतिष्ठानों की चाहरदीवारी को तोड़कर अंदर प्रवेश कर जाते हैं तथा वहां के मशीनों, सामानों इत्यादि को नुकसान भी पहुंचाते हैं।  हाथियों के इस तरह औद्योगिक प्रतिष्ठानों में घुसकर उत्पात मचाने से यहां काम कर रहे मजदूर डरे हुये हैं तथा अपने जानमाल की सुरक्षा की चिन्ता उन्हें लगी रहती है वे डरे-सहमें हुये हैं। इस कारण वे विलंब से औद्योगिक प्रतिष्ठानों मेें पहुंचते हैं तथा समय से पहले वापस लौट जाते हैं।  इससे उनका और औद्योगिक प्रतिष्ठानों का काम प्रभावित हो रहा है। जिनसे औद्योगिक उत्पादन भी गिर रहा है और उद्यमियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।  

उपाध्यक्ष, उद्योग पुनीत कांवटिया ने बताया कि यह एक ग्रामीण क्षेत्र है जहां पुराने उद्यमियों द्वारा वर्षों पहले उद्योग स्थापित किया गया था और यहां रोजगार उत्पन्न हुये लेकिन इन परिस्थितियों के कारण वो बंद होने के कगार पर पहुंच जायेंगे।  जिससे यहां का विकास पूरी तरह रूक जायेगा और बेरोजगारी बढ़ेगी तथा राज्य के राजस्व को भी नुकसान होगा।  

सचिव, उद्योग विनोद शर्मा ने कहा कि इन परिस्थितियों से आज की नई पीढ़ी यहां उद्योग स्थापित करने के बजाय यहां से पलायन कर दूसरे राज्यों/स्थानों में नौकरी या व्यवसाय कर रहे हैं।  जो उचित नहीं है।

मानद महासचिव मानव केडिया ने बताया कि इससे संबंधित शिकायत स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, चाकुलिया की ओर से सिंहभूम चैम्बर को लिखित में भी दी गई है जिसमें उन्होंने कहा है कि संभवतः हाथी पश्चिम बंगाल वन क्षेत्र तथा दलमा वन्य जीव अभ्यारण्य से भटक कर प्रायः इस क्षेत्र में पहुंच जाते हैं जबकि प्राप्त जानकारी के अनुसार यह क्षेत्र एलिफेंट जोन में भी नहीं आता है।  हाथियों के यहां आकर उत्पात मचाने से यहां के औद्योगिक प्रतिष्ठानों में कार्यरत मजदूरों, सुरक्षा प्रहरियों में भय का माहौल व्याप्त है। जिन क्षेत्रों में हाथी प्रवेश करते हैं वहां की विद्युत सप्लाई घंटों बंद कर दी जाती है जबतक कि हाथी वहां से निकल न जाय।  विद्युत सप्लाई लगातार घंटों बंद रहने से कारखानों का काम ठप पड़ जाता है और मजदूरों को असमय छुट्टी देना पड़ता है जिससे उत्पादन में लगातार गिरावट हो रही है।  लेकिन मजदूरों को उनकी पूरी मजदूरी औद्योगिक प्रतिष्ठानों को देना पड़ता है।  इस स्थिति में उद्योगों का संचालन करना उनके समक्ष मुश्किल हो रहा है।

इसलिये चैम्बर ने उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द हाथियों के इस क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने के लिये स्थाई व्यवस्था बनाई जाय।  

सिंहभूम चैम्बर के अन्य पदाधिकारियों उपाध्यक्ष अनिल मोदी, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सचिव भरत मकानी, अधिवक्ता अंशुल रिंगसिया, सुरेश शर्मा लिपु एवं कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया, ने भी इस मुद्दे पर आवश्यक कदम उठाने का आग्रह उपायुक्त से किया है।

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